वीडियो गेम की लत को लेकर अच्छी खबरें शायद ही पढ़ने को मिलती हैं लेकिन बुरी खबरें लगातार आ रही हैं। वीडियो की दीवानगी अब पागलपन में बदल रही है। पबजी जैसे बैटलग्राउंड गेम बच्चों की दिमाग तक कितना गहरा प्रभाव डाल रहे हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि
लखनऊ में पबजी गेम के आदी एक नाबालिग बेटे ने मां साधना सिंह (40) की गोली मारकर हत्या कर दी है और शव के साथ दो दिन व तीन रात तक घर में रहा। उसने अपनी छोटी बहन को धमकी दी कि अगर पुलिस या किसी को बताया तो उसे भी मार देगा। तीन दिन बाद जब बदबू फैलने लगी तब बात खुली।
2020 में अमेरिका के सीएस मोट्ट चिल्ड्रेन हॉस्पिटल ने एक सर्वे में दावा किया गया था कि वीडियो गेम खेलने से बच्चे समझदार बनते हैं। सर्वे में शामिल 71 फीसदी माता-पिता ने माना था कि वीडियो गेम खेलना उनके बच्चों के लिए बढ़िया है और वीडियो गेम खेलने से बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वहीं 44 फीसदी पैरेंट्स वीडियो गेम पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
सर्वे और वास्तविकता में जमीन-आसमान का फर्क है। सर्वे कहता है कि वीडियो गेम खेलने से बच्चे समझदार बनते हैं और जमीनी हकीकत यह है कि बच्चे हिंसक बन रहे हैं। ताजा मामला लखनऊ से सामने आया है। इससे पहले भी देश में इस तरह की गई घटनाएं हो चुकी हैं। आइए इन पर डालते हैं एक नजर....
इंदौर में एक 23 साल के लड़के ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में आत्महत्या कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक मूसाखेड़ी के बसंत नाम के एक लड़का ऑनलाइन गेम के चक्कर में भारी कर्ज में डूब गया था जिसके बाद उसने मौत को गले लगा लिया। उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसने गेम में बहुत पैसे हारे हैं। इस वजह से सुसाइड कर रहा है।
पबजी गेम को 2020 में भारत में बैन कर दिया गया था, लेकिन वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए इसका इस्तेमाल होता रहा। 2021 में मध्य प्रदेश के देवास में दीपक राठौर नाम के एक युवक की मौत गेम खेलने के दौरान हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक 19 साल का दीपक पबजी गेम खेल रहा था, तभी हार्ट अटैक का शिकार हो गया। परिजनों के मुताबिक दीपक पबजी गेम का आदि था और पिछले कई दिनों से कुछ ज्यादा ही गेम खेलता था। दीपक विकलांग था, ऐसे में वह अधिकतर घर पर ही रहता था और गेम खेलता था।
यह मामला 2020 का है। पंजाब के मोहाली में एक 15 साल के बच्चे ने पबजी मोबाइल खेलने के लिए अपने दादा जी के अकाउंट से दो लाख रुपये खर्च कर दिए। बच्चे ने अपने दादा जी के पेंशन के पैस खर्च किए। इससे पहले पंजाब के ही एक बच्चे ने पिताजी के बैंक अकाउंट से 16 लाख रुपये पबजी में उड़ाए थे।
- कोशिश करें कि आपका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ फिजिकल गेम में व्यस्त रहे ना कि वर्चुअल गेम में।
- इसके अलावा अपने बच्चों से बात करें और गेम के लिए एक समय तय करें।
- यदि बच्चा गेमिंग के कारण चिड़चिड़ा हो रहा है तो उसे लेकर कहीं घूमने जाएं, उससे बातें करें, उसे गेम के अलावा अन्य टास्क दें या फिर किसी कंसलटेंट से भेंट करें।
- कोशिश करें कि आपका बच्चा पूरी नींद ले। बच्चे को गेम के अलावा किसी अन्य एक्टिविटी जैसे पेंटिंग, गार्डेनिंग आदि में उलझाएं।
- कोशिश करें कि आपका बच्चा अकेले की बजाय परिवार के सदस्यों के सामने गेम खेले।
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वीडियो गेम की लत को लेकर अच्छी खबरें शायद ही पढ़ने को मिलती हैं लेकिन बुरी खबरें लगातार आ रही हैं। वीडियो की दीवानगी अब पागलपन में बदल रही है। पबजी जैसे बैटलग्राउंड गेम बच्चों की दिमाग तक कितना गहरा प्रभाव डाल रहे हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि लखनऊ में पबजी गेम के आदी एक नाबालिग बेटे ने मां साधना सिंह (40) की गोली मारकर हत्या कर दी है और शव के साथ दो दिन व तीन रात तक घर में रहा। उसने अपनी छोटी बहन को धमकी दी कि अगर पुलिस या किसी को बताया तो उसे भी मार देगा। तीन दिन बाद जब बदबू फैलने लगी तब बात खुली।