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नियमों के उल्लंघन पर टिक टॉक ने डिलीट किए 60 लाख वीडियोज
टेक डेस्क, अमर उजाला
Published by: प्रदीप पांडे
Updated Tue, 23 Jul 2019 01:09 PM IST
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टिक टॉक ऐप (फाइल फोटो)
- फोटो : Social Media
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शॉर्ट वीडियो एप टिक टॉक ने भारत में अपने कंटेंट गाइडलाइन नियम का उल्लंघन करने पर अपने प्लेटफॉर्म से 60 लाख वीडियो डिलीट किए हैं। कंपनी ने एक अधिकारी ने कहा है कि टिक टॉक भारत में अपने गाइडलाइन को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी और अश्लील कंटेंट को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा। बता दें कि हाल ही में सरकार ने टिक टॉक से 24 सवाल पूछे हैं। वहीं टिक टॉक ने कहा है कि वह जल्द ही भारत में डाटा सेंटर खोलने वाला है जहां भारतीय यूजर्स के डाटा स्टोर होंगे।

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कंपनी के बयान के मुताबिक 6-18 महीनों में भारत में डाटा स्टोर के लिए सर्वर काम करने लगेगा। बता दें कि फिलहाल भारतीय यूजर्स का डाटा कंपनी ने अमेरिका और सिंगापुर में रखा है। वहीं भारत में टिकटॉक के यूजर्स की संख्या व्हाट्सएप और फेसबुक के यूजर्स के करीब पहुंच गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ यूजर्स हो गए हैं। बता दें कि कंपनी ने कुछ दिन पहले ही कुछ सुरक्षा टिप्स भी जारी किए हैं। कंपनी का कहना है कि वह अपने एप एजुकेशनल कंटेंट भी समय समय पर उपलब्ध कराती है।
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1. ऐज गेट- कम उम्र के उपयोगकर्ताओं को टिक टॉक से बाहर रखने के लिए ऐज गेट की सुविधा है। ऐसे में टिक टॉक पर13 वर्ष और उससे अधिक उम्र के यूजर्स ही अपना अकाउंट बना सकते हैं।
2. पैरेंटल कंट्रोल- पैरेंटल कंट्रोल की सुविधा में स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट तथा रिस्ट्रिक्टेड मोड दोनों शामिल हैं। एप्लिकेशन में इस सुविधा को डिजिटल वेलबीइंग कहा जाता है। इस सुविधा के जरिए जब माता- पिता अपने बच्चे के फोन पर स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट तथा रिस्ट्रिक्टेड मोड को चालू करते हैं, तब उन्हें एक पासवर्ड सेट करने का अवसर मिलता है। पासवर्ड को जाने बगैर बच्चा प्रतिदिन केवल सीमित समय के लिए वीडियो देख सकता है या फिर केवल फिल्टर की गई सामग्री को देख सकता है।
3. रिस्ट्रिक्टेड मोड- रिस्ट्रिक्टेड मोड दरअसल अकाउंट की सेटिंग के लिए दिया जाने वाला एक विकल्प है जो कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए अनुपयुक्त वीडियो या सामग्रियों को प्रतिबंधित कर देता है। इस सुविधा को एक पासवर्ड के माध्यम से सक्रिय किया जाता है जिसकी वैधता अवधि 30 दिनों की होती है।
4. स्क्रीन टाइम मैनेजमेंटर- स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट के माध्यम से माता-पिता के साथ-साथ उपयोगकर्ताओं को 40, 60, 90 या 120 मिनट की समय सीमा निर्धारित करने की सुविधा मिलती है। निर्धारित समय सीमा तक पहुंचने के बाद उपयोगकर्ता को टिक टॉक का उपयोग जारी रखने के लिए पासवर्ड दर्ज करना होगा।
5. रिस्क वॉर्निंग टैग- खतरनाक वीडियो पर कंपनी रिस्क वॉर्निंग टैग लगाती है। ताकि यूजर्स को उस वीडियो के बारे में जानकारी मिले। इस टैग के साथ उस वीडियो की नकल ना करने की सलाह दी जाती है।