Himachal: ठियोग में हुए पानी के घोटाले में चालान पेश करने की तैयारी, विजिलेंस ने मांगी प्रशासनिक मंजूरी
विजिलेंस ने इसके लिए विभाग से प्रशासनिक मंजूरी मांगी है। विजिलेंस ने इस मामले में 7 कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर और ठेकेदारों को आरोपी बनाया है।
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शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पानी की आपूर्ति में हुए लाखों के गड़बड़झाले में चालान पेश करने की तैयारी है। विजिलेंस ने इसके लिए विभाग से प्रशासनिक मंजूरी मांगी है। विजिलेंस ने इस मामले में 7 कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियर और ठेकेदारों को आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि इनमें तीन ठेकेदार और पांच इंजीनियर व कर्मचारी हैं। विजिलेंस ने इस मामले में इसी साल 3 फरवरी को मामला दर्ज किया था। प्रदेश सरकार ने इस मामले में जलशक्ति विभाग के करीब 10 इंजीनियरों को निलंबित किया था। हालांकि, बाद में इनका निलंबन बहाल कर दिया गया। कई इंजीनियरों को इधर से उधर किया गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
विजिलेंस ब्यूरो ने जांच में पाया है कि विभाग के इंजीनियरों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। जल शक्ति विभाग की ओर से जारी किए गए टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं हुआ है। शर्तों के मुताबिक ठियोग के लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालकों ने नालों से पानी भरकर लोगों को पिला दिया।
आरोप हैं कि ठेकेदारों ने जल शक्ति विभाग के दफ्तर में कर्मचारियों के साथ मिलकर बिल तैयार किए हैं। इसमें निलंबित इंजीनियरों, लिपिक की लापरवाही सामने आई है। अधिशासी अभियंता ने जूनियर इंजीनियरों की ओर से तैयार बिल बिना जांचे आगे सरका दिए। विजिलेंस ने इस मामले में 120 लोगों से पूछताछ की है।
यह है मामला
बता दें कि ठियोग में पिछले साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर लाखों का घोटाला सामने आया है। टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए ठेकेदार को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए, उनमें मोटरसाइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की सरकारी गाड़ी भी शामिल है। दो ऐसे गावों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाई गई, जहां सड़क नहीं है। ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग उपमंडल में पानी की आपूर्ति में बड़े घोटाले का आरोप लगाया था।