Mahakumbh : प्रयागराज आकर भावुक हुईं प्रीति जिंटा, सोशल मीडिया पर साझा किया अनुभव
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कुंभ मेले में यह मेरा तीसरा मौका था और यह जादुई, दिल को छूने वाला तथा थोड़ा दुखद था। जादुई इसलिए क्योंकि मैं चाहे जितनी भी कोशिश कर लूं, मैं यह नहीं बता सकती कि मुझे कैसा महसूस हुआ।
विस्तार
महाकुंभ के अंतर्गत बुधवार को हुए आखिरी स्नान पर्व पर प्रीति जिंटा ने भावुक कर देने वाला आध्यात्मिक पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर उनकी यह पोस्ट कुछ दिन पहले हुई तीर्थराज प्रयागराज की यात्रा से जुड़ी रही जिसमें अध्यात्मिक अनुभूतियों का समावेश रहा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से प्रयागराज महाकुम्भ में अपनी यात्रा से जुड़ा हुआ एक वीडियो शेयर करते हुए अपनी आध्यात्मिक अनुभूति के बारे में विस्तार से लिखा।
कुंभ मेले में आना जादुई और दिल को छूने वाला अनुभव
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कुंभ मेले में यह मेरा तीसरा मौका था और यह जादुई, दिल को छूने वाला तथा थोड़ा दुखद था। जादुई इसलिए क्योंकि मैं चाहे जितनी भी कोशिश कर लूं, मैं यह नहीं बता सकती कि मुझे कैसा महसूस हुआ। दिल को छूने वाला इसलिए क्योंकि मैं अपनी मां के साथ गई थी और यह उनके लिए दुनिया से बढ़कर था। दुखद इसलिए क्योंकि मैं जीवन और मृत्यु के विभिन्न चक्रों से मुक्त होना चाहती थी, लेकिन मुझे जीवन और आसक्ति के द्वंद्व का अहसास हुआ।
मुझे विश्वास है कि सभी जिज्ञासाओं का मिलेगा उत्तर
प्रीति जिंटा ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि क्या मैं अपने परिवार, अपने बच्चों और अपने प्रियजनों को छोड़ने के लिए तैयार हूं, नहीं! मैं तैयार नहीं हूं।यह बहुत ही भावुक और विनम्र करने वाला होता है जब आपको यह अहसास होता है कि आसक्ति के तार मजबूत और शक्तिशाली हैं और चाहे आपकी आसक्ति कुछ भी हो, आखिरकार आपकी आध्यात्मिक यात्रा और आगे की यात्रा अकेले ही होगी। मैं इस धारणा के साथ वापस आई कि हम आध्यात्मिक अनुभव वाले मनुष्य नहीं हैं, बल्कि आध्यात्मिक प्राणी हैं जो मानवीय अनुभव कर रहे हैं। इसके आगे मुझे नहीं पता, लेकिन मुझे विश्वास है, मेरी जिज्ञासा निश्चित रूप से उन सभी उत्तरों की ओर मार्ग प्रशस्त करेगी जिनकी मुझे तलाश है... तब तक, हर हर महादेव।