{"_id":"686ac29953265cd887016305","slug":"youth-should-take-inspiration-from-dr-shyama-prasad-mukherjee-amethi-news-c-96-1-ame1002-144020-2025-07-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Amethi News: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रेरणा लें युवा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Amethi News: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रेरणा लें युवा
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Mon, 07 Jul 2025 12:08 AM IST
विज्ञापन

गौरीगंज स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में मौजूद जिलाध्यक्ष सुधांशु शुक्ला व अन्य। -पा
अमेठी सिटी। भारतीय जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर जनपद के सभी मंडलों में श्रद्धांजलि सभा व गोष्ठी का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने कहा कि उनके जीवन से युवाओं को राष्ट्र सेवा की प्रेरणा लेनी चाहिए।
गौरीगंज ग्रामीण मंडल में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु शुक्ला, मुसाफिरखाना मंडल में पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव, संग्रामपुर में पूर्व जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्रा और जामों मंडल में भाजपा प्रवक्ता चन्द्रमौलि सिंह मौजूद रहे। वक्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को राष्ट्रीय चेतना की प्रेरणा बताया।
सुधांशु शुक्ला ने कहा कि डॉ. मुखर्जी केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि दूरदर्शी शिक्षाविद और सच्चे राष्ट्रभक्त थे। वे अल्पायु में ही कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने और स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राष्ट्र निर्माण तक के हर चरण में सक्रिय रहे। गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि डॉ. मुखर्जी ने भारत के पहले मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्रालय संभाला, लेकिन राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता न करने के कारण इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने जनसंघ की स्थापना कर वैचारिक राजनीति की नींव रखी। वे अनुच्छेद 370 के कट्टर विरोधी थे और जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह भारत में विलय का पक्ष लेते थे। गोष्ठियों में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम नागरिक उपस्थित रहे।
विज्ञापन

Trending Videos
गौरीगंज ग्रामीण मंडल में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा जिलाध्यक्ष सुधांशु शुक्ला, मुसाफिरखाना मंडल में पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव, संग्रामपुर में पूर्व जिलाध्यक्ष राम प्रसाद मिश्रा और जामों मंडल में भाजपा प्रवक्ता चन्द्रमौलि सिंह मौजूद रहे। वक्ताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को राष्ट्रीय चेतना की प्रेरणा बताया।
विज्ञापन
विज्ञापन
सुधांशु शुक्ला ने कहा कि डॉ. मुखर्जी केवल एक राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि दूरदर्शी शिक्षाविद और सच्चे राष्ट्रभक्त थे। वे अल्पायु में ही कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने और स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राष्ट्र निर्माण तक के हर चरण में सक्रिय रहे। गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि डॉ. मुखर्जी ने भारत के पहले मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्रालय संभाला, लेकिन राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता न करने के कारण इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने जनसंघ की स्थापना कर वैचारिक राजनीति की नींव रखी। वे अनुच्छेद 370 के कट्टर विरोधी थे और जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह भारत में विलय का पक्ष लेते थे। गोष्ठियों में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम नागरिक उपस्थित रहे।