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UP: नेताजी के चार फौजियों की बंदूकें गायब, हाथ भी तोड़े; एक जवान का हाथ तोड़कर गले में लटकाकर रस्सी से बांधा
अनूप ओझा, अमर उजाला, प्रयागराज
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 11 Jul 2023 01:51 PM IST
सार
प्रयागराज के सुभाष चौक पर पुलिस चौकी से चंद कदम पर फौजी प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किया गया है। फौजियों की प्रतिमाओं के हाथ तोड़े गए और बंदूकें तोड़कर नष्ट की गईं, वहां से पुलिस चौकी चंद कदम की दूरी पर स्थित है।
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Netaji Subhash Chandra
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रयागराज शहर के बीच स्थित सुभाष चौक से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के चार फौजियों की प्रतिमाओं की बंदूकें गायब हो गई हैं। तीन जवानों की प्रतिमाओं के हाथ भी तोड़ दिए गए हैं। एक जवान के हाथ सहित मशीनगन को दूसरी खंडित प्रतिमा के गले में लटकाकर रस्सियों से बांध दिया गया है।
यह घटना वहां हुई है जहां 24 घंटे पुलिस की निगरानी तो रहती ही है, दर्जन भर से अधिक एचडी कैमरे भी लगाए गए हैं। सुभाष चौक आजाद हिंद फौज के जवानों की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने और उनकी बंदूकें तोड़ने की घटना कब हुई, इसकी सटीक जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है। लेकिन, इस दुस्साहसपूर्ण वाकये को जानकर हर कोई हैरान है।
हैरानी की भी वजहें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस सुभाष चौक के गोलंबर में लगाई गई फौजियों की प्रतिमाओं के हाथ तोड़े गए और बंदूकें तोड़कर नष्ट की गईं, वहां से पुलिस चौकी चंद कदम की दूरी पर स्थित है। वहां सिविल लाइंस थाने की पुलिस के साथ ही अफसरों की भी गाड़ियां देर रात तक खड़ी देखी जा सकती हैं।
चौकी 24 घंटे खुली रहती है। ऐसे में वहां प्रतिमाओं के हाथ कब और किसने तोड़ डाले? कैसे उनपर किसी की नजर नहीं पड़ी, यह विचारणीय है। सुभाष चौक का आजाद हिंद फौज के प्रतीक रूप में सौंदर्यीकरण 2019 के कुंभ के दौरान पीडीए की ओर से कराया गया था। तब शहर के 64 चौराहों को विविध प्रतिमाओं के रूपों में सजाया गया था।
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यह घटना वहां हुई है जहां 24 घंटे पुलिस की निगरानी तो रहती ही है, दर्जन भर से अधिक एचडी कैमरे भी लगाए गए हैं। सुभाष चौक आजाद हिंद फौज के जवानों की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने और उनकी बंदूकें तोड़ने की घटना कब हुई, इसकी सटीक जानकारी फिलहाल किसी को नहीं है। लेकिन, इस दुस्साहसपूर्ण वाकये को जानकर हर कोई हैरान है।
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हैरानी की भी वजहें हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस सुभाष चौक के गोलंबर में लगाई गई फौजियों की प्रतिमाओं के हाथ तोड़े गए और बंदूकें तोड़कर नष्ट की गईं, वहां से पुलिस चौकी चंद कदम की दूरी पर स्थित है। वहां सिविल लाइंस थाने की पुलिस के साथ ही अफसरों की भी गाड़ियां देर रात तक खड़ी देखी जा सकती हैं।
चौकी 24 घंटे खुली रहती है। ऐसे में वहां प्रतिमाओं के हाथ कब और किसने तोड़ डाले? कैसे उनपर किसी की नजर नहीं पड़ी, यह विचारणीय है। सुभाष चौक का आजाद हिंद फौज के प्रतीक रूप में सौंदर्यीकरण 2019 के कुंभ के दौरान पीडीए की ओर से कराया गया था। तब शहर के 64 चौराहों को विविध प्रतिमाओं के रूपों में सजाया गया था।
कहीं समुद्र मंथन तो कहीं नटराज तो कहीं आजाद हिंद फौज देश -दुनिया से कुंभ में डुबकी लगाने के लिए आने वाले 24 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का कर्द्र बनी थीं। अब वह मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो रही हैं और उनकी रखवाली करने की भी किसी को फिक्र नहीं है। इससे पहले निरंजन डॉट पुल के पास झूले पर लगी राधा-कृष्ण की प्रतिमा से कान्हा के अधरों से मुरली चोरी कर ली गई थी।
सुभाष चौक से आदाज हिंद फौज के सिपाहियों की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त किए जाने और बंदूकें तोड़े जाने की जानकारी मुझे नहीं थी। ऐसा किसने और कब किया इसकी पड़ताल कराई जाएगी। क्षतिग्रस्त जवानों की प्रतिमाओं की मरम्मत कराई जाएगी। अरविंद चौहान, पीडीए वीसी।