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ढक्का में चकबंदी बंद नहीं हुई तो भाकियू शंकर करेगी बड़ा आंदोलन : दिवाकर
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अमरोहा। ग्राम ढक्का में चल रही चकबंदी प्रक्रिया को लेकर किसानों में रोष है। इसी को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (शंकर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंच कर चकबंदी में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं के संबंध में डीएम निधि गुप्ता वत्स को ज्ञापन सौंपा।
चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान मुख्य मार्ग पर स्थित चकों को हटाकर दूर कर दिया गया है। जिन चकों पर पहले से ट्यूबवेल लगे हुए थे, वहां किसी अन्य व्यक्ति का चक बना दिया गया है।
लेखपाल पर कुछ लोगों से मिलीभगत कर उनके चकों को चकबंदी से बाहर करने तथा बिना मौके पर आबादी या बाग होने के बावजूद उन्हें नहीं दर्शाया गया है। कई स्थानों पर मौके पर मौजूद मकान व आबादी को सामान्य भूमि दिखा दिया गया है, वहीं चकों में लगे आम, अमरूद व शीशम के पेड़ों को नक्शे में नहीं दर्शाया गया है।
कुछ किसानों के मुख्य चकों को हटाकर उन्हें उड़ान चक बना दिया गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। चकबंदी के दौरान भूमि की नाप में भी गंभीर गड़बड़ी हो रही है। जिनकी भूमि मौके पर पूरी थी, नाप के समय उन्हें कम दिखाया गया है। इसके अलावा भूमि की सही मालियत का निर्धारण भी नहीं किया गया। किसानों के विरोध के चलते वर्तमान स्थिति में चकबंदी को निरस्त किया जाना जरूरी है।
उनकी मांग की है कि राजस्व अभिलेखों को चकबंदी विभाग से हटाकर तहसील में भेजा जाए, ताकि किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण और नए केसीसी बनाए जा सकें। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चकबंदी की अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर किसानों को न्याय नहीं मिला तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान चौधरी धर्मवीर सिंह, विक्रम पवार, अमित कुमार, वीरपाल सिंह, रामकुमार सिंह, शेर सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
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चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान मुख्य मार्ग पर स्थित चकों को हटाकर दूर कर दिया गया है। जिन चकों पर पहले से ट्यूबवेल लगे हुए थे, वहां किसी अन्य व्यक्ति का चक बना दिया गया है।
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लेखपाल पर कुछ लोगों से मिलीभगत कर उनके चकों को चकबंदी से बाहर करने तथा बिना मौके पर आबादी या बाग होने के बावजूद उन्हें नहीं दर्शाया गया है। कई स्थानों पर मौके पर मौजूद मकान व आबादी को सामान्य भूमि दिखा दिया गया है, वहीं चकों में लगे आम, अमरूद व शीशम के पेड़ों को नक्शे में नहीं दर्शाया गया है।
कुछ किसानों के मुख्य चकों को हटाकर उन्हें उड़ान चक बना दिया गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। चकबंदी के दौरान भूमि की नाप में भी गंभीर गड़बड़ी हो रही है। जिनकी भूमि मौके पर पूरी थी, नाप के समय उन्हें कम दिखाया गया है। इसके अलावा भूमि की सही मालियत का निर्धारण भी नहीं किया गया। किसानों के विरोध के चलते वर्तमान स्थिति में चकबंदी को निरस्त किया जाना जरूरी है।
उनकी मांग की है कि राजस्व अभिलेखों को चकबंदी विभाग से हटाकर तहसील में भेजा जाए, ताकि किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण और नए केसीसी बनाए जा सकें। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चकबंदी की अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर किसानों को न्याय नहीं मिला तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस दौरान चौधरी धर्मवीर सिंह, विक्रम पवार, अमित कुमार, वीरपाल सिंह, रामकुमार सिंह, शेर सिंह राणा आदि मौजूद रहे।
