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TikTok: अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चाइनीज एप, अब नए डेटा ट्रांसफर विवाद में फंसा, दोबारा चलेगी जांच
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 10 Jul 2025 07:01 PM IST
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सार
TikTok Data Transfer Investigation: चीन को यूजर डेटा ट्रांसफर करने के मामले में TikTok एक बार फिर यूरोपीय जांच के घेरे में आ गया है। आयरलैंड की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी ने चीन में डेटा स्टोरेज और एक्सेस को लेकर एक नई जांच की शुरुआत की है।

टिकटॉक
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
पॉपुलर शॉर्ट वीडियो एप TikTok पर यूरोप में एक बार फिर प्राइवेसी उल्लंघन का गंभीर आरोप लगा है। यूरोपीय यूनियन की डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी (DPC) ने TikTok के खिलाफ नई जांच शुरू की है, जिसमें यह पता लगाया जाएगा कि ऐप ने यूरोपीय यूजर डेटा को चीन में कैसे और किन शर्तों के तहत ट्रांसफर किया।
यह जांच पहले से चल रही उस जांच का ही विस्तार है, जिसमें TikTok पर 530 मिलियन यूरो (लगभग 620 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया था। उस समय यह पाया गया था कि एप ने चीन में रिमोट एक्सेस के जरिए यूजर्स के डेटा को जोखिम में डाला।
क्यों उठे रहे हैं सवाल?
TikTok ने पहले दावा किया था कि वह यूरोपीय यूजर डेटा चीन में स्टोर नहीं करता, बल्कि केवल वहां के कर्मचारी दूरस्थ तरीके से डेटा एक्सेस करते हैं। लेकिन बाद में कंपनी ने यह स्वीकार किया कि कुछ डेटा वाकई में चीनी सर्वर पर स्टोर किया गया था।
इसके बाद आयरलैंड स्थित डेटा प्रोटेक्शन कमिशन (DPC), जो कि TikTok के यूरोप स्थित हेडक्वार्टर के कारण उसका मुख्य निगरानी निकाय है, ने दोबारा जांच शुरू करने का निर्णय लिया है।
पहले से ही बनी हुई है निगरानी की स्थिति
DPC ने स्पष्ट किया है कि यह जांच इस बात को परखने के लिए की जा रही है कि TikTok ने GDPR (General Data Protection Regulation) के तहत अपने दायित्वों का पालन किया है या नहीं। खासतौर पर यह जांच डेटा ट्रांसफर की वैधता और सुरक्षा उपायों को लेकर की जा रही है।
TikTok की मूल कंपनी ByteDance चीन की है, और इसी कारण से लंबे समय से पश्चिमी देशों में इस एप पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार आरोप लगे हैं कि TikTok के जरिए चीन को यूजर डेटा तक पहुंच मिल सकती है। TikTok की ओर से फिलहाल इस नई जांच पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

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यह जांच पहले से चल रही उस जांच का ही विस्तार है, जिसमें TikTok पर 530 मिलियन यूरो (लगभग 620 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया था। उस समय यह पाया गया था कि एप ने चीन में रिमोट एक्सेस के जरिए यूजर्स के डेटा को जोखिम में डाला।
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क्यों उठे रहे हैं सवाल?
TikTok ने पहले दावा किया था कि वह यूरोपीय यूजर डेटा चीन में स्टोर नहीं करता, बल्कि केवल वहां के कर्मचारी दूरस्थ तरीके से डेटा एक्सेस करते हैं। लेकिन बाद में कंपनी ने यह स्वीकार किया कि कुछ डेटा वाकई में चीनी सर्वर पर स्टोर किया गया था।
इसके बाद आयरलैंड स्थित डेटा प्रोटेक्शन कमिशन (DPC), जो कि TikTok के यूरोप स्थित हेडक्वार्टर के कारण उसका मुख्य निगरानी निकाय है, ने दोबारा जांच शुरू करने का निर्णय लिया है।
पहले से ही बनी हुई है निगरानी की स्थिति
DPC ने स्पष्ट किया है कि यह जांच इस बात को परखने के लिए की जा रही है कि TikTok ने GDPR (General Data Protection Regulation) के तहत अपने दायित्वों का पालन किया है या नहीं। खासतौर पर यह जांच डेटा ट्रांसफर की वैधता और सुरक्षा उपायों को लेकर की जा रही है।
TikTok की मूल कंपनी ByteDance चीन की है, और इसी कारण से लंबे समय से पश्चिमी देशों में इस एप पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार आरोप लगे हैं कि TikTok के जरिए चीन को यूजर डेटा तक पहुंच मिल सकती है। TikTok की ओर से फिलहाल इस नई जांच पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।