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Magh Mela : शंकराचार्य की पेशवाई में उमड़े संत-भक्त, गोमाता को राष्ट्रमाता बनाने का एलान
अमर उजला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 03 Feb 2024 12:05 PM IST
सार
गो माता को राष्ट्रमाता के आसन पर विराजमान कराने के संकल्प के साथ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन संस्कृति के मूल्यों की स्थापना को लेकर चिंतन किया। शंकराचार्य की पेशवाई का शुभारंभ मेला क्षेत्र के परेड स्थित गंगा सेवा अभियानम के शिविर से हुआ।
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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद माघ मेले में पहुंचे।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शुक्रवार को माघ मेला में रथारूढ़ गो माता की झांकी के साथ प्रवेश किया। परेड मैदान से निकाली गई उनकी पेशवाई में संतों-भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान उन्होंने गो माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने का एलान किया। इसके लिए माघ मेला शिविर में गो संसद बुलाई गई है।
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गो माता को राष्ट्रमाता के आसन पर विराजमान कराने के संकल्प के साथ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सनातन संस्कृति के मूल्यों की स्थापना को लेकर चिंतन किया। शंकराचार्य की पेशवाई का शुभारंभ मेला क्षेत्र के परेड स्थित गंगा सेवा अभियानम के शिविर से हुआ। गो संसद की झांकी के आगे-आगे संत अपनी गाय माता को लेकर चल रहे थे। उनके पीछे आकर्षक रूप से सजाई गई गो माता की झांकी हर किसी का ध्यान खींच रही थी। गो संसद की झांकी को जनता ने न सिर्फ निहारा, वल्कि सराहना भी की।
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पेशवाई की अगुवाई महामंडलेश्वर सहजानंद कर रहे थे। उनके रथ के पीछे अनेक संत धर्मध्वजा फहराते चल रहे थे। दर्जन भर से अधिक बैंडबाजा, अलग-अलग दलों के कलाकारों की ओर से रास्ते भर भक्तिगीतों की धुन बजाई जाती रही। पेशवाई में मनकामेश्वर मंदिर के श्रीधरानंद ब्रह्मचारी, संत गोबर गोपाल,स्वामी जगदीशानंद, स्वामी ब्रह्मविद्यानंद,डॉ. शैलेंद्र योगिराज समेत कई संत शामिल थे।