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जब पाकिस्तानी पायलटों को जान बचाकर भागना पड़ा: भारतीय एयरफोर्स ने दिया मुंहतोड़ जवाब, 1971 में जानें क्या हुआ
अमित कुलश्रेष्ठ, अमर उजाला, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Fri, 09 May 2025 10:01 AM IST
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सार
पाकिस्तान ने जब-जब भारत की तरफ अपने कदम बढ़ाए, तब उसे सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। 1971 के युद्ध के दौरान यही हुआ। जब भारतीय एयरफोर्स के आगे पाकिस्तानी पायलेटों के पसीने छूट गए। उन्हें जान बचाना मुश्किल पड़ गया।

लड़ाकू विमान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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विस्तार
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने देश के 15 शहरों पर हमले की कोशिश की, जो नाकाम कर दी गई। ठीक 54 साल पहले 3 दिसंबर, 1971 को भी पाकिस्तानी एयरफोर्स ने एक साथ 9 एयरबेस पर हमला किया था। आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर किए गए हमले का ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया गया कि पाकिस्तानी पायलटों को जान बचाकर भागना पड़ा था।
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पाकिस्तान के विमानों ने किया था हमला
अमर उजाला आर्काइव के पन्नों में वर्ष 1971 के युद्ध का ब्योरा दिया गया है। 4 दिसंबर, 1971 को प्रकाशित खबर में बताया गया है कि रात 9 से 11 बजे के बीच ऑपरेशन चंगेज खां के तहत दो बार आए पाकिस्तानी विमानों बी-57 पर खेरिया हवाई अड्डे से विमानभेदी तोपों से हमला किया गया। इनमें से एक विमान पर तोप का गोला लगा था। उसके कुछ हिस्से टूटकर कीठम और रैपुरा जाट के पास गिरे, जिनकी तलाश आगरा के तत्कालीन डीएम प्रताप सिंह, मथुरा के डीएम एपी सिंह के साथ पुलिस फोर्स ने की।
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पाकिस्तानी विमान और मिग में हुई थी भिड़ंत
5 दिसंबर, 1971 को प्रकाशित खबर में कहा गया कि एयरफोर्स के मिग विमान ने पाकिस्तानी विमानों पर मिसाइल दागी। आगरा के आसमान पर पाकिस्तानी विमान और मिग की जोरदार भिड़ंत हुई, इसके बाद पाकिस्तानी पायलेटों को यहां से जान बचाकर भागना पड़ा। इस दौरान पाकिस्तानी विमान के कुछ टुकड़े भरतपुर-बयाना रोड के पास सीगौरा बसई और भरसानी के बीच गिरने की खबर आई।
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