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Kota News: भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय सिंह पलायथा का निधन, 20 साल तक बिना वेतन लिए की जनसेवा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोटा
Published by: कोटा ब्यूरो
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:20 PM IST
सार
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक विजय सिंह पलायथा का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल पलायथा ने 20 साल तक बिना वेतन जनता की सेवा की थी।
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पूर्व विधायक विजय सिंह पलायथा का निधन
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विस्तार
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक विजय सिंह पलायथा का गुरुवार को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कोटा के स्टेशन रोड स्थित मोहन निवास में अंतिम सांस ली।
विजय सिंह पलायथा कम उम्र में ही जनसंघ से जुड़ गए थे और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे। वे एक बार दीगोद क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक अंता पंचायत समिति के प्रधान के रूप में कार्य किया लेकिन विशेष बात यह रही कि उन्होंने प्रधान रहते कभी वेतन नहीं लिया। उनका कहना था कि मैं राजकोष से वेतन कैसे ले सकता हूं? अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शारबाग में रखा जाएगा।
साल 1993 में भाजपा ने विजय सिंह पलायथा को दीगोद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार बृजबिहारी को हराकर जीत दर्ज की थी। बाद में 1998 में पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया, लेकिन इस बार वे चुनाव नहीं जीत पाए।
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विजय सिंह पलायथा का जन्म 1933 में हुआ था। उन्होंने मध्यप्रदेश के ग्वालियर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कृषि में डिग्री हासिल की।
उनके पौत्र और वर्तमान सरपंच अनूप सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार शुक्रवार को पैतृक गांव पलायथा में किया जाएगा।
रिश्तेदार प्रताप सिंह नागदा ने बताया कि विजय सिंह पलायथा उस दौर में प्रधान रहे जब बारां और कोटा एक ही जिला हुआ करता था। उन्होंने न केवल 20 वर्षों तक पंचायत समिति के प्रधान के रूप में सेवा दी, बल्कि दो बार जिला परिषद प्रमुख का चुनाव भी लड़ा। वे कहते थे- चुनाव हार-जीत का नहीं, विचारधारा का होता है। वे सदैव पार्टी की नीतियों और जनता के प्रति निष्ठा को सर्वोपरि मानते थे।
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विजय सिंह पलायथा कम उम्र में ही जनसंघ से जुड़ गए थे और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे। वे एक बार दीगोद क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक अंता पंचायत समिति के प्रधान के रूप में कार्य किया लेकिन विशेष बात यह रही कि उन्होंने प्रधान रहते कभी वेतन नहीं लिया। उनका कहना था कि मैं राजकोष से वेतन कैसे ले सकता हूं? अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शारबाग में रखा जाएगा।
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साल 1993 में भाजपा ने विजय सिंह पलायथा को दीगोद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार बृजबिहारी को हराकर जीत दर्ज की थी। बाद में 1998 में पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया, लेकिन इस बार वे चुनाव नहीं जीत पाए।
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विजय सिंह पलायथा का जन्म 1933 में हुआ था। उन्होंने मध्यप्रदेश के ग्वालियर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से कृषि में डिग्री हासिल की।
उनके पौत्र और वर्तमान सरपंच अनूप सिंह ने बताया कि अंतिम संस्कार शुक्रवार को पैतृक गांव पलायथा में किया जाएगा।
रिश्तेदार प्रताप सिंह नागदा ने बताया कि विजय सिंह पलायथा उस दौर में प्रधान रहे जब बारां और कोटा एक ही जिला हुआ करता था। उन्होंने न केवल 20 वर्षों तक पंचायत समिति के प्रधान के रूप में सेवा दी, बल्कि दो बार जिला परिषद प्रमुख का चुनाव भी लड़ा। वे कहते थे- चुनाव हार-जीत का नहीं, विचारधारा का होता है। वे सदैव पार्टी की नीतियों और जनता के प्रति निष्ठा को सर्वोपरि मानते थे।