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अधिवक्ता बुद्धिजीवी, करेंगे सत्ता परिवर्तन
अमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद
Updated Mon, 20 Feb 2017 01:48 AM IST
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इलाहाबाद
- फोटो : इलाहाबाद
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बदलाव की इस बयार में महिलाओं, किसानों, व्यापारियों और युवाओं के साथ अब बुद्धिजीवी तबके को आगे आने की जरूरत है। संगम नगरी के अधिवक्ता इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यूपी में अधिवक्ताओं का साथ सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्य यूपी से चली यह हवा पूरब में वोट रूपी आंधी में बदल जाएगी। अधिवक्ता समाज अपने महत्व को पहचानकर उत्तर प्रदेश में सुशासन के लिए बदलाव का केंद्र बिंदु बने तो विकास की बयार बहेगी। यह बातें केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहीं।
कानून मंत्री रविवार को सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी विद्या मंदिर परिसर में समकालीन राजनीतिक परिदृश्य में अधिवक्ताओं की भूमिक ा विषयक अधिवक्ता महापंचायत को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न्याय पालिका की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। हम न्यायिक एवं प्रेस की स्वतंत्रता के हमेशा पक्षधर रहे हैं। हम ऐसे न्यायाधीश नियुक्त करना चाहते हैं, जिनसे जनता में न्याय पालिका के प्रति विश्वास बढे़। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को सराहते हुए कहा कि अब देश की पूरी दुनिया में धमक है। हमारे देश के मेधावी युवाओं ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के ऐसे एप बनाए हैं जिनसे देश के 40 लाख विद्यार्थी फायदा उठा रहे हैं। देश में सूचना क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीति के तहत अब देश में 72 कंपनियां मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में हैं जबकि दो साल पहले तक एक ही कंपनी मोबाइल बनाती थी।
केंद्रीय कानून मंत्र प्रसाद ने कहा कि जातिवादी सियासत कर लोगों को बांटने के लिए नहीं बल्कि हम सबको साथ लेकर विकास की राजनीति में विश्वास रखते हैं। यूपी में लोहिया के नाम पर जातिवादी राजनीति करने वाले एक ही परिवार में सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं का आवाहन किया कि वह देश की आजादी से लेकर अब तक आप ने जिस तरह आगे आकर नेतृत्व किया, वैसा ही अब करने की जरूरत है। यूपी में चारों तरफ गुंडागर्दी, जातिवादी अराजकता के चलते अवरुद्ध विकास है, इसके खिलाफ अधिवक्ता परिवर्तन का संकल्प लें तो स्थिति बेहतर होगी। मंत्री प्रसाद ने पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के पंचतत्वों में घोटाला किया गया। हेलीकॉप्टर, स्पेक्ट्रम, पनडुब्बी, जमीन और कोयला घोटालों ने देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी। उन्होंने सपा को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन पर भी तंज कसे।
इसके पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन वीसी मिश्र ने कानून मंत्री के समक्ष न्याय पालिका से जुड़ी समस्याएं रखते हुए कानून में बड़े परिवर्तन की जरूरत बताई। कहा कि अवमानना कानून से वकीलों को छूट मिले ताकि निर्भीक बार न्याय पालिका को मजबूत कर सके। उन्होंने कहा कि देश को निर्णय नहीं न्याय देने वाली न्याय पालिका चाहिए। भाजपा विधि प्रकोष्ठ की सह संयोजक ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तमाम बेकार कानूनों को समाप्त करने और न्यायिक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। महिला अधिकारों का मद्दा धर्म का नहीं बल्कि नारी शक्ति की पहचान का है।
इसके पहले भारत माता के चित्र के समक्ष दीप जलाकर व वंदेमातरम के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विकास चंद्र त्रिपाठी ने अंगवस्त्रम भेंटकर केंद्रीय मंत्री का अभिनंदन किया। संचालन प्रदेश के संगठन मंत्री सत्य प्रकाश राय और हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव, नीरज सिंह, आईके चतुर्वेदी, विवेक राय, भूपेंद्र नाथ सिंह विजय प्रकाश मिश्र, राजेश्वर त्रिपाठी, मृत्युंजय तिवारी, नरेंद्र देव राय, हरकेश सिंह, आशीष दुबे, नितिन, अरुण कुमार मिश्र, संजीव पांडेय, श्रीनारायण राय आदि मौजूद थे। आरएसएस के विभाग प्रचारक मनोज, डॉ. एमजे त्रिपाठी आदि भी कार्यक्रम में रहे।
अधिवक्ता महापंचायत में केंद्रीय कानून मंत्री संबोधन के दौरान उस समय अचानक चुप मौन हो गए, जब उन्हें अजान के स्वर सुनाई पड़े। नमाज पूरी होने के बाद उन्होंने संबोधन शुरू करते हुए कहा कि किसी भी धर्म की इबादत का सम्मान करना चाहिए। हमारा धर्म यही सिखाता है।
