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केजीबीवी : आठ माह में 20 शिकायतें, फिर भी अफसरों ने की हीलाहवाली
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बाजारशुकुल में बंद कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय।
- फोटो : बाजारशुकुल में बंद कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय।
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बाजारशुकुल। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बाजारशुकुल में आठ माह से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच 20 शिकायतें हुईं, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। यही वजह रही कि मंगलवार को जमकर बवाल हुआ और शिक्षा का मंदिर अखाड़ा बन गया।
केजीबीवी में वार्डन नीतू श्रीवास्तव और शिक्षिका अर्चना बौद्ध व रंजना देवी पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तीन नवंबर को बीईओ ने बीएसए को सौंपी और बताया कि विद्यालय में माहौल ठीक नहीं है। बावजूद इसके, दो दिसंबर को एक्शन लिया गया और वार्डन समेत तीन शिक्षिकाओं का स्थानांतरण कर दिया गया। इसी बीच रिपोर्ट स्कूल की छात्राओं को बताकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। नतीजन, सोमवार को छात्राओं ने शिक्षिकाओं पर पिटाई कराने का आरोप लगाया और मंगलवार को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं का एक गुट वार्डन के पक्ष में और दूसरा दोनों शिक्षिकाओं के पक्ष में खड़ा दिखा। स्थानांतरण आदेश रोकने के लिए छात्राओं को आगे करने की बात अब तक की जांच में सामने आई है।
नहीं हुई जांच, शुक्रवार तक स्कूल बंद
विवाद के बाद स्कूल को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी हुआ। बुधवार को विभागीय व प्रशासनिक टीम जांच करने स्कूल नहीं पहुंची। बेसिक शिक्षा विभाग ने तर्क दिया कि एजुकेटर्स को स्कूल आवंटन करना था, इसलिए समय नहीं मिला। अब बृहस्पतिवार को टीम जांच करने जाएगी। स्कूल को शुक्रवार तक बंद कर दिया गया है।
रिलीव हुईं शिक्षिकाएं
प्रभारी वार्डन नीतू श्रीवास्तव, शिक्षिका अर्चना बौद्ध और रंजना देवी को रिलीव कर दिया गया है। विद्यालय में दूसरी शिक्षिकाओं की तैनाती हो चुकी है। छात्राओं संग उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि इस बदलाव से विद्यालय में पठन पाठन बेहतर होगा।
वार्डन बनने के लिए चल रही थी खींचतान
छात्राओं के अभिभावकों ने बताया कि अप्रैल में नीतू श्रीवास्तव को वार्डन का प्रभार दिया गया। शिक्षिका अर्चना बौद्ध खुद को वरिष्ठ बताती हैं। वह चार्ज लेना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से दोनों शिक्षिकाओं के बीच खींचतान चल रही थी। यही विवाद बढ़ा, जिसके चलते स्कूल में ताला बंद हो गया।
बीईओ की भूमिका सवालों के घेरे में
लगातार विवाद, पढ़ाई बाधित होना और छात्राओं का सड़क पर उतरना कई सवाल खड़े करता है। छह माह में जांच पूरी क्यों नहीं हुई। सोमवार को बीईओ के निरीक्षण में विद्यालय का माहौल ठीक न मिलने पर जरूरी उपाय क्यों नहीं किए गए, इसको लेकर विभागीय अफसर सवालों के घेरे में आ गए हैं।
रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी
बीएसए संजय कुमार तिवारी ने कहा कि पूरा मामला जांच के दायरे में है। स्थानांतरण आदेश रोकने के लिए छात्राओं को उकसा कर विरोध कराया गया। छात्राओं और अभिभावकों को समझाकर पढ़ाई बहाल करने की कोशिश चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर विभागीय कार्रवाई होगी।
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केजीबीवी में वार्डन नीतू श्रीवास्तव और शिक्षिका अर्चना बौद्ध व रंजना देवी पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तीन नवंबर को बीईओ ने बीएसए को सौंपी और बताया कि विद्यालय में माहौल ठीक नहीं है। बावजूद इसके, दो दिसंबर को एक्शन लिया गया और वार्डन समेत तीन शिक्षिकाओं का स्थानांतरण कर दिया गया। इसी बीच रिपोर्ट स्कूल की छात्राओं को बताकर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की गई। नतीजन, सोमवार को छात्राओं ने शिक्षिकाओं पर पिटाई कराने का आरोप लगाया और मंगलवार को सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्राओं का एक गुट वार्डन के पक्ष में और दूसरा दोनों शिक्षिकाओं के पक्ष में खड़ा दिखा। स्थानांतरण आदेश रोकने के लिए छात्राओं को आगे करने की बात अब तक की जांच में सामने आई है।
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नहीं हुई जांच, शुक्रवार तक स्कूल बंद
विवाद के बाद स्कूल को दो दिन के लिए बंद करने का आदेश जारी हुआ। बुधवार को विभागीय व प्रशासनिक टीम जांच करने स्कूल नहीं पहुंची। बेसिक शिक्षा विभाग ने तर्क दिया कि एजुकेटर्स को स्कूल आवंटन करना था, इसलिए समय नहीं मिला। अब बृहस्पतिवार को टीम जांच करने जाएगी। स्कूल को शुक्रवार तक बंद कर दिया गया है।
रिलीव हुईं शिक्षिकाएं
प्रभारी वार्डन नीतू श्रीवास्तव, शिक्षिका अर्चना बौद्ध और रंजना देवी को रिलीव कर दिया गया है। विद्यालय में दूसरी शिक्षिकाओं की तैनाती हो चुकी है। छात्राओं संग उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि इस बदलाव से विद्यालय में पठन पाठन बेहतर होगा।
वार्डन बनने के लिए चल रही थी खींचतान
छात्राओं के अभिभावकों ने बताया कि अप्रैल में नीतू श्रीवास्तव को वार्डन का प्रभार दिया गया। शिक्षिका अर्चना बौद्ध खुद को वरिष्ठ बताती हैं। वह चार्ज लेना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से दोनों शिक्षिकाओं के बीच खींचतान चल रही थी। यही विवाद बढ़ा, जिसके चलते स्कूल में ताला बंद हो गया।
बीईओ की भूमिका सवालों के घेरे में
लगातार विवाद, पढ़ाई बाधित होना और छात्राओं का सड़क पर उतरना कई सवाल खड़े करता है। छह माह में जांच पूरी क्यों नहीं हुई। सोमवार को बीईओ के निरीक्षण में विद्यालय का माहौल ठीक न मिलने पर जरूरी उपाय क्यों नहीं किए गए, इसको लेकर विभागीय अफसर सवालों के घेरे में आ गए हैं।
रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी
बीएसए संजय कुमार तिवारी ने कहा कि पूरा मामला जांच के दायरे में है। स्थानांतरण आदेश रोकने के लिए छात्राओं को उकसा कर विरोध कराया गया। छात्राओं और अभिभावकों को समझाकर पढ़ाई बहाल करने की कोशिश चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर विभागीय कार्रवाई होगी।