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UP: भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, इस बयान में फंसी...कोर्ट ने दिया ये आदेश
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 22 Nov 2024 08:26 AM IST
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सार
फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसान आंदोलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर दिए गए बयान को लेकर दायर की गई याचिका में कोर्ट ने नोटिस दिया है, जो उनके लिए भेजा गया है।

कंगना रनौत
- फोटो : ANI
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विस्तार
भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह एवं किसानों के अपमान के मामले में कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किया गया है। स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए अनुज कुमार सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र से भाजपा सांसद एवं प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध नोटिस जारी कर 28 नवंबर 2024 को अपना पक्ष रखने के लिए आदेश किए हैं। राष्ट्रदोह वाद में अभिनेत्री के पते पर नोटिस भेजा गया है।
स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) अनुज कुमार सिंह ने कोर्ट में धारा 200 सीआरपीसी के तहत वादी अधिवक्ताओं के बयान हुए। पिछली सुनवाई पर अदालत ने नोटिस जारी कर 28 नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने वाद पत्र में लिखा है कि वह देश के किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति पूर्ण रूप से श्रद्धा भाव एवं सम्मान रखते हैं। 26 अगस्त 2024 को भाजपा सांसद कंगना रनौत ने टीवी चैनलों पर दिए साक्षात्कार में किसानों पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके पहले 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाया था।
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स्पेशल कोर्ट (एमपी-एमएलए) अनुज कुमार सिंह ने कोर्ट में धारा 200 सीआरपीसी के तहत वादी अधिवक्ताओं के बयान हुए। पिछली सुनवाई पर अदालत ने नोटिस जारी कर 28 नवंबर को सुनवाई की तारीख तय की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने वाद पत्र में लिखा है कि वह देश के किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति पूर्ण रूप से श्रद्धा भाव एवं सम्मान रखते हैं। 26 अगस्त 2024 को भाजपा सांसद कंगना रनौत ने टीवी चैनलों पर दिए साक्षात्कार में किसानों पर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके पहले 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाया था।
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11 सितंबर को दायर हुआ था वाद
कंगना रनौत के विरुद्ध आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को एक वाद दायर किया था। इस वाद में कहा गया कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने एक बयान दिया था, जो अखबारों में पढ़ा था। कंगना ने कहा कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, दुष्कर्म हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। कंगना रनौत पर वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है। किसानों को हत्यारा दुष्कर्मी और उग्रवादी तक कह दिया है।
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कंगना रनौत के विरुद्ध आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को एक वाद दायर किया था। इस वाद में कहा गया कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने एक बयान दिया था, जो अखबारों में पढ़ा था। कंगना ने कहा कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, दुष्कर्म हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। कंगना रनौत पर वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है। किसानों को हत्यारा दुष्कर्मी और उग्रवादी तक कह दिया है।
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बयान से भावनाएं हुईं आहत
वादी अधिवक्ता ने अपने वाद में कहा है कि क्योंकि वह भी एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेती भी की है। इसलिए उनकी भी भावनाएं आहत हुईं हैं। अधिवक्ता ने अपने वाद पत्र में यह भी कहा है कि 17 नवंबर 2021 को कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं और यह भी कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तो सन 2014 में तब मिली जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी। इससे साफ जाहिर है कु स्वतंत्रता आंदोलन में जिन देशभक्तों ने अपनी शहादतें दीं तथा फांसी के फंदे चूमे हजारों लाखों स्वतंत्रता नेताओं ने जेल यात्राएं सहीं। अंग्रेजों के जुल्म सहे। उनका भी कंगना ने अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान पूरे राष्ट्र का अपमान है। देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।
वादी अधिवक्ता ने अपने वाद में कहा है कि क्योंकि वह भी एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेती भी की है। इसलिए उनकी भी भावनाएं आहत हुईं हैं। अधिवक्ता ने अपने वाद पत्र में यह भी कहा है कि 17 नवंबर 2021 को कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं और यह भी कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तो सन 2014 में तब मिली जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी। इससे साफ जाहिर है कु स्वतंत्रता आंदोलन में जिन देशभक्तों ने अपनी शहादतें दीं तथा फांसी के फंदे चूमे हजारों लाखों स्वतंत्रता नेताओं ने जेल यात्राएं सहीं। अंग्रेजों के जुल्म सहे। उनका भी कंगना ने अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान पूरे राष्ट्र का अपमान है। देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।