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Amethi News: जिम्मेदार बदलें कार्यशैली, सभी लोग समझें दायित्व
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Tue, 26 Nov 2024 04:31 AM IST
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अमर उजाला की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में मौजूद लोग
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अमेठी सिटी। जिले की सभी नगर निकायों व प्रमुख कस्बों में अतिक्रमण, जाम, पार्किंग व मंडियों आदि की समस्या को लेकर अमर उजाला की ओर से अभियान चलाया गया। अंतिम दिन आयोजित संवाद कार्यक्रम में अमर उजाला की पहल की सराहना करते हुए समाज के प्रबुद्ध वर्ग व संगठन पदाधिकारियों ने बेबाकी से अपनी बात व सुझाव रखे। साथ ही कहा कि प्रशासन व जिम्मेदारों को अपनी कार्यशैली में बदलाव कर इसे गंभीरता से लेना चाहिए। आम नागरिक को भी अपने दायित्व की जानकारी होनी चाहिए।
जिले की नगर निकाय अमेठी, गौरीगंज, जायस, मुसाफिरखाना व कस्बा रामगंज, भादर, मुंशीगंज, जामो, जगदीशपुर, कमरौली, बहादुरपुर, फुरसतगंज आदि में पटरियों पर अतिक्रमण, सड़कों पर जाम की समस्या आम है। पार्किंग, सब्जी, फल, चिक, गुड, दाल आदि की मंडियां नहीं हैं। पटरियों पर अस्थायी व स्थायी दुकानें लगती हैं, जो शहर व कस्बों की सूरत बिगाड़ देती हैं। इन मुद्दों को लेकर अमर उजाला की ओर से डाक बगले में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मौजूद लोगों ने मुद्दों पर अपनी बात रखी।
वेद मर्मज्ञ सेवानिवृत्त प्रो. डॉ. ज्वलंत कुमार शास्त्री ने कहा कि अमर उजाला ने जन सामान्य के लिए बहुत उपयोगी संवाद गोष्ठी की है। जिले में मैरिज हॉल व लॉन बन गए, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं की, इस पर प्रशासन संवेदनहीन है। गोदामों को मेन रोड व कस्बों से दूर रखा जाए। शहर व कस्बों में सार्वजनिक पार्किंग होनी चाहिए। सड़कों पर खड़े बाइक व वाहनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन की ओर से नाम मात्र गरीब पटरी दुकानदारों पर एक पक्षीय कार्रवाई करना गलत है। पहले मंडियों की व्यवस्था कर इन्हें शिफ्ट करते हुए व्यवस्था की जानी चाहिए।
अमेठी बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता उपेंद्र शुक्ल ने कहा कि शहर में आबादी बढ़ रही है। अतिक्रमण, जाम, पार्किंग की समस्या से सभी पीड़ित हैं। सभी को अपना दायित्व समझकर आवाज उठानी है। शासन प्रशासन की नाक के नीचे अवैध रूप से तहबाजारी की वसूली है। सरकार, प्रशासन के साथ जनता भी उदासीन है। निकायों का विस्तार होने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। सार्वजनिक मामलों के साथ इन समस्याओं के संबंध में प्रशासन व जनप्रतिनिधि पूरी तरह उदासीन हैं।
जल बिरादरी अमेठी के अध्यक्ष व समाज सेवी डॉ. अर्जुन पांडेय ने कहा कि जिले के सभी निकायों व कस्बों में जाम की समस्या बनी है। सुबह, शाम लगने वाला जाम सिर्फ अव्यवस्था है। अमेठी शहर में नगर पंचायत का विस्तार होना सबसे प्रमुख कारण है। मंडियां सुव्यवस्थित करनी चाहिए। शासन प्रशासन को सक्रिय होकर पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। एक बार अतिक्रमण के लिए अभियान चलाने से कुछ नहीं होगा, लगातार अभियान चलाने के साथ लोगों को जागरूक करने जरूरत है।
