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सीमा विस्तार पर दो सदन आमने-सामने
सीमा विस्तार पर दो सदन आमने-सामने
Updated Tue, 19 Jul 2016 01:56 AM IST
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सीमा विस्तार पर दो सदन आमने-सामने
- फोटो : अमर उजाला ब्यूरो
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नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव पर दो सदनों में ठन गई है। जिला पंचायत ने सीमा विस्तार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए सोमवार को विशेष सदन की बैठक में निगम के प्रस्ताव के विरोध में प्रस्ताव पारित कर दिया है। जिला पंचायत का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जाएगा।
बता दें, नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव की प्रक्रिया पिछले कई दिनों से चल रही थी। पिछले दिनों नगर निगम सदन ने सर्वसम्मति से निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव कर दिया और प्रस्ताव शासन को भेज दिया। जिला पंचायत को इसकी खबर लगी तो वहां मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि जिला पंचायत इसका विरोध करेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल यादव ने सोमवार को विशेष सदन की बैठक बुलाई। बैठक में जिला पंचायत सदन में उपस्थिति सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निगम के विस्तार के विरोध में प्रस्ताव पास कर दिया। बैठक में विधायक सूरज पाल, मंजू देवी, सीमा यादव, गिरीश त्यागी, मानवेंद्र सिंह, चौधरी यशपाल सिंह आदि ने निगम के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया।
जिला पंचायत क्यों कर रही है विरोध
जिला पंचायत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अधिकार हो जाएंगे समाप्त
गरीब ग्रामीण जनता पर हाउस टैक्स सहित कई कर हो जाएंगे अधिरोपित
1982 में हुए नगर सीमा विस्तार में शामिल गांवों का नहीं हो पाया विकास
भू अर्जन हुआ तो शहरी क्षेत्र में मुआवजा सर्किल रेट का दोगुना मिलेगा
ग्राम सभा रही तो भू अर्जन की स्थिति में चार गुना मुआवजा मिलेगा
कार्यकाल पूरा होने से पहले जिला पंचायत सदस्यों की सदस्यता समाप्त कैसे होगी
सीमा विस्तार का प्रस्ताव सरकार के निर्देश पर भेजा गया है। नगर निगम सदन ने एक मत से प्रस्ताव पास किया था। नगर आयुक्त उसे शासन को भेज रहे हैं। जिला पंचायत क्या चाहती है वे ही जाने लेकिन हमने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देशों का पालन किया है। आगे फैसला प्रदेश सरकार को करना है।
इंद्रजीत आर्य, महापौर
नगर निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव जनता के हित में नहीं है। इससे गांवों की गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जनप्रतिनिधियों के अधिकार भी समाप्त हो जाएंगे। फैसला सरकार को करना है तो हमने भी अपने सदन से प्रस्ताव पास कर सरकार के पास ही भेजा है।
कुशल यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष

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बता दें, नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव की प्रक्रिया पिछले कई दिनों से चल रही थी। पिछले दिनों नगर निगम सदन ने सर्वसम्मति से निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव कर दिया और प्रस्ताव शासन को भेज दिया। जिला पंचायत को इसकी खबर लगी तो वहां मंथन के बाद निर्णय लिया गया कि जिला पंचायत इसका विरोध करेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष कुशल यादव ने सोमवार को विशेष सदन की बैठक बुलाई। बैठक में जिला पंचायत सदन में उपस्थिति सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निगम के विस्तार के विरोध में प्रस्ताव पास कर दिया। बैठक में विधायक सूरज पाल, मंजू देवी, सीमा यादव, गिरीश त्यागी, मानवेंद्र सिंह, चौधरी यशपाल सिंह आदि ने निगम के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया।
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जिला पंचायत क्यों कर रही है विरोध
जिला पंचायत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अधिकार हो जाएंगे समाप्त
गरीब ग्रामीण जनता पर हाउस टैक्स सहित कई कर हो जाएंगे अधिरोपित
1982 में हुए नगर सीमा विस्तार में शामिल गांवों का नहीं हो पाया विकास
भू अर्जन हुआ तो शहरी क्षेत्र में मुआवजा सर्किल रेट का दोगुना मिलेगा
ग्राम सभा रही तो भू अर्जन की स्थिति में चार गुना मुआवजा मिलेगा
कार्यकाल पूरा होने से पहले जिला पंचायत सदस्यों की सदस्यता समाप्त कैसे होगी
सीमा विस्तार का प्रस्ताव सरकार के निर्देश पर भेजा गया है। नगर निगम सदन ने एक मत से प्रस्ताव पास किया था। नगर आयुक्त उसे शासन को भेज रहे हैं। जिला पंचायत क्या चाहती है वे ही जाने लेकिन हमने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देशों का पालन किया है। आगे फैसला प्रदेश सरकार को करना है।
इंद्रजीत आर्य, महापौर
नगर निगम के सीमा विस्तार का प्रस्ताव जनता के हित में नहीं है। इससे गांवों की गरीब जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जनप्रतिनिधियों के अधिकार भी समाप्त हो जाएंगे। फैसला सरकार को करना है तो हमने भी अपने सदन से प्रस्ताव पास कर सरकार के पास ही भेजा है।
कुशल यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष