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Mahakumbh 2025 : महाकुंभ खत्म लेकिन बनी रहेंगी सुविधाएं, आगे भी स्नानार्थियों की भीड़ आने की संभावना

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Wed, 26 Feb 2025 06:20 PM IST
सार

संगम स्नान के लिए अब वर्ष पर्यंत श्रद्धालु आने लगे हैं। इसे देखते हुए बाढ़ के दिनों को छोड़कर अन्य समय में संगम क्षेत्र में बिजली, शौचालय आदि सुविधाएं बहाल रखी जाती रही हैं।

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Mahakumbh is over but facilities will remain, there is a possibility of crowd of bathers coming in future too
संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालु। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ महाकुंभ का बुधवार को समापन हुआ लेकिन संगम तथा आसपास के क्षेत्रों में सुविधाएं बहाल रहेंगी। अभी आगे भी बड़ी संख्या में स्नानार्थियों के आने के आसार हैं। इस संभावना को देखते हुए जरूरी सुविधाएं रखने का निर्णय लिया गया है।

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संगम स्नान के लिए अब वर्ष पर्यंत श्रद्धालु आने लगे हैं। इसे देखते हुए बाढ़ के दिनों को छोड़कर अन्य समय में संगम क्षेत्र में बिजली, शौचालय आदि सुविधाएं बहाल रखी जाती रही हैं। महाकुंभ 2025 के बाद संगम क्षेत्र का रंग विश्व पर्यटन के नक्शे पर और चटख हुआ है।

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महाकुंभ में स्नानार्थियों की लगातार भीड़ रही। आगे भी यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को भीड़ कम होने का इंतजार है। अफसरों का कहना है कि उनकी अब संगम स्नान की तैयारी है। इसके अलावा प्रयागराज धार्मिक नगरी काशी और अयोध्या की सर्किट में भी शामिल हो गया है। इसे ध्यान में रखते हुए ट्रैवल एजेंसियों की ओर से टूर पैकेज भी प्लान किए जाने लगे हैं।

ऐसे में आने वाले दिनाें में भी संगम पर भीड़ आने के आसार हैं। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की इस भीड़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन तथा मेला प्राधिकरण की ओर से जरूरी सेवाएं बहाल रखने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत संगम तथा आसपास के क्षेत्र, परेड आदि स्थानों पर चकर्ड प्लेट बिछी रहेगी। बिजली, शौचालय, पेयजल आदि सुविधाएं बहाल रहेंगी।

किला घाट तथा अन्य प्रमुख स्थानों पर दुकानें भी रहेंगी। ताकि, खान-पान के अलावा जरूरत की अन्य वस्तुएं मिल जाएं। जरूरत के अनुसार सुरक्षाकर्मियाें की भी तैनाती की जाएगी। संगम के पास पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी। वाहनों की संख्या बढ़ती है तो परेड में भी वाहन पार्क किए जाएंगे। इनके अलावा अन्य जरूरी सुविधाएं भी बहाल रहेंगी।

एक सप्ताह में खाली होगा मेला क्षेत्र

महाकुंभ के समापन के साथ मेला क्षेत्र से अस्थाई निर्माण भी हटने लगे हैं। झूंसी और नागवासुकि जोन में ज्यादातर शिविर उखड़ चुके हैं या हटाए जा रहे हैं। प्रमुख पंडालों तथा शिविरों के हटाने का काम भी बृहस्पतिवार से शुरू हो जाएगा। इसी क्रम में संगम, परेड तथा अरैल क्षेत्र में भी शिविर तथा अन्य अस्थायी निर्माण हटाए जाने लगे हैं। अफसरों का कहना है कि एक सप्ताह में ज्यादातर अस्थायी निर्माण हटा लिए जाएंगे और मेला क्षेत्र साफ हो जाएगा।

महाशिवरात्रि के साथ महाकुंभ का समापन हो गया। बृहस्पतिवार को औपचारिक तौर पर समापन कार्यक्रम आयोजित होगा। मेला क्षेत्र में हुई बसावट को हटाने का काम शुरू हो गया है। जरूरी सुविधाओं को छोड़कर अन्य सभी तरह के अस्थाई निर्माण एक सप्ताह में हटा लिए जाएंगे। - विजय किरन आनंद, मेलाधिकारी

समापन की घोषणा के साथ पुलिस-सफाई कर्मियों को आज सम्मानित करेंगे सीएम

मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को महाकुंभ नगर में होंगे। वह महाकुंभ आयोजन के समापन की औपचारिक घोषणा करेंगे। साथ ही अलग-अलग आयोजनों में सफाई एवं पुलिस कर्मियों तथा अन्य वर्ग के लोगों को सम्मानित करेंगे। उनका पुलिस कर्मियों के साथ सामूहिक भोज का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।

महाकुंभ आयोजन का समापन कार्यक्रम गंगा पंडाल में आयोजित होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री स्वच्छता कर्मियों, नाविकों, गंगा दूतों आदि को सम्मानित करेंगे। इसके अलावा मेला क्षेत्र स्थित पुलिस लाइन में वह सुरक्षा कर्मियों को सम्मानित करेंगे।अलग-अलग कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री अफसरों तथा महाकुंभ में सेवा देने वाले अन्य लोगोें को भी सम्मानित करेंगे। मुख्यमंत्री नेत्र कुंभ में आयोजित कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।

महाकुंभ में बृहस्पतिवार को बनेगा चौथा कीर्तिमान

महाकुंभ के अंतर्गत बृहस्पतिवार को चौथा विश्व कीर्तिमान बनेगा। 700 शटल बसों का एक साथ संचालन करके मेला प्रशासन छह साल पहले बने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ेगा। महाकुंभ में तीन विश्व रिकॉर्ड पहले ही बन चुके हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को गंगा पंडाल में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।

मेला प्रशासन की ओर से महाकुंभ-2025 में चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई है। इसमें 300 से अधिक कर्मचारियों के साथ नदी स्वच्छता, 15 हजार सफाई कर्मियों के साथ स्वच्छता तथा 10 हजार हैंड प्रिंटिंग का का रिकॉर्ड पहले ही बनाया जा चुका है। इनमें से नदी स्वच्छता का रिकॉर्ड पहली बार बनाया गया है। वहीं मेला प्रशासन की ओर से कुंभ 2019 में 10 हजार सफाई कर्मचारियों के साथ अभियान चलाकर स्वच्छता का रिकॉर्ड बनाया गया था। इसके अलावा 7660 हैंड प्रिंटिंग का रिकॉर्ड बनाया गया था। इस तरह से मेला प्रशासन ने इस बार ये दोनों अपने ही रिकॉर्ड तोड़े हैं। अब चौथा रिकॉर्ड बृहस्पतिवार को बनेगा।

कुंभ 2019 में एक साथ 500 बसों के संचालन का रिकॉर्ड बनाया गया था। अब मेला प्रशासन की ओर से एक साथ 700 बसों के संचालन का रिकाॅर्ड बनाया जाएगा। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि सोरांव से नवाबगंज के बीच सुबह बसों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी मौजूद रहेगी। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।

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