अधिवक्ता गिरजा शंकर शुक्ल ने कहा कि आवासीय मकानों में दुकान होने से सड़कों तक विस्तार है। राजमार्गों व निकाय में मकान निर्माण मानक के अनुसार होना चाहिए। यहां सभी जानते हैं समस्या है। जो व्यवस्थापक हैं, वहीं समस्या व जाम के सूत्रधार हैं। जनता अपनी सुविधा स्वयं नहीं चाहती। काम के महत्व पर लोगों को जनप्रतिनिधियों का चुनाव करना होगा, तभी समस्या का हल निकल सकेगा। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष महेश सोनी ने कहा कि शहर व कस्बों में जाम का प्रमुख कारण मंडियों का व्यवस्था नहीं होना है। पटरियों व ठेले पर दुकान लगाने वाले के लिए अलग-अलग मंडी बनाकर उन्हें शिफ्ट किया जाए। अमेठी समेत सभी निकायों का विस्तार होना चाहिए। मंडी बनने के बाद अगर पटरी व अन्य स्थानों पर दुकानें लगती हैं तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला महामंत्री सुशील जायसवाल ने कहा कि सरकारी कार्यालयों के साथ निजी संस्थानों के पास पार्किंग नहीं है। सड़कों पर वाहन खड़े होते हैं। 42 बाजारों में संगठन की इकाइयां हैं। सभी निकायों, कस्बों व बाजारों में बहुत भूमि है। प्रशासन को चिह्नित कर मंडियों की व्यवस्था करनी चाहिए। मैरिज हॉल व लॉन, होटल, मॉल समेत अन्य के साथ वार्ता कर पार्किंग के लिए निर्देश देने चाहिए।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी अनिल पाल ने कहा कि अमर उजाला ने इस व्यापक मुद्दे को उठाने के लिए धन्यवाद। इन समस्याओं पर शासन को संज्ञान लेना चाहिए। जिले के उच्चाधिकारियों को जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नियम शर्त बनाना चाहिए, जिसका शासन स्तर पर अनुपालन कराया जाना चाहिए। जनता को अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। निकायों को अवैध स्टैंड के संचालन पर रोक लगानी चाहिए। नगर को सुव्यवस्थित बनाने में प्रशासन के साथ सभी को पहल करनी होगी।
उद्योग व्यापार मंडल नगर महामंत्री संदीप अग्रहरि ने कहा कि जिले में जाम की समस्या को दूर करने के लिए पटरी दुकानदारों को मंडी में शिफ्ट कर प्रशासन को कड़ा रुख लेना होगा। कवि शिवभानु कृष्णा ने कहा कि नियम बने हुए हैं। व्यापारी, ग्राहक व राहगीर जाम की समस्या से परेशान हैं। मंडियों के लिए कस्बे व शहर से दूर की जाए। दीपक शुक्ल ने कहा कि ई-रिक्शा जाम को बढ़ावा दे रहे हैं। सड़कों पर खड़ा करने वाले वाहनों का चालान किया जाना चाहिए। गोष्ठी में मौजूद बाल किशोर ओझा, गौरव आदि ने अमर उजाला की पहल की सराहना करने हुए प्रशासन को गंभीर होना चाहिए।
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जिले की नगर निकाय अमेठी, गौरीगंज, जायस, मुसाफिरखाना व कस्बा रामगंज, भादर, मुंशीगंज, जामो, जगदीशपुर, कमरौली, बहादुरपुर, फुरसतगंज आदि में पटरियों पर अतिक्रमण, सड़कों पर जाम की समस्या आम है। पार्किंग, सब्जी, फल, चिक, गुड, दाल आदि की मंडियां नहीं हैं। पटरियों पर अस्थायी व स्थायी दुकानें लगती हैं, जो शहर व कस्बों की सूरत बिगाड़ देती हैं। इन मुद्दों को लेकर अमर उजाला की ओर से डाक बगले में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मौजूद लोगों ने मुद्दों पर अपनी बात रखी।
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वेद मर्मज्ञ सेवानिवृत्त प्रो. डॉ. ज्वलंत कुमार शास्त्री ने कहा कि अमर उजाला ने जन सामान्य के लिए बहुत उपयोगी संवाद गोष्ठी की है। जिले में मैरिज हॉल व लॉन बन गए, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं की, इस पर प्रशासन संवेदनहीन है। गोदामों को मेन रोड व कस्बों से दूर रखा जाए। शहर व कस्बों में सार्वजनिक पार्किंग होनी चाहिए। सड़कों पर खड़े बाइक व वाहनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन की ओर से नाम मात्र गरीब पटरी दुकानदारों पर एक पक्षीय कार्रवाई करना गलत है। पहले मंडियों की व्यवस्था कर इन्हें शिफ्ट करते हुए व्यवस्था की जानी चाहिए।