सम्मेलन के दौरान कानून मंत्री ने अधिवक्ताओं की समस्याएं और सुझाव गंभीरता से सुने। इसी बीच संचालक ने एक प्रत्याशी का नाम भाषण के लिए पुकारा तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सियासी मंच नहीं है। यहां राजनीति नहीं देश और समाज के साथ सिर्फ अधिवक्ताओं की बातें होंगी।
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कानून मंत्री रविवार को सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी विद्या मंदिर परिसर में समकालीन राजनीतिक परिदृश्य में अधिवक्ताओं की भूमिक ा विषयक अधिवक्ता महापंचायत को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न्याय पालिका की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। हम न्यायिक एवं प्रेस की स्वतंत्रता के हमेशा पक्षधर रहे हैं। हम ऐसे न्यायाधीश नियुक्त करना चाहते हैं, जिनसे जनता में न्याय पालिका के प्रति विश्वास बढे़। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को सराहते हुए कहा कि अब देश की पूरी दुनिया में धमक है। हमारे देश के मेधावी युवाओं ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के ऐसे एप बनाए हैं जिनसे देश के 40 लाख विद्यार्थी फायदा उठा रहे हैं। देश में सूचना क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीति के तहत अब देश में 72 कंपनियां मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में हैं जबकि दो साल पहले तक एक ही कंपनी मोबाइल बनाती थी।
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केंद्रीय कानून मंत्र प्रसाद ने कहा कि जातिवादी सियासत कर लोगों को बांटने के लिए नहीं बल्कि हम सबको साथ लेकर विकास की राजनीति में विश्वास रखते हैं। यूपी में लोहिया के नाम पर जातिवादी राजनीति करने वाले एक ही परिवार में सिमटकर रह गए हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं का आवाहन किया कि वह देश की आजादी से लेकर अब तक आप ने जिस तरह आगे आकर नेतृत्व किया, वैसा ही अब करने की जरूरत है। यूपी में चारों तरफ गुंडागर्दी, जातिवादी अराजकता के चलते अवरुद्ध विकास है, इसके खिलाफ अधिवक्ता परिवर्तन का संकल्प लें तो स्थिति बेहतर होगी। मंत्री प्रसाद ने पूर्व की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के पंचतत्वों में घोटाला किया गया। हेलीकॉप्टर, स्पेक्ट्रम, पनडुब्बी, जमीन और कोयला घोटालों ने देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी। उन्होंने सपा को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन पर भी तंज कसे।
इसके पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन वीसी मिश्र ने कानून मंत्री के समक्ष न्याय पालिका से जुड़ी समस्याएं रखते हुए कानून में बड़े परिवर्तन की जरूरत बताई। कहा कि अवमानना कानून से वकीलों को छूट मिले ताकि निर्भीक बार न्याय पालिका को मजबूत कर सके। उन्होंने कहा कि देश को निर्णय नहीं न्याय देने वाली न्याय पालिका चाहिए। भाजपा विधि प्रकोष्ठ की सह संयोजक ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तमाम बेकार कानूनों को समाप्त करने और न्यायिक सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। महिला अधिकारों का मद्दा धर्म का नहीं बल्कि नारी शक्ति की पहचान का है।
इसके पहले भारत माता के चित्र के समक्ष दीप जलाकर व वंदेमातरम के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विकास चंद्र त्रिपाठी ने अंगवस्त्रम भेंटकर केंद्रीय मंत्री का अभिनंदन किया। संचालन प्रदेश के संगठन मंत्री सत्य प्रकाश राय और हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष वीपी श्रीवास्तव, नीरज सिंह, आईके चतुर्वेदी, विवेक राय, भूपेंद्र नाथ सिंह विजय प्रकाश मिश्र, राजेश्वर त्रिपाठी, मृत्युंजय तिवारी, नरेंद्र देव राय, हरकेश सिंह, आशीष दुबे, नितिन, अरुण कुमार मिश्र, संजीव पांडेय, श्रीनारायण राय आदि मौजूद थे। आरएसएस के विभाग प्रचारक मनोज, डॉ. एमजे त्रिपाठी आदि भी कार्यक्रम में रहे।
अधिवक्ता महापंचायत में केंद्रीय कानून मंत्री संबोधन के दौरान उस समय अचानक चुप मौन हो गए, जब उन्हें अजान के स्वर सुनाई पड़े। नमाज पूरी होने के बाद उन्होंने संबोधन शुरू करते हुए कहा कि किसी भी धर्म की इबादत का सम्मान करना चाहिए। हमारा धर्म यही सिखाता है।
सम्मेलन के दौरान कानून मंत्री ने अधिवक्ताओं की समस्याएं और सुझाव गंभीरता से सुने। इसी बीच संचालक ने एक प्रत्याशी का नाम भाषण के लिए पुकारा तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सियासी मंच नहीं है। यहां राजनीति नहीं देश और समाज के साथ सिर्फ अधिवक्ताओं की बातें होंगी।