अब हर तीन किमी का पांच रुपये किराया: आगरा और मथुरा में संचालित सिटी बसों के किराये में फेरबदल
सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा की मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में किराये में बदलाव करने का फैसला लिया गया। यह रविवार से लागू हो गया है।

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आगरा-मथुरा महानगर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के तहत आगरा में 170 और मथुरा में 70 बसों का संचालन किया जा रहा है। सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा की मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। किलोमीटर के हिसाब से किराये में जहां छोटे रूटों पर यात्रियों राहत मिली है तो वहीं लंबे रूट पर किराया बढ़ गया है। एसी बसों में भी किराये में राहत मिली है, क्योंकि इन बसों में छह किमी तक 10 रुपये ही देने होंगे।
स्टॉपेज से किराया साधारण बस एसी सिटी बस
तीन किमी तक - 05 रुपये 05 रुपये
3-6 किमी - 10 रुपये 10
6-10 किमी- 15 रुपये 15
10-14 किमी- 20 रुपये 22
14-19 किमी 25 रुपये 30
19-24 किमी 30 रुपये 35
24-30 किमी 35 रुपये 40
30-36 किमी 40 रुपये 45
36-42 45 रुपये 50
रूट की बजाय किमी के हिसाब से किराया
सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार पुंढीर ने कहा कि प्रदेश के नौ शहरों में चल रही सिटी बसों के किराये में असमानता थी। अब नगरीय परिवहन निदेशालय से रूट की जगह किलोमीटर के हिसाब से किराया तय किया है। इसमें किसी रूट पर किराया बढ़ेगा तो किसी पर कम होगा।
नये रूटों का निर्धारण करेगी समिति
नये रूटों का सृजन, बसों के स्टॉपेज व शेल्टर, समय सारिणी, नॉन स्टॉप बस सेवाएं, सीमित स्टॉप की बसों आदि के बारे में नगरायुक्त, आरटीओ व सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक की समिति निर्णय करेगी। 18 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
नौलक्खा में बनेगा मुख्य कार्यालय
आगरा मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज का मुख्य कार्यालय नौलक्खा, ग्वालियर रोड पर बनाने का प्रस्ताव भी पास हुआ। अभी तक यह नरायच में फाउंड्री नगर डिपो के पास स्थित है, जहां की इलेक्ट्रिक बसों की कार्यशाला बनाई जा रही है।
चालक, परिचालकों को प्रोत्साहन राशि
बैठक में यह भी तय किया गया कि सिटी बसों के संविदा चालक, परिचालकों को 22 दिन ड्यूटी व 3500 किमी के मासिक संचालन पर 1500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। लोड फैक्टर के हिसाब से भत्ता दिया जाएगा।
पुरानी बसों को किया जाएगा नीलाम
बैठक में यह भी तय किया गया कि पुरानी बसों को नीलाम किया जाएगा। रूटों पर अच्छी हालत वाली बसें ही चलेंगी। नीलामी वाली बसों को चिह्नित करने का काम प्रबंध निदेशक करेंगे।