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Sirohi News: जवाईबांध की भराव क्षमता के पास पहुंचा पानी, कभी भी खोले जा सकते हैं गेट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिरोही
Published by: सिरोही ब्यूरो
Updated Fri, 05 Sep 2025 10:18 PM IST
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जवाईबांध।
- फोटो : अमर उजाला
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लगातार हो रही बारिश के चलते शुक्रवार को जवाईबांध में पानी का भराव बढ़कर 58.85 फीट हो गया है। आगामी दिनों में बारिश को लेकर मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट के मद्देनजर कभी भी गेट खोले जा सकते हैं। इसलिए आमजन को बांध के बहाव क्षेत्र के आसपास किसी प्रकार की गतिविधियां नहीं करने की हिदायत दी जा रही है।
जवाई नहर खंड सुमेरपुर के अधिशाषी अभियंता राज भंवरायत के अनुसार जवाई बांध का अधिकतम गेज 61.25 फीट है तथा इसकी अधिकतम भराव क्षमता 7327.50 मिलियन घन फीट है। इसके विरुद्ध 5 सितंबर 2025 को शाम 5 बजे तक बांध का गेज 58.85 फीट हो गया है। बांध की भराव क्षमता 6701.60 मिलियन घन फीट है। बांध के केचमेन्ट क्षेत्र में पानी की आवक एवं आगामी दिनों में मौसम विभाग की तरफ से बारिश के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए बांध के गेट किसी भी समय खोले जा सकते हैं। इसलिए आमजन को जवाई बांध के गेटों को कभी भी खोले जाने से बांध के नीचे (डाउन स्ट्रीम) में जवाई नदी के बहाव क्षेत्र, आसपास किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं करने की हिदायत दी गई है।
सिरोही, जालौर एवं पाली जिले के सैकड़ों गांवों में पेयजल का है मुख्य स्रोत
जवाई बांध पाली सहित तीन जिलों के लोगों और किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज यह पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है। 900 गांवों की प्यास बुझाने वाले जवाई बांध का निर्माण उन परिस्थितियों में जोधपुर के पूर्व महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा करवाया गया था। जब वर्ष 1903 में जवाई नदी में आई बाढ़ से पाली और जालोर जिलों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। उसके बाद पूर्व महाराजा उम्मेद सिंह के मन में आया कि इस बांध का निर्माण करवाया जाएगा और फिर वर्ष 1946 में यह काम शुरू हुआ और 1957 में काम पूरा हुआ। जिसके बाद से आज तक पाली वासियों की प्यास बुझाने के साथ-साथ किसानों को सिंचाई के लिए जल भी यहीं से उपलब्ध करवाया जाता है।
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