iPhone: भारत और चीन में आईफोन असेंबल होता है या मैन्युफैक्चर, दोनों में क्या है अंतर?
अब धीरे-धीरे ट्रंप नरम पड़ रहे हैं। ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैक्स को 30 फीसदी कर दिया है जो कि बड़ी राहत है और इसी बीच ट्रंप ने भारत के खिलाफ एक बयान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा है कि वे भारत की बजाय अमेरिका में आईफोन का निर्माण करें।

विस्तार
एलन मस्क के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिनके हर एक फैसले पर विवाद हो रहा है। एलन मस्क भी अपने फैसले के कारण आलोचना के शिकार होते हैं और एलन मस्क भी। कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने मेड इन अमेरिका को बढ़ावा देने के लिए पूरी दुनिया पर एक टैक्स लगाया। सबसे ज्यादा टैक्स चीन पर लगाया गया, क्योंकि अमेरिका में सबसे ज्यादा चीन से सामान का आयात होता है। अब धीरे-धीरे ट्रंप नरम पड़ रहे हैं। ट्रंप ने चीन पर लगाए गए टैक्स को 30 फीसदी कर दिया है जो कि बड़ी राहत है और इसी बीच ट्रंप ने भारत के खिलाफ एक बयान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने एपल के सीईओ टिम कुक से कहा है कि वे भारत की बजाय अमेरिका में आईफोन का निर्माण करें।

ट्रंप ने वास्तव में भारत में आईफोन के निर्माण को लेकर क्या कहा है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने एपल के सीईओ टिम कुक से बात की है और उनसे भारत में एपल के उत्पादन का विस्तार न करने के लिए कहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने दोहा में एक कार्यक्रम में टिम कुक से कहा कि हमें आपके भारत में निर्माण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वे अपना ख्याल खुद रख सकते हैं। वे बहुत अच्छा कर रहे हैं।
ट्रंप ने कहा है कि इस बातचीत के बाद एपल अमेरिका में अपना उत्पादन बढ़ाएगा, हालांकि उन्होंने चर्चा के परिणाम या भारत में एपल की योजनाओं में किसी भी बदलाव के बारे में और विवरण साझा नहीं किया। ट्रंप की टिप्पणी भारत की ओर से अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने की चेतावनी के कुछ ही दिनों बाद आई है। भारत का यह प्रस्ताव अमेरिका की ओर से भारतीय स्टील और एल्युमीनियम निर्यात पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में दिया गया था।
असेंबल और मैन्युफैक्चर में क्या अंतर है?
आमतौर पर जब किसी प्रोडक्ट के निर्माण की बात आती है तो दो शब्द सामने आते हैं, एक असेंबल और दूसरा मैन्युफैक्चर। इन दोनों शब्दों में बड़ा अंतर है लेकिन लोग दोनों को एक ही समझते हैं।
- मैन्युफैक्चर (निर्माण): यह किसी उत्पाद को शुरू से अंत तक बनाने की पूरी प्रक्रिया को कहते हैं। इसमें कच्चे माल से लेकर सभी कंपोनेंट्स (पार्ट्स) का निर्माण और फिर उन्हें जोड़कर अंतिम उत्पाद तैयार करना शामिल है। उदाहरण: अगर कोई कंपनी खुद चिप्स, डिस्प्ले, बैटरी आदि बनाए और फिर आईफोन बनाए, तो यह मैन्युफैक्चरिंग है। इसमें डिजाइन, कच्चे माल की प्रोसेसिंगऔर पार्ट्स का उत्पादन सब शामिल होता है।
- असेंबल (जोड़ना): यह केवल पहले से बने कंपोनेंट्स को एक साथ जोड़कर अंतिम उत्पाद तैयार करने की प्रक्रिया है। इसमें पार्ट्स का निर्माण नहीं होता, बल्कि वे आयात किए जाते हैं और फिर एक जगह इकट्ठा (असेंबल) किए जाते हैं। उदाहरण: भारत या चीन में आईफोन की असेंबली में ताइवान, कोरिया आदि से आए चिप्स, डिस्प्ले, कैमरा आदि को जोड़कर फोन तैयार किया जाता है।
भारत और चीन में आईफोन असेंबल होता है या मैन्युफैक्चर?
चीन और भारत दोनों देश में आईफोन मुख्य रूप से असेंबल होता है, न कि पूरी तरह से मैन्युफैक्चर। इसका मतलब है कि आईफोन के विभिन्न कंपोनेंट्स (जैसे चिप्स, डिस्प्ले, कैमरा आदि) दुनिया भर के अलग-अलग देशों में बनाए जाते हैं और फिर इन्हें चीन और भारत की फैक्ट्रियों जैसे कि Foxconn और Pegatron में असेंबल किया जाता है। भारत में आईफोन असेंबली मुख्य रूप से Foxconn (चेन्नई, तमिलनाडु), Pegatron (चेन्नई), और Wistron (बेंगलूरू, अब Tata Group के अधीन) की फैक्ट्रियों में होती है।
तो कुल मिलाकर कहें तो ट्रंप भले ही मेड इन अमेरिका का राग अलाप रहे हैं लेकिन उन्हें कच्चे माल और पार्ट्स के लिए अन्य देशों पर ही निर्भर रहना होगा। अभी भारत में केवल असेंबली होती है, लेकिन कुछ छोटे कंपोनेंट्स (जैसे चार्जर, केबल) का स्थानीय उत्पादन शुरू हो रहा है। भविष्य में और पार्ट्स भारत में बन सकते हैं।