Drone Rules India: ड्रोन खरीदने जा रहे तो पहले सारे नियम जान लें, नहीं तो पैसा होगा बर्बाद, अरेस्ट भी होंगे
ड्रोन उड़ाने के लिए आपको सबसे पहले https://digitalsky.dgca.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर ड्रोन ऑपरेटर (Remote Pilot) के रूप में रजिस्ट्रेशन करना होगा। अपने ड्रोन का यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) लेना होगा। पंजीकरण के बाद ड्रोन को एक डिजिटल टैग या QR कोड से चिन्हित करना अनिवार्य है।

विस्तार
ड्रोन यानी मानवरहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) अब केवल सेना तक सीमित नहीं रहे। वे आज फोटोग्राफी, फिल्म मेकिंग, कृषि, सर्वेक्षण, सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स जैसे कई क्षेत्रों में आम हो चुके हैं, लेकिन भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ कानूनी नियम और शर्तें तय की गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। यदि आप भारत में ड्रोन खरीदने या उड़ाने की सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं ड्रोन से जुड़े नियम, पंजीकरण प्रक्रिया और जरूरी सावधानियों के बारे में...

भारत में ड्रोन से जुड़े प्रमुख कानून व नियम (DGCA द्वारा निर्धारित)
भारत में ड्रोन उड़ाने से संबंधित सभी नियमों की निगरानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) करता है। इसके लिए 2021 में भारत सरकार ने Drone Rules 2021 जारी किए थे, जिन्हें और सरल करते हुए बाद में कुछ बदलाव भी किए गए।
ड्रोन की श्रेणियां
नैनो ड्रोन
- वजन: 250 ग्राम तक
- उड़ान ऊंचाई: 50 फीट तक
- पंजीकरण: नहीं आवश्यक (यदि गैर-व्यावसायिक उपयोग हो)
माइक्रो ड्रोन
- वजन: 250 ग्राम से 2 किलो तक
- उड़ान ऊंचाई: 200 फीट तक
- पंजीकरण: आवश्यक
स्मॉल ड्रोन:
वजन: 2 किलो से 25 किलो तकउड़ान ऊंचाई: 400 फीट तक
DGCA की अनुमति आवश्यक
मीडियम व लार्ज ड्रोन
- वाणिज्यिक व सुरक्षा कार्यों में इस्तेमाल
- विशेष अनुमति अनिवार्य
ड्रोन खरीदने और उड़ाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
- ड्रोन उड़ाने के लिए आपको सबसे पहले https://digitalsky.dgca.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर ड्रोन ऑपरेटर (Remote Pilot) के रूप में रजिस्ट्रेशन करना होगा। अपने ड्रोन का यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) लेना होगा। पंजीकरण के बाद ड्रोन को एक डिजिटल टैग या QR कोड से चिन्हित करना अनिवार्य है।
अनुमति कहां जरूरी, कहां नहीं
- हर उड़ान के लिए DGCA के DigitalSky पोर्टल या एप से अनुमति लेना जरूरी है। हवाई अड्डों, सैन्य क्षेत्रों, संसद भवन, सीमा क्षेत्र, और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास ड्रोन उड़ाना सख्त वर्जित है।
ड्रोन उड़ान के लिए भारत को तीन क्षेत्रों में बांटा गया है..
- ग्रीन जोन: बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाया जा सकता है (नियंत्रित सीमा के भीतर)
- येलो जोन: अनुमति आवश्यक
- रेड जोन: पूर्ण प्रतिबंध
माइक्रो और उससे बड़े ड्रोन के लिए प्रशिक्षण लेना और लाइसेंस प्राप्त करना जरूरी है। इसे केवल DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग स्कूल से ही किया जा सकता है।
ड्रोन उड़ाने में कौन-कौन सी सावधानियां जरूरी हैं?
सार्वजनिक जगहों पर उड़ाते समय लोगों की भीड़ से दूर रहें। रात के समय ड्रोन उड़ाना केवल अनुमति प्राप्त होने पर ही करें। ड्रोन से गोपनीयता का उल्लंघन न करें (जैसे किसी के घर या निजी संपत्ति की रिकॉर्डिंग) ड्रोन में फ्लाइट लॉगिंग और GPS ट्रैकिंग ऑन रखें। किसी भी तरह की दुर्घटना या सुरक्षा उल्लंघन की स्थिति में स्थानीय पुलिस और DGCA को सूचित करें। भारत में चाइनीज ड्रोन के कई मॉडलों पर प्रतिबंध है। फायरक्रैकर्स, हथियार या खतरनाक सामान ले जाने के लिए ड्रोन का उपयोग गैरकानूनी है। ड्रोन को जासूसी या सैन्य निगरानी के लिए उपयोग करना बिना लाइसेंस के अपराध की श्रेणी में आता है।
ड्रोन खरीदते समय किन बातों का ख्याल रखें?
- DGCA प्रमाणित ब्रांड या मॉडल ही खरीदें।
- ड्रोन में GPS, Altitude Control, Collision Avoidance जैसे फीचर्स हों।
- ड्रोन के साथ मिले सीरियल नंबर या यूनिक ID को संभालकर रखें।
- ड्रोन की बैटरी क्षमता और उड़ान समय जांचें।
- ड्रोन के पार्ट्स (प्रोपेलर, मोटर, कैमरा) की रिप्लेसमेंट सुविधा हो।