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Aligarh News: जिला अस्पताल की इमरजेंसी बनी रेफर सेंटर.. आठ दिन में 96 मरीज बाहर भेजे
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बागला जिला अस्पताल की इमरजैंसी में लगी भीड।संवाद
- फोटो : samvad
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बागला जिला अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड सीमित सुविधाओं के चलते रेफर सेंटर बन गया है। अस्पताल में रोजाना करीब 100 मरीज इमरजेंसी में उपचार कराने पहुंचते हैं, जिनका चंद दवाओं के सहारे पूरा उपचार नहीं हो पाता है। इसलिए अधिकांश गंभीर मरीजों को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज या आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाता है। बीते आठ दिनों ने 96 मरीजों को यहां से रेफर कर दिया गया।
इससे अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में महज कुछ दवाओं के सहारे उपचार किया जा रहा है। गंभीर रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा पाना संभव नहीं हो पा रहा। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद की जा रही है कि इमरजेंसी वार्ड की सुविधाओं में विस्तार किया जाए और आवश्यक दवाओं व चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
इसे लेकर डाॅ. सूर्य प्रकाश का कहना है कि सीमित संसाधनों के साथ मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। विशेष गंभीर परिस्थिति के मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के कारण रेफर किया जाता है, ताकि उन्हें समय रहते बेहतर उपचार मिल सके और वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें।
लगातार उठ रही मेडिकल काॅलेज की मांग
जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए व्यापक व्यवस्था न होने के चलते लगातार जनपद में मेडिकल काॅलेज बनाए जाने की मांग की जा रही है। इसके लिए भूमि तय होने के बाद भी अभी तक काम आगे नहीं बढ़ सका है। ऐसे में जनपद में बेहतर इलाज की उम्मीद नहीं की जा रही।
बातचीत--
हाथरस के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। रात के समय इमरजेंसी का कोई फायदा नहीं है। मैं कई बार मरीज को लेकर इमरजेंसी में पहुंचा हूं, लेकिन यहां से हमेशा ही रेफर किया गया है। इसे सिर्फ रेफर सेंटर ही कहा जा सकता है।
-राजू शर्मा, तीमारदार।
हमारे परिवार में कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को रात के समय सीने में दर्द उठ गया। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कुछ गोली देकर सीधे अलीगढ़ ले जाने के लिए कह दिया, जबकि बाद में शहर के एक निजी अस्पताल में दिखाया गया तो वे ठीक हो गए।
-मुन्ना खां, तीमारदार।

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इससे अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में महज कुछ दवाओं के सहारे उपचार किया जा रहा है। गंभीर रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा पाना संभव नहीं हो पा रहा। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद की जा रही है कि इमरजेंसी वार्ड की सुविधाओं में विस्तार किया जाए और आवश्यक दवाओं व चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
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इसे लेकर डाॅ. सूर्य प्रकाश का कहना है कि सीमित संसाधनों के साथ मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। विशेष गंभीर परिस्थिति के मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के कारण रेफर किया जाता है, ताकि उन्हें समय रहते बेहतर उपचार मिल सके और वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें।
लगातार उठ रही मेडिकल काॅलेज की मांग
जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए व्यापक व्यवस्था न होने के चलते लगातार जनपद में मेडिकल काॅलेज बनाए जाने की मांग की जा रही है। इसके लिए भूमि तय होने के बाद भी अभी तक काम आगे नहीं बढ़ सका है। ऐसे में जनपद में बेहतर इलाज की उम्मीद नहीं की जा रही।
बातचीत
हाथरस के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। रात के समय इमरजेंसी का कोई फायदा नहीं है। मैं कई बार मरीज को लेकर इमरजेंसी में पहुंचा हूं, लेकिन यहां से हमेशा ही रेफर किया गया है। इसे सिर्फ रेफर सेंटर ही कहा जा सकता है।
-राजू शर्मा, तीमारदार।
हमारे परिवार में कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को रात के समय सीने में दर्द उठ गया। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कुछ गोली देकर सीधे अलीगढ़ ले जाने के लिए कह दिया, जबकि बाद में शहर के एक निजी अस्पताल में दिखाया गया तो वे ठीक हो गए।
-मुन्ना खां, तीमारदार।