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स्मृति शेष: स्वामी हरिदास की अनन्य भक्त थीं लता मंगेशकर, वृंदावन आने पर करती थीं निधिवन में दर्शन

संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा Published by: Abhishek Saxena Updated Sun, 06 Feb 2022 11:53 AM IST
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सार

भारत रत्न सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का रविवार सुबह 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर के निधन से वृंदावन के संगीत प्रेमियों में शोक है। वर्ष 1956 से 1976 के बीच कई बार लता मंगेशकर का वृंदावन आना हुआ। लता मंगेशकर जब भी वृंदावन आती थीं तो निधिवन में दर्शन करने जरूर जाती थीं। 

Death Of Legendary Singer Lata Mangeshkar Memory Of Mathura Nidhivan
मथुरा: वृंदावन में आईं लता मंगेशकर (फाइल) - फोटो : अमर उजाला
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भारत रत्न लता मंगेशकर के लिए वृंदावन की पावन भूमि किसी रत्न से कम नहीं थी। अपनी गायकी के शिखर काल में कई वर्षों तक उन्हें बार-बार ठाकुर बांकेबिहारी के प्रेम और स्वामी हरिदास की साधना ने बुलाया। संगीत साधना से ठाकुर बांकेबिहारी महाराज को प्रकट करने वाले संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास को स्वर कोकिला अपना गुरु भी मानती थीं। 

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जब-जब लता मंगेशकर का वृंदावन आगमन हुआ, वह स्वामी हरिदासजी की साधना स्थली निधिवन गईं और यहां से नई ऊर्जा प्राप्त की। वृंदावन की इस भूमि में सच्चे रसिकों की तरह वे केवल राधाकृष्ण और उनकी श्रद्धा का ही दर्शन करतीं थीं। 
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सूफी भजन गायक जेएसआर मधुकर बताते हैं कि वर्ष 1956 से 1976 के बीच कई बार लता मंगेशकर का वृंदावन आना हुआ। लता जब भी वृंदावन आती थीं, निधिवन में दर्शन करने जरूर जाती थी। मेरे पिता श्रीहित आशुदाराम महाराज को लता मंगेशकर अपना भाई मानती थीं। घर पर आकर आशुदाराम से संगीत की बारीकियों पर चर्चा अक्सर होती थी। 

पिताजी बताया करते थे कि जब भी लताजी संगीत सम्राट स्वामी हरिदास की साधना स्थली पहुंचतीं थीं तो कुछ क्षण आंख बंद कर वहीं बैठकर भक्ति में लीन हो जातीं थीं। निधिवन में बंदरों को चना डालना, गोसेवा और मंदिरों के दर्शन करना कभी नहीं भूलतीं थीं। लती जी तो वृंदावन की कुंज गलियां और यहां का खानपान काफी पसंद था।

वृंदावन की हरियाली और यमुना प्रदूषण की थी चिंता 

वृंदावन की समाप्त होती हरियाली और यमुना प्रदूषण को लेकर भी स्वर कोकिला काफी चिंतत थीं। फ्रैंड्स ऑफ वृंदावन के निदेशक जगन्नाथ पोद्दार ने बताया कि अक्तूबर 2005 में जब लता मंगेशकर राज्य सभा की सदस्य थीं तब उनके निवास पर भेंट के दौरान पूछा था कि क्या वृंदावन वैसा ही है, जैसा उन्होंने वर्षों पूर्व देखा था। 

इस पर उन्होंने वृंदावन की स्थित बताई। हरियाली की कमी और यमुना प्रदूषण पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि वृंदावन की हरियाली ही वहां की पहचान है। लता जी ने स्वच्छता एवं हरियाली के लिए संस्था को 21 अक्तूबर 2005 को एक लाख रुपए सांसद निधि से दिए थे।

हेमा मालिनी ने दी श्रद्धांजलि

मथुरा में भाजपा की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमामालिनी ने भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर बहुत बड़ी कलाकार थीं, मैंने 200 फिल्मों में काम किया है और मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने उनके द्वारा गाए गए हिट गानों पर प्रस्तुति दीं। उनके जैसा गीत कोई नहीं गा सकता है, वह बहुत खास थीं। उनके निधन की खबर से मन बहुत दुखी है।
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