Kargil Vijay Diwas 2021: कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे नायक हेम सिंह, अब बेटा-बेटी कर रहे देश की सेवा
कारगिल युद्ध में शहीद एका के नगला खेड़ा निवासी नायक हेम सिंह यादव के दो बेटा एवं बेटी इंजीनियर बन गए हैं।

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कारगिल युद्ध के समय और वर्तमान हालात में काफी कुछ बदल चुका है। आज सेना नए जोश और नए हथियारों से लैस है। अत्याधुनिक हथियारों के साथ-साथ सेना के पास लड़ाकू विमान, ड्रोन हमलों को रोकने की तकनीक के साथ मजबूत बंकर है। यही कारण है कि हम पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक कर उसे करारा जवाब दे चुके हैं। इतना ही नहीं हम अपने जवान को पाक से वापस लेने में सक्षम रहे। दुश्मन की हर बात का जबाव देने में देश और देश की सेना पूरी तरह से सक्षम है।

जसराना क्षेत्र के घाघऊ निवासी रिटायर्ड सैनिक जसवंत सिंह कहते है कि 1999 की सेना और 2021 की सेना में जमीन आसमान का फासला हो गया है। आज देश की जल, थल एवं नभ तीनों सेनाएं अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। मजबूत बंकरों के साथ सेना के पास हर तकनीक उपलब्ध है। दुश्मन कहां किस क्षेत्र से आ सकता है? की जानकारी पहले ही की जा सकती है। यही कारण है कि पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर सेना ने आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त कर दिए। वहीं पाक की जमीं पर उतरे सैनिक अभिनंदन को वापस लाने में भी हम कामयाब रहे।
कारगिल युद्ध में शहीद हेम सिंह के बेटा-बेटी बन गए इंजीनियर
कारगिल युद्ध में शहीद एका के नगला खेड़ा निवासी नायक हेम सिंह यादव के दो बेटा एवं बेटी इंजीनियर बन गए हैं। हेम सिंह के बड़े भाई रिटायर्ड हवलदार सुगर सिंह ने बताया कारगिल युद्ध में शहीद भाई नायक हेम सिंह का बेटा सुबोध एवं बेटी पूजा बंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और छोटा बेटा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से बीटेक कर चुका है। उन्होंने कहा कि शहीद हेम सिंह के बेटा-बेटी भी देश के प्रति पूरी तरह से सेवा को तैयार है। हेम सिंह के शहीद होने के दौरान तीनों की उम्र काफी कम थी। उनकी पत्नी अवधेश देवी सहित परिवार कारगिल शहीद दिवस पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पार्जन करते हैं लेकिन कोई प्रशासनिक अधिकारी राष्ट्रीय दिवसों पर शहीदों को याद नहीं करता है।
सतीश की बेटी कर रही बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई
कारगिल युद्ध में शहीद फरिहा क्षेत्र के गांव मरसलगंज निवासी सतीश बघेल की बेटी पूजा भी आगरा में रहकर बीएससी नर्सिंग का कोर्स कर रही है। सतीश बघेल की पत्नी मीना देवी ने बताया कि पति के शहीद होने के बाद आगरा के ताजनगरी स्थिति फौजी कॉलोनी में आकर रहने लगी थीं। इकलौती बेटी पूजा की पढ़ाई का क्रम जारी रखा। वह बीएससी नर्सिंग का कोर्स कर रही है। गांव में वह कारगिल शहीद दिवस, 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही जाते हैं।
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