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UP: पालनहार को मिला हक...11 महीने बाद मिला मां का दर्जा, हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने पूरी कराई कार्रवाई
अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Sat, 28 Dec 2024 01:02 PM IST
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सार
जन्म नहीं दिया, तो क्या मां यशोदा की तरह प्यार दिया। पालनहार को 11 महीने बाद मां का दर्जा मिला। हाईकोर्ट के आदेश के बाद आगरा जिला प्रशासन ने प्रक्रिया पूरी कराई।

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- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने टेढ़ी बगिया की रहने वाली पालनहार महिला को 10 साल की बच्ची को गोद देने की प्रक्रिया पूरी कराई गई। हालांकि जिला प्रशासन को इसमें पूरे 11 माह लग गए। कानूनी आदेश पाकर पालनहार मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
सीडीओ ऑफिस से शुक्रवार को पालनहार महिला को दत्तक ग्रहण का कानूनी आदेश सौंपा गया। चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि टेढ़ी बगिया की रहने वाली महिला को 10 साल पहले नवजात बच्ची मिली थी। इसका पालन पोषण महिला ने अपनों बच्चों के साथ किया। जब वह सात साल की हो गई तब एक किन्नर ने उस पर अपना दावा जताया। उसे अगवा कर ले गई। महिला ने उसे किन्नर के चंगुल से छुड़ा लिया।
इसके बाद किन्नर ने बाल कल्याण समिति में शिकायत करके बाल गृह में निरुद्ध करा दिया। लेकिन पालनहार मां ने हाईकोर्ट तक बच्ची की सुपुर्दगी के लिए लड़ाई लड़ी। 29 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने बच्ची की सुपुर्दगी पालनहार मां को देने के लिए विधिक कार्यवाही करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी होने के बाद गोद देने का कानूनी अधिकार पालनहार महिला को मिल गया। नरेश पारस ने बताया कि वह दो साल से इसके लिए संघर्ष कर रहे थे। आखिरकार महिला की मेहनत रंग लाई।

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सीडीओ ऑफिस से शुक्रवार को पालनहार महिला को दत्तक ग्रहण का कानूनी आदेश सौंपा गया। चाइल्ड एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि टेढ़ी बगिया की रहने वाली महिला को 10 साल पहले नवजात बच्ची मिली थी। इसका पालन पोषण महिला ने अपनों बच्चों के साथ किया। जब वह सात साल की हो गई तब एक किन्नर ने उस पर अपना दावा जताया। उसे अगवा कर ले गई। महिला ने उसे किन्नर के चंगुल से छुड़ा लिया।
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इसके बाद किन्नर ने बाल कल्याण समिति में शिकायत करके बाल गृह में निरुद्ध करा दिया। लेकिन पालनहार मां ने हाईकोर्ट तक बच्ची की सुपुर्दगी के लिए लड़ाई लड़ी। 29 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने बच्ची की सुपुर्दगी पालनहार मां को देने के लिए विधिक कार्यवाही करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी होने के बाद गोद देने का कानूनी अधिकार पालनहार महिला को मिल गया। नरेश पारस ने बताया कि वह दो साल से इसके लिए संघर्ष कर रहे थे। आखिरकार महिला की मेहनत रंग लाई।