{"_id":"5f9032838ebc3e9be346346c","slug":"high-court-stayed-the-order-of-suspension-of-inspector-kareli","type":"story","status":"publish","title_hn":"इंस्पेक्टर करेली के निलंबन के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
इंस्पेक्टर करेली के निलंबन के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 21 Oct 2020 06:37 PM IST
विज्ञापन

अदालत
- फोटो : file
विज्ञापन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के करेली थाने में तैनात इंस्पेक्टर अंजनी कुमार श्रीवास्तव के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है । इंस्पेक्टर को आईजी प्रयागराज परिक्षेत्र, ने नौ दिसंबर 20202 को आदेश जारी कर निलंबित कर दिया था। उनको पुलिस लाइंस से संबद्ध कर दिया गया था।
इंस्पेक्टर ने निलंबन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजय भनोट से निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याची का पक्ष रहे व िरष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि निलंबन आदेश कानूनी रूप से गलत है । याची के खिलाफ निलंबन आदेश पारित करने का कोई तथ्य नहीं था, एवं आदेश हाईकोर्ट द्वारा पारित पूर्णपीठ के निर्णय जय सिंह दीक्षित तथा सच्चिदानन्द त्रिपाठी केस में हाईकोर्ट द्वारा दी गई विधि व्यवस्था के विपरीत है ।
इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने 27 अगस्त को करेली क्षेत्र में संचालित एक जिम में काम करने वाली युवती राजश्री मिश्रा के साथ हुई मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद भी अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने में शिथिलता बरती । इस कारण उसे यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दंड एवं अपील नियमावली- 1991 के नियम 17 (1) (क) के प्रावधानों के तहत निलंबित कर पुलिस लाइन प्रयागराज में सम्बद्ध कर दिया गया था ।

Trending Videos
इंस्पेक्टर ने निलंबन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजय भनोट से निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
याची का पक्ष रहे व िरष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि निलंबन आदेश कानूनी रूप से गलत है । याची के खिलाफ निलंबन आदेश पारित करने का कोई तथ्य नहीं था, एवं आदेश हाईकोर्ट द्वारा पारित पूर्णपीठ के निर्णय जय सिंह दीक्षित तथा सच्चिदानन्द त्रिपाठी केस में हाईकोर्ट द्वारा दी गई विधि व्यवस्था के विपरीत है ।
इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने 27 अगस्त को करेली क्षेत्र में संचालित एक जिम में काम करने वाली युवती राजश्री मिश्रा के साथ हुई मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद भी अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने में शिथिलता बरती । इस कारण उसे यूपी अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की दंड एवं अपील नियमावली- 1991 के नियम 17 (1) (क) के प्रावधानों के तहत निलंबित कर पुलिस लाइन प्रयागराज में सम्बद्ध कर दिया गया था ।