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Amethi News: स्क्रीन पर अंगूठा रखिए, सामने होगा खाद-बीज का लेखा-जोखा
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अमेठी सिटी। खाद, बीज की खरीद, फार्मर रजिस्ट्री सहित किसान हित की योजनाओं का लाभ अब अंगूठा लगाने पर ही मिल सकेगा। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए ई-पॉस मशीन का सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है। ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगाते ही किसान ने कितना खाद-बीज खरीदा है, उसकी पूरी डिटेल आ जाएगी।
समितियों, इफको केंद्रों के साथ ही निजी दुकानों पर अब तक आधार कार्ड व खतौनी के आधार पर ई-पॉस मशीन से खाद मिलती है। इसमें खाद खारिज करते समय किसान कितनी खाद ले गए, इसकी डिटेल नहीं आती थी। समितियों पर पंजीकृत किसानों की पासबुक बनाई गई है, जिसमें किसान के पास कितनी कृषि योग्य भूमि है, इसके ब्योरे के साथ अन्य जानकारियां दर्ज हैं।
विशेष तौर पर खाद और बीज की कालाबाजारी रोकने को लेकर ई-पॉस मशीन का सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है, जिसमें किसान कितना बीज, कितनी डीएपी, एनपीके, एनपीकेएस व यूरिया आदि ले गए हैं, इसकी पूरी डिटेल अंगूठा लगाते ही दिख जा रही है। किसान को समितियों पर भूमि उपलब्धता के आधार पर डीएपी, यूरिया और बीज ही मिल पाएगा। वहीं इफको व निजी दुकानों पर भी यही अपडेट सॉफ्टवेयर के जरिये वितरण किया जा रहा है। एक सप्ताह से साॅफ्टवेयर अपडेशन का काम चल रहा था।
जल्द ही सॉफ्टवेयर पर दिखेगी भूमि
ई-पॉस मशीन पर साॅफ्टवेयर अपडेशन का कार्य लगातार चल रहा है। राजस्व विभाग को भी इससे जोड़ा जा रहा है। इसको लेकर फार्मर रजिस्ट्री बनाई जा रही है। फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा होने के बाद किसानों को खतौनी सहित कोई अन्य दस्तावेज नहीं ले जाना पड़ेगा। अंगूठा लगाते ही उनका पूरा ब्योरा ऑनलाइन दिखेगा।
समिति का सदस्य बनना जरूरी
सहायक आयुक्त सहकारिता अंजनी कुमार ने बताया कि जिले में 76 समितियां संचालित हैं। समितियों पर उन किसानों को ही खाद मिलेगी जो समिति के सदस्य होंगे। इसके अलावा अन्य किसानों को खाद नहीं मिल पाएगी। किसानों को समिति का सदस्य बनना अनिवार्य है। इससे उन्हें प्राथमिकता के आधार पर खाद बीज व अन्य योजनाओं का लाभ मिलने से सुविधा होगी।
साॅफ्टवेयर अपडेट होने से लगेगा अंकुश
उप कृषि निदेशक सत्येंद्र कुमार ने बताया कि साॅफ्टवेयर अपडेट होने से खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। किसानों को सुविधा मिलेगी और उन्हें आसानी खाद मिल सकेगी। किसान के खाद लेने का पूरा ब्यौरा मशीन में दर्ज लगेगा।
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समितियों, इफको केंद्रों के साथ ही निजी दुकानों पर अब तक आधार कार्ड व खतौनी के आधार पर ई-पॉस मशीन से खाद मिलती है। इसमें खाद खारिज करते समय किसान कितनी खाद ले गए, इसकी डिटेल नहीं आती थी। समितियों पर पंजीकृत किसानों की पासबुक बनाई गई है, जिसमें किसान के पास कितनी कृषि योग्य भूमि है, इसके ब्योरे के साथ अन्य जानकारियां दर्ज हैं।
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विशेष तौर पर खाद और बीज की कालाबाजारी रोकने को लेकर ई-पॉस मशीन का सॉफ्टवेयर अपडेट किया गया है, जिसमें किसान कितना बीज, कितनी डीएपी, एनपीके, एनपीकेएस व यूरिया आदि ले गए हैं, इसकी पूरी डिटेल अंगूठा लगाते ही दिख जा रही है। किसान को समितियों पर भूमि उपलब्धता के आधार पर डीएपी, यूरिया और बीज ही मिल पाएगा। वहीं इफको व निजी दुकानों पर भी यही अपडेट सॉफ्टवेयर के जरिये वितरण किया जा रहा है। एक सप्ताह से साॅफ्टवेयर अपडेशन का काम चल रहा था।
जल्द ही सॉफ्टवेयर पर दिखेगी भूमि
ई-पॉस मशीन पर साॅफ्टवेयर अपडेशन का कार्य लगातार चल रहा है। राजस्व विभाग को भी इससे जोड़ा जा रहा है। इसको लेकर फार्मर रजिस्ट्री बनाई जा रही है। फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा होने के बाद किसानों को खतौनी सहित कोई अन्य दस्तावेज नहीं ले जाना पड़ेगा। अंगूठा लगाते ही उनका पूरा ब्योरा ऑनलाइन दिखेगा।
समिति का सदस्य बनना जरूरी
सहायक आयुक्त सहकारिता अंजनी कुमार ने बताया कि जिले में 76 समितियां संचालित हैं। समितियों पर उन किसानों को ही खाद मिलेगी जो समिति के सदस्य होंगे। इसके अलावा अन्य किसानों को खाद नहीं मिल पाएगी। किसानों को समिति का सदस्य बनना अनिवार्य है। इससे उन्हें प्राथमिकता के आधार पर खाद बीज व अन्य योजनाओं का लाभ मिलने से सुविधा होगी।
साॅफ्टवेयर अपडेट होने से लगेगा अंकुश
उप कृषि निदेशक सत्येंद्र कुमार ने बताया कि साॅफ्टवेयर अपडेट होने से खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा। किसानों को सुविधा मिलेगी और उन्हें आसानी खाद मिल सकेगी। किसान के खाद लेने का पूरा ब्यौरा मशीन में दर्ज लगेगा।