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Ambedkar Nagar News: 34 घंटे बाद सुशील का अंतिम संस्कार
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:56 PM IST
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परिजनों से वार्ता करते अफसर और कुर्सी पर बैठा मासूम पुत्र शौर्य तिवारी।
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अंबेडकरनगर/श्रवण क्षेत्र। भीटी के बेनीपुर गांव के सुशील तिवारी का जिला कारागार में फंदे से शव लटकता मिलने के करीब 34 घंटे बाद बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे श्रवणक्षेत्र के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। परिजन शव गांव पहुंचने के बाद से ही नाम निकालने के एवज में रुपये लेने वाले अधिवक्ता व पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई, दो करोड़ रुपये मुआवजे और नौकरी दिलाने की मांग पर अड़ गए।
सुबह से चली कई दौर की वार्ता के बाद विधायक कटेहरी धर्मराज निषाद व अधिकारियों के आश्वासन देने पर परिजन शांत हुए। बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे मृतक के बड़े भाई सुनील तिवारी असम से लौटे, जिसके बाद 10 बजे एसडीएम भीटी धर्मेंद्र कुमार सिंह, सीओ लक्ष्मीकांत ने वार्ता का दौर शुरू किया।
परिजन मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग करने लगे। इस बीच विधायक धर्मराज निषाद, पूर्व प्रत्याशी कटेहरी अवधेश द्विवेदी भी आ गए और नए सिरे से परिजनों से बातचीत शुरू की। पिता अशोक तिवारी ने मृतक आश्रितों को दो कराेड़ रुपये मुआवजा, पत्नी दीपमाला को आईसीडीएस विभाग में नौकरी, विपक्षियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने, जानलेवा हमले के मामले में नाम निकालने के एवज में रुपये लेने वाले अधिवक्ता और पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा और नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराया।
शव को सुरक्षा के बीच श्रवणक्षेत्र स्थित श्मसान घाट पर लाया गया, जहां पिता ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। श्रवण क्षेत्र न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ. अनुपम पांडेय, संकटा प्रसाद ने श्रद्धांजलि दी। सुशील तिवारी की मौत के बाद से ही मां मालती देवी, पत्नी दीपमाला और पुत्र शौर्य का रो-रोकर हाल बेहाल है। लद्दाख में तैनात भाई अनिल तिवारी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नहीं पहुंच पाए।
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सुबह से चली कई दौर की वार्ता के बाद विधायक कटेहरी धर्मराज निषाद व अधिकारियों के आश्वासन देने पर परिजन शांत हुए। बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे मृतक के बड़े भाई सुनील तिवारी असम से लौटे, जिसके बाद 10 बजे एसडीएम भीटी धर्मेंद्र कुमार सिंह, सीओ लक्ष्मीकांत ने वार्ता का दौर शुरू किया।
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परिजन मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग करने लगे। इस बीच विधायक धर्मराज निषाद, पूर्व प्रत्याशी कटेहरी अवधेश द्विवेदी भी आ गए और नए सिरे से परिजनों से बातचीत शुरू की। पिता अशोक तिवारी ने मृतक आश्रितों को दो कराेड़ रुपये मुआवजा, पत्नी दीपमाला को आईसीडीएस विभाग में नौकरी, विपक्षियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने, जानलेवा हमले के मामले में नाम निकालने के एवज में रुपये लेने वाले अधिवक्ता और पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद प्रशासन ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा और नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर शांत कराया।
शव को सुरक्षा के बीच श्रवणक्षेत्र स्थित श्मसान घाट पर लाया गया, जहां पिता ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। श्रवण क्षेत्र न्यास समिति के अध्यक्ष डॉ. अनुपम पांडेय, संकटा प्रसाद ने श्रद्धांजलि दी। सुशील तिवारी की मौत के बाद से ही मां मालती देवी, पत्नी दीपमाला और पुत्र शौर्य का रो-रोकर हाल बेहाल है। लद्दाख में तैनात भाई अनिल तिवारी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए नहीं पहुंच पाए।
