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सीएए, एनआरसी, एनपीआर देश की संस्कृति के खिलाफ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 21 Feb 2020 01:59 AM IST
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prayagraj news
- फोटो : prayagraj
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सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे आंदोलन के 40वें दिन भी महिलाएं मंसूर अली पार्क में जमी रहीं। इस दौरान महिलाओं ने तिरंगा लेकर मोहल्लों में जुलूस भी निकाला। बृहस्पतिवार को लोहिया विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक विनय कुमार सिन्हा ने पार्क पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया। इस दौरान हजरत इमाम हुसैन की याद में छबील लगाकर शरबत बांटी गई।
धरने को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि सीएए, एनआरसी, एनपीआर हमारे देश की संस्कृति के खिलाफ हैं। यह देश संविधान से चलता है और जो भी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं वे इस कानून का विरोध कर रहे हैं। आंदोलन में गीता, अजय कुमार, शैलेंद्र, शालिनी, ज्योति, शिवानी, नबीला, नौशाबा, नाजनीन, अलफिशा ने नुक्कड़ नाटक के जरिये एनआरसी, सीएए और एनपीआर को काला कानून बताया।
यहां पर अल्पसंख्यक सभा के मोहम्मद शारिक,इफ्तेखार अहमद, शायरा अहमद, जीशान रहमानी, अब्दुल्ला, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, उमर खालिद, इरशादउल्ला, अफसर महमूद, तारिक, पार्षद फजल खान, रमीज अहसान, अकीलउर्रहमान, शोएब, शाहिद अली, मोहम्मद शहाब आदि मौजूद थे।
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धरने को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि सीएए, एनआरसी, एनपीआर हमारे देश की संस्कृति के खिलाफ हैं। यह देश संविधान से चलता है और जो भी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं वे इस कानून का विरोध कर रहे हैं। आंदोलन में गीता, अजय कुमार, शैलेंद्र, शालिनी, ज्योति, शिवानी, नबीला, नौशाबा, नाजनीन, अलफिशा ने नुक्कड़ नाटक के जरिये एनआरसी, सीएए और एनपीआर को काला कानून बताया।
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यहां पर अल्पसंख्यक सभा के मोहम्मद शारिक,इफ्तेखार अहमद, शायरा अहमद, जीशान रहमानी, अब्दुल्ला, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, उमर खालिद, इरशादउल्ला, अफसर महमूद, तारिक, पार्षद फजल खान, रमीज अहसान, अकीलउर्रहमान, शोएब, शाहिद अली, मोहम्मद शहाब आदि मौजूद थे।