सब्सक्राइब करें

Smart Watch: कलाई की घड़ी कैसे पढ़ लेती है दिल की धड़कन, कैसे काउंट करती है स्टेप्स, जानिए पूरा विज्ञान

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Thu, 11 Sep 2025 05:04 PM IST
सार

How Smart Watch Works: स्मार्टवॉच और स्मार्ट रिंग जैसी डिवाइस आज न सिर्फ समय बताती हैं बल्कि आपके हेल्थ से जुड़ी कई अहम जानकारियां भी देती हैं। जानिए, ये गैजेट्स आपके स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए आखिर किस तकनीक पर काम करती हैं।

विज्ञापन
how smartwatch heart rate tracking works know about sensors and technology used
जानिए स्मार्टवॉच की तकनीक - फोटो : AI
आजकल घड़ियों का काम केवल समय दिखाना ही नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य से जुड़ी अहम जानकारियां भी देना है। आज के समय में स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड में हार्ट ट्रैकिंग फीचर मिलना आम हो गया है। यही नहीं, अब तो स्मार्ट रिंग और यहां तक कि कुछ एयरपॉड्स में भी यह सुविधा शामिल होने लगी है। कहा जाता है कि हार्ट रेट से दिल के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिल सकती है। अगर धड़कनें सामान्य हैं तो समझिए दिल अच्छी तरह से ब्लड पंप कर रहा है और शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंच रही है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर ये डिवाइस धड़कनें गिनती कैसे हैं? आइए जानते हैं...
loader
Trending Videos
how smartwatch heart rate tracking works know about sensors and technology used
कैसे काम करती है तकनीक - फोटो : FREEPIK
चलता फिरता हेल्थ डिवाइस
दरअसल, स्मार्टवॉच कोई साधारण घड़ी नहीं बल्कि चलता फिरता हेल्थ डिवाइस होता है। इसमें ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और एक्टिविटी ट्रैक करने के लिए कई तरह के सेंसर लगाए जाते हैं। आपने अक्सर स्मार्टवॉच के नीचे की तरफ हरी रोशनी झिलमिलाते देखी होगी। यही ग्रीन लाइट और उसके साथ लगा ऑप्टिकल सेंसर, हार्ट रेट मापने का काम करता है। दरअसल, लाल और हरा रंग कलर व्हील पर एक-दूसरे के विपरीत होते हैं। खून ग्रीन लाइट को आसानी से सोख लेता है। जब रोशनी खून से टकराकर वापस लौटती है, तो ऑप्टिकल सेंसर उसे पकड़ लेता है और वहीं से धड़कनें मापी जाती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
how smartwatch heart rate tracking works know about sensors and technology used
हार्टबीट रिकॉर्ड करता है सेंसर - फोटो : FREEPIK
हार्टबीट रिकॉर्ड करता है सेंसर
इस प्रोसेस को फोटोप्लेथिस्मोग्राफी (PSP) कहते हैं। हर बार दिल धड़कने पर हार्ट मसल सिकुड़ती है और नसों में खून की मात्रा बढ़ जाती है। मसल्स के रिलैक्स होने पर खून कम हो जाता है। जब नसें फूलती हैं तो वे ज्यादा ग्रीन लाइट अब्जॉर्ब करती हैं और रिलैक्स होने पर कम। यही पैटर्न सॉफ्टवेयर को हार्ट रेट को गिनने में मदद करता है और आपको वॉच पर रियल-टाइम डेटा दिखाई देता है।
how smartwatch heart rate tracking works know about sensors and technology used
बीमारियों का भी संकेत - फोटो : FREEPIK
बीमारियों का देता है संकेत
आज कई टेक कंपनियां ऐसे डिवाइस और सॉफ्टवेयर बना रही हैं जिनमें एडवांस एल्गोरिद्म शामिल हैं। ये सिर्फ पल्स रेट ही नहीं, बल्कि कुछ पैटर्न देखकर संभावित बीमारियों के शुरुआती संकेत भी पकड़ सकते हैं। हालांकि, अभी यह तकनीक पूरी तरह सटीक नहीं है, इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप करना जरूरी माना जाता है।
विज्ञापन
how smartwatch heart rate tracking works know about sensors and technology used
स्टेप्स और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए होते हैं सेंसर - फोटो : FREEPIK
स्टेप्स और लोकेशन ट्रैकिंग के लिए होते हैं सेंसर
स्मार्टवॉच में आपके मोशन या स्टेप्स को काउंट करने के लिए भी एक सेंसर लगाया जाता है जिसे एक्सेलरोमीटर कहते हैं। यह मोशन के पैटर्न को डिटेक्ट करता है और पता लगाता है कि व्यक्ति खड़ा है, चल रहा है या दौड़ लगा रहा है। मोशन से मिले इनपुट को यह सेंसर स्टेप काउंट में बदलकर आंकड़े दिखाता है। इसके अलावा, स्मार्टवॉच में आजकल जीपीएस सेंसर का भी इस्तेमाल आम होता जा रहा है। यह सेंसर आपके लोकेशन पर नजर रखता है और उसके मुताबिक बताता है कि आपने कितना डिस्टेंस तय किया।
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest gadgets News apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed