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आगरा में राहत: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में 38 दिन में ही खाली हुआ कोविड अस्पताल
अमर उजाला ब्यूरो, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sun, 06 Feb 2022 02:34 PM IST
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सार
पहली लहर में करीब 11 माह और दूसरी लहर में पांच माह तक एसएन के कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे।

एसएन में बना कोविड अस्पताल
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
कोरोना वायरस की तीसरी लहर में संक्रमण भले ही तेजी से फैला हो लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम मरीजों को पड़ी। तीसरी लहर में सबसे कम 62 मरीज कोविड अस्पताल में भर्ती हुए। एसएन मेडिकल कॉलेज का कोविड अस्पताल महज 38 दिनों में ही खाली हो गया। पहली लहर में करीब 11 महीने और दूसरी लहर में पांच महीने तक कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे।
एसएन प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना वायरस का पहला मरीज बीते साल 29 दिसंबर को भर्ती हुआ था। चार फरवरी की देर रात अंतिम संक्रमित ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया। अब कोविड अस्पताल में कोई मरीज नहीं है। इन 38 दिनों में 62 मरीजों का इलाज चला। यह पहली और दूसरी लहर के मुकाबले बहुत ही कम है। पहली लहर में 1456 और तीसरी लहर में 2309 मरीजों का इलाज चला था। वर्ष 2020 में पहली लहर के दौरान मार्च से दिसंबर तक 11 महीने कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे। दूसरी लहर में मार्च 2021 से जुलाई 2021 तक कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे।
पहली-दूसरी लहर में तीन राज्यों के मरीजों का चला इलाज
कोविड मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. अजित चाहर ने बताया कि एसएन में पहली और दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान तक के मरीज भर्ती हुए। अलीगढ़ मंडल, संभल, गाजियाबाद, नोएडा समेत करीब 15 जिलों के मरीजों का उपचार चला। तीसरी लहर में आगरा मंडल के मरीज ही भर्ती होने आए।
टीबी-निमोनिया, कैंसर जैसी बीमारी के रहे मरीज
कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि 62 मरीजों में 16 फीसदी गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी संक्रमित टीबी, कैंसर, हृदय रोग, किडनी जैसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। इसमें 18 फीसदी को टीबी, 12 फीसदी को मधुमेह, 11 फीसदी को कैंसर, 10 फीसदी को निमोनिया, आठ फीसदी को किडनी की बीमारी थी। इसके अलावा सांस रोग, एचआईवी, एनमिक, सैप्सिक जैसी बीमारी के भी मरीज रहे।
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एसएन प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना वायरस का पहला मरीज बीते साल 29 दिसंबर को भर्ती हुआ था। चार फरवरी की देर रात अंतिम संक्रमित ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया। अब कोविड अस्पताल में कोई मरीज नहीं है। इन 38 दिनों में 62 मरीजों का इलाज चला। यह पहली और दूसरी लहर के मुकाबले बहुत ही कम है। पहली लहर में 1456 और तीसरी लहर में 2309 मरीजों का इलाज चला था। वर्ष 2020 में पहली लहर के दौरान मार्च से दिसंबर तक 11 महीने कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे। दूसरी लहर में मार्च 2021 से जुलाई 2021 तक कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती रहे थे।
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पहली-दूसरी लहर में तीन राज्यों के मरीजों का चला इलाज
कोविड मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. अजित चाहर ने बताया कि एसएन में पहली और दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान तक के मरीज भर्ती हुए। अलीगढ़ मंडल, संभल, गाजियाबाद, नोएडा समेत करीब 15 जिलों के मरीजों का उपचार चला। तीसरी लहर में आगरा मंडल के मरीज ही भर्ती होने आए।
टीबी-निमोनिया, कैंसर जैसी बीमारी के रहे मरीज
कोविड अस्पताल के प्रभारी डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि 62 मरीजों में 16 फीसदी गर्भवती महिलाओं को छोड़कर सभी संक्रमित टीबी, कैंसर, हृदय रोग, किडनी जैसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। इसमें 18 फीसदी को टीबी, 12 फीसदी को मधुमेह, 11 फीसदी को कैंसर, 10 फीसदी को निमोनिया, आठ फीसदी को किडनी की बीमारी थी। इसके अलावा सांस रोग, एचआईवी, एनमिक, सैप्सिक जैसी बीमारी के भी मरीज रहे।