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Amethi News: कल्पवृक्ष के समान है श्रीमद्भागवत कथा
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 01 Dec 2025 12:39 AM IST
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बाजारशुकुल के खेममऊ मेें कथा सुनते श्रद्धालु। स्त्रोत : आयोजक
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बाजारशुकुल। क्षेत्र के खेममऊ गांव स्थित बांकेवीर बाबा देवस्थान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को विधिविधान से समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन प्रवाचक शांति भूषण महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे कल्पवृक्ष के समान बताया। कहा कि यह कथा भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
अंतिम दिन प्रवाचक शांति भूषण महाराज ने भक्तों को भागवत कथा के गूढ़ रहस्य समझाए। उन्होंने कहा कि जैसे कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर जो भी मांगा जाता है, वह पूर्ण होता है, ठीक उसी प्रकार श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और मनन करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और उसे परम शांति की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें प्रेम, भक्ति और वैराग्य का मार्ग दिखाती है, जिससे जीवन सफल होता है। कथा के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकी निकाली गई और आरती के साथ प्रसाद बांटा गया। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन भी हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मुख्य यजमान लल्लन यादव, बब्लू रावत, विक्रमा रावत, संतलाल रावत, पप्पू साहू, रामसुंदर यादव, कृष्ण तीर्थ मिश्र आदि मौजूद रहे।
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अंतिम दिन प्रवाचक शांति भूषण महाराज ने भक्तों को भागवत कथा के गूढ़ रहस्य समझाए। उन्होंने कहा कि जैसे कल्पवृक्ष के नीचे बैठकर जो भी मांगा जाता है, वह पूर्ण होता है, ठीक उसी प्रकार श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और मनन करने से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और उसे परम शांति की प्राप्ति होती है।
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उन्होंने कहा कि भागवत कथा हमें प्रेम, भक्ति और वैराग्य का मार्ग दिखाती है, जिससे जीवन सफल होता है। कथा के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक झांकी निकाली गई और आरती के साथ प्रसाद बांटा गया। इस अवसर पर भंडारे का आयोजन भी हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मुख्य यजमान लल्लन यादव, बब्लू रावत, विक्रमा रावत, संतलाल रावत, पप्पू साहू, रामसुंदर यादव, कृष्ण तीर्थ मिश्र आदि मौजूद रहे।