सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Agra News ›   Up Assembley Election 2022: Jat Belt In West Up Bjp Wants Damage Control After Kisan Andolan

यूपी विधानसभा चुनाव: पश्चिम के रण में जाटों को साधने में जुटे दिग्गज, किसान आंदोलन से नुकसान की भरपाई में जुटा भगवा खेमा

देश दीपक तिवारी, अमर उजाला, आगरा Published by: Abhishek Saxena Updated Fri, 04 Feb 2022 10:34 AM IST
विज्ञापन
सार

पश्चिम यूपी में जाटों की सियासत में जहां भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन ताकत झोंक रहे हैं, वहीं दूसरे दल भी कसर नहीं छोड़ रहे। सभी जाट वोट में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। जाट बहुल सीटों पर भाजपा और रालोद की जोर आजमाइश में हाथी को अप्रत्याशित सफलता मिल चुकी है।

Up Assembley Election 2022: Jat Belt In West Up Bjp Wants Damage Control After Kisan Andolan
प्रतीकात्मक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला।
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

पश्चिम के रण में जाटों के ठाठ हैं। आगरा और अलीगढ़ की आठ और मेरठ एवं सहारनपुर मंडल की 18 सीटों पर जाटों का प्रभाव है। चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, जाटों का वोट भी तय करता है। दिग्गज जाटों को साधने में जुटे हुए हैं। भगवा खेमा किसान आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई में जुटा है तो दूसरी तरफ सपा-रालोद गठबंधन आंदोलन की नाराजगी को भुनाना चाहता है।

Trending Videos


आगरा मंडल में जिले की तीन सीटों फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़ व ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। मथुरा की चारों सीटें बल्देव, मांट, छाता और गोवर्धन जाट बहुल हैं। सहारनपुर और मेरठ मंडल में करीब 18 सीटों पर इनका प्रभाव है। ऐसे में दिल्ली में जाट नेताओं को साधने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मथुरा की याद आई। पहले 20 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगरा में तैयारियां परखीं। उनके बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने मोर्चा संभाला। एक-एक सीट को लेकर भाजपा ने मंडल में पूरी ताकत झोंक रखी है। 
विज्ञापन
विज्ञापन

किसान आंदोलन को भुनाने की कवायद
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी का कहना है कि किसान आंदोलन से रालोद में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। चौधरी चरण सिंह के नाम पर जाटों की मजबूत घेराबंदी की कोशिश की जा रही है। मुजफ्फरनगर में जाटों के ध्रुवीकरण को जयंत चौधरी धार देने में लगे हैं। सपा-रालोद गठबंधन किसान आंदोलन की नाराजगी से उम्मीद पाले है और इसको भुनाने की कवायद में जुटा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर कांड से जाट वोट रालोद-सपा से छिटका था। जिसका फायदा वर्ष 2014, 2017 और 2019 में हुए चुनाव में भाजपा को मिला था। आगरा में फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर सांसद बने। राजकुमार जाट समाज से आते हैं, जिन्हें किसान आंदोलन के दौरान भाजपा ने किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पश्चिम उत्तर प्रदेश के जाटों में संदेश दिया। मुजफ्फरनगर में भाजपा के सांसद संजीव बालियान कमान संभाल रहे हैं।

बसपा को मिली अप्रत्याशित जीत
पश्चिम यूपी में जाटों की सियासत में जहां भाजपा और सपा-रालोद गठबंधन ताकत झोंक रहे हैं, वहीं दूसरे दल भी कसर नहीं छोड़ रहे। सभी जाट वोट में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। जाट बहुल सीटों पर भाजपा और रालोद की जोर आजमाइश में हाथी को अप्रत्याशित सफलता मिल चुकी है। 2017 के चुनाव में मथुरा की मांट सीट से बसपा के श्यामसुंदर शर्मा को 432 वोटों के मामूली अंतर से जीत मिली थी। रालोद के योगेश चौधरी को 65430 वोट मिले थे। दो फरवरी को बसपा मुखिया मायावती ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत के लिए आगरा को चुना। 
सीट जहां जाटों का समीकरण
- फतेहपुर सीकरी- 1.10 लाख
- आगरा ग्रामीण- 60 हजार
- मथुरा में मांट- 1.30 लाख
- मथुरा में बलदेव- 1.20 लाख
- मथुरा में छाता- 50 हजार
- मथुरा में गोवर्धन क्षेत्र- 70 हजार
- हाथरस में सादाबाद क्षेत्र- 1.30 लाख 
- अलीगढ़ में इगलास- 1.05 लाख
- अलीगढ़ की खैर सीट- 1.05 लाख
(अखिल भारतीय जाट महासभा के अनुसार अनुमानित आंकड़े)
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed