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UP: 30 फीट गहरे बोरवेल में गिरीं दो कस्तूरी बिलाव, वाइल्ड लाइफ एसओएस ने बचाई जान
अमर उजाला न्यूज नेटवर्क, आगरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Tue, 15 Apr 2025 08:46 AM IST
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सार
घड़ी रोसू गांव के खेते में 30 फुट गहरे बोरवेल से दो कस्तूरी बिलाव दिखे। ग्रामीणों की सूचना पर वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम पहुंची और उन्हें बचाया।

इंडियन सिवेट
- फोटो : wildlife sos
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विस्तार
फरह के पास गढ़ी रोसू गांव में दो कस्तूरी बिलाव (इंडियन सिवेट) करीब 30 फुट गहरे बोरवेल में गिर गईं। जिन्हें वाइल्ड लाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस टीम ने तत्परता से बचा लिया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद दोनों को उनके प्राकृतिक रहवास में छोड़ दिया गया।
मथुरा के पास फरह के गढ़ी रोसू गांव में बिल्ली जैसे दो जानवरों को ग्रामीणों ने एक खुले और सूखे बोरवेल में फंसा हुआ देखा। तत्काल ही ग्रामीणों ने वाइल्ड लाइफ एसओएस की आपातकालीन हेल्पलाइन 9917109666 पर संपर्क कर जानवर के फंसे होने की जानकारी दी। सूचना पर वाइल्ड लाइफ एसओएस की दो सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची।

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मथुरा के पास फरह के गढ़ी रोसू गांव में बिल्ली जैसे दो जानवरों को ग्रामीणों ने एक खुले और सूखे बोरवेल में फंसा हुआ देखा। तत्काल ही ग्रामीणों ने वाइल्ड लाइफ एसओएस की आपातकालीन हेल्पलाइन 9917109666 पर संपर्क कर जानवर के फंसे होने की जानकारी दी। सूचना पर वाइल्ड लाइफ एसओएस की दो सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची।
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जिसने जानवरों की पहचान स्मॉल इंडियन सिवेट के रूप में की। बोरवेल की गहराई के कारण बचाव टीम को खासा मुश्किल उठानी पड़ी। सावधानी से पिंजरा बोरवेल में उतारकर जानवरों की सुरक्षित बाहर निकाला गया।इसके बाद उन्हें वाइल्डलाइफ एसओएस ट्रांजिट फैसिलिटी में लाया गया। सौभाग्य से, उन्हें को कोई चोट नहीं आई, लेकिन एनजीओ ने एहतियात के तौर पर उन्हें निगरानी में रखा। कुछ घंटों के बाद, दोनों को वापस उनके उपयुक्त प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एमवी. ने कहा, कि लोगों में जागरुकता आ रही है और वह जानवरों को मारने के बजाए उन्हें बचाने का प्रयास करते हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि इस तरह के गहरे बोरवेल कभी-कभी जंगली जानवरों के लिए जानलेवा बन जाते हैं।
क्या होता है स्माल इंडियन सिवेट
स्मॉल इंडियन सिवेट या छोटा भारतीय सिवेट दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का एक छोटा स्तनपायी जीव है। यह प्रजाति मुख्य रूप से फल, बीज और कीड़े खाते हैं। ये कृषि क्षेत्रों, कस्बों और शहरों में देखे जा सकते हैं। प्राकृतिक आवास में कमी के कारण, वे अक्सर मनुष्यों के आमने-सामने आ जाते हैं।
स्मॉल इंडियन सिवेट या छोटा भारतीय सिवेट दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का एक छोटा स्तनपायी जीव है। यह प्रजाति मुख्य रूप से फल, बीज और कीड़े खाते हैं। ये कृषि क्षेत्रों, कस्बों और शहरों में देखे जा सकते हैं। प्राकृतिक आवास में कमी के कारण, वे अक्सर मनुष्यों के आमने-सामने आ जाते हैं।