अमेठी बार एसोसिएशन के सचिव अधिवक्ता उपेंद्र शुक्ल ने कहा कि शहर में आबादी बढ़ रही है। अतिक्रमण, जाम, पार्किंग की समस्या से सभी पीड़ित हैं। सभी को अपना दायित्व समझकर आवाज उठानी है। शासन प्रशासन की नाक के नीचे अवैध रूप से तहबाजारी की वसूली है। सरकार, प्रशासन के साथ जनता भी उदासीन है। निकायों का विस्तार होने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। सार्वजनिक मामलों के साथ इन समस्याओं के संबंध में प्रशासन व जनप्रतिनिधि पूरी तरह उदासीन हैं।
जल बिरादरी अमेठी के अध्यक्ष व समाज सेवी डॉ. अर्जुन पांडेय ने कहा कि जिले के सभी निकायों व कस्बों में जाम की समस्या बनी है। सुबह, शाम लगने वाला जाम सिर्फ अव्यवस्था है। अमेठी शहर में नगर पंचायत का विस्तार होना सबसे प्रमुख कारण है। मंडियां सुव्यवस्थित करनी चाहिए। शासन प्रशासन को सक्रिय होकर पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। एक बार अतिक्रमण के लिए अभियान चलाने से कुछ नहीं होगा, लगातार अभियान चलाने के साथ लोगों को जागरूक करने जरूरत है।
अधिवक्ता गिरजा शंकर शुक्ल ने कहा कि आवासीय मकानों में दुकान होने से सड़कों तक विस्तार है। राजमार्गों व निकाय में मकान निर्माण मानक के अनुसार होना चाहिए। यहां सभी जानते हैं समस्या है। जो व्यवस्थापक हैं, वहीं समस्या व जाम के सूत्रधार हैं। जनता अपनी सुविधा स्वयं नहीं चाहती। काम के महत्व पर लोगों को जनप्रतिनिधियों का चुनाव करना होगा, तभी समस्या का हल निकल सकेगा। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष महेश सोनी ने कहा कि शहर व कस्बों में जाम का प्रमुख कारण मंडियों का व्यवस्था नहीं होना है। पटरियों व ठेले पर दुकान लगाने वाले के लिए अलग-अलग मंडी बनाकर उन्हें शिफ्ट किया जाए। अमेठी समेत सभी निकायों का विस्तार होना चाहिए। मंडी बनने के बाद अगर पटरी व अन्य स्थानों पर दुकानें लगती हैं तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला महामंत्री सुशील जायसवाल ने कहा कि सरकारी कार्यालयों के साथ निजी संस्थानों के पास पार्किंग नहीं है। सड़कों पर वाहन खड़े होते हैं। 42 बाजारों में संगठन की इकाइयां हैं। सभी निकायों, कस्बों व बाजारों में बहुत भूमि है। प्रशासन को चिह्नित कर मंडियों की व्यवस्था करनी चाहिए। मैरिज हॉल व लॉन, होटल, मॉल समेत अन्य के साथ वार्ता कर पार्किंग के लिए निर्देश देने चाहिए।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मीडिया प्रभारी अनिल पाल ने कहा कि अमर उजाला ने इस व्यापक मुद्दे को उठाने के लिए धन्यवाद। इन समस्याओं पर शासन को संज्ञान लेना चाहिए। जिले के उच्चाधिकारियों को जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नियम शर्त बनाना चाहिए, जिसका शासन स्तर पर अनुपालन कराया जाना चाहिए। जनता को अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। निकायों को अवैध स्टैंड के संचालन पर रोक लगानी चाहिए। नगर को सुव्यवस्थित बनाने में प्रशासन के साथ सभी को पहल करनी होगी।
उद्योग व्यापार मंडल नगर महामंत्री संदीप अग्रहरि ने कहा कि जिले में जाम की समस्या को दूर करने के लिए पटरी दुकानदारों को मंडी में शिफ्ट कर प्रशासन को कड़ा रुख लेना होगा। कवि शिवभानु कृष्णा ने कहा कि नियम बने हुए हैं। व्यापारी, ग्राहक व राहगीर जाम की समस्या से परेशान हैं। मंडियों के लिए कस्बे व शहर से दूर की जाए। दीपक शुक्ल ने कहा कि ई-रिक्शा जाम को बढ़ावा दे रहे हैं। सड़कों पर खड़ा करने वाले वाहनों का चालान किया जाना चाहिए। गोष्ठी में मौजूद बाल किशोर ओझा, गौरव आदि ने अमर उजाला की पहल की सराहना करने हुए प्रशासन को गंभीर होना चाहिए।