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Amroha News: पहले बिना गड़बड़ी के मीटर बदला, बाद में थमा दिया 30 हजार का बिल, फोरम ने किया निरस्त
संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:58 AM IST
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अमरोहा। बिजली विभाग के अधिकारियों का एक और कारनामा सामने आया है। बिना गड़बड़ी पुराना मीटर बदलकर नया लगा दिया और बाद में 28 हजार का एरियर जोड़कर 30 हजार रुपये का बिजली का बिल थमा दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम बिजली विभाग की ओर से जारी बिल निरस्त कर दिया। साथ ही आर्थिक मानसिक पीड़ा और वाद व्यय के रूप में खर्च 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने की धनराशि को एक महीने के भीतर अदा करने के निर्देश दिए हैं।
अमरोहा नगर के मोहल्ला कोर्ट में शरद कुमार शर्मा का परिवार रहता है। उनके घर पर करीब 50 वर्षों से दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन दिवंगत पिता महेंद्र कुमार शर्मा के नाम से है। साल 2009 में बिजली विभाग के अधिकारियों ने नया मीटर लगाया था जिसके बाद से शरद कुमार शर्मा हर महीने बिजली का बिल जमा कर रहे हैं। आरोप है कि झूठी शिकायत के आधार पर 1 फरवरी 2023, 25 जुलाई 2023 और 30 अक्तूबर 2023 को बिजली विभाग के अधिकारियों ने बेवजह घर पर चेकिंग की। इस दौरान चेकिंग रिपोर्ट सही पाई गई। इसके बाद 28 फरवरी 2024 को फिर बिजली विभाग के अधिकारी चेकिंग करने पहुंचे और इस दौरान भी सब कुछ सही पाया गया। आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने मीटर को केवल डस्टी बातकर उसके बदले नया मीटर लगा दिया। मीटर बदलते समय मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र पर कोई भी वर्तमान रीडिंग भी अंकित नहीं की गई। जबकि, पुराना मीटर बिल्कुल सही था और नया मीटर लगाने पहले कोई सूचना नहीं दी गई। बिजली विभाग के अधिकारियों ने सिर्फ छवि खराब करने के लिए टीम द्वारा चेकिंन की और बेवजह पुराने सही मीटर को बदल दिया गया। इस दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों ने मीटर का कोई परीक्षण भी नहीं किया। रूप से पुरानी मीटर में स्टोर रीडिंग दिखा दी गई। जबकि शरद कुमार शर्मा के द्वारा हर महीने की कभी जाम किया जाता था इसलिए मीटर में रीडिंग स्टोर होने का कोई औचित्य ही नहीं है। 21 अप्रैल 2024 को बिजली विभाग ने नई मीटर से 1694 का बिल दर्शाया जबकि अवैध रूप से 28223 की एरियर धनराशि जोड़ दी गई। इसके बाद शरद कुमार शर्मा ने 1694 के बिजली के बिल को जमा कर दिया और अवैध रूप से जोड़ी गई एरियर धनराशि को खत्म करने के लिए जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसका कोई निस्तारण नहीं किया गया। बावजूद इसके बिजली विभाग ने बकाया बिल को लेकर कनेक्शन काटने की धमकी दी। पीड़ित शरद कुमार शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई फिर भी कोई समाधान नहीं किया। लिहाजा उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। प्रकरण को गंभीरता से लेकर आयोग के अध्यक्ष रमाशंकर सिंह और महिला सदस्य अंजू रानी दीक्षित ने बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने बिजली विभाग को गलत बिल जारी करने का दोषी पाया। साथ ही 30369 के बिल को रद्द कर दिया। इसके अलावा बिजली विभाग पर आर्थिक मानसिक पीड़ा के लिए 15 हजार और वाद व्यय के रूप में खर्च 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
शरद कुमार शर्मा ने मीटर में किसी भी प्रकार की छेड़खानी नहीं की थी और किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि शरद कुमार शर्मा व उनके प्रतिद्वन्दी के बीच विवाद के दवाब में विद्युत विभाग ने उनपर मनगढंत कार्रवाई की है और शरद कुमार शर्मा द्वारा मीटर में बिना कोई त्रुटि किए जाने व जांच रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं पाए जाने के बाद भी गलत विद्युत बिल जारी किया गया है, जो निरस्त होने योग्य है। इसलिए शरद कुमार शर्मा के खिलाफ कथित जांच के आधार पर जारी किए विद्युत बिल 30369 रुपये निरस्त किया जाता है। यदि शरद कुमार शर्मा द्वारा उससे संबन्धित कोई धनराशि किसी न्यायालय के आदेश से या अन्य प्रकार से जमा की गयी हो तो विद्युत बिल के भविष्य के देयकों में उस धनराशि को समायोजित किया जाए।
मीटर परिसर के अंदर से बाहर लगाने के लिए संबन्धित विभागीय टीम ने पाया कि शरद कुमार शर्मा के मीटर अत्यधिक डस्टी हो गया था।जिसे बदलना आवश्यक हो गया था। क्योंकि, उसमें रीडिंग स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ रही थी। मीटर बदलने की कार्रवाई शरद कुमार शर्मा के पुत्र के सामने ही की गई। 28 फरवरी 2024 को चेकिंग के दौरान सहायक अभियन्ता मीटर, विद्युत परीक्षण खण्ड अमरोहा द्वारा शरद कुमार शर्मा की सहमति पर मीटर बदला गया और मीटर सीलिंग पर उसके हस्ताक्षर भी कराए गए। मीटर पर रीडिंग स्पष्ट नहीं थी इसीलिए उस पर डस्टी अंकित किया गया। परीक्षणशाला में शरद कुमार शर्मा की उपस्थिति में मीटर की जांच की गई। जिसमें कुल 10607 यूनिट पाए गए। इसमें कुल 4141 यूनिट स्टोर पाए गए। स्टोर यूनिट के अनुसार मार्च 2024 में 29250 रुपये का बिल बनाया गया और माह अप्रैल 2024 में 30947 रुपये का बिल जारी किया गया। लेकिन शरद कुमार शर्मा ने मात्र 1695 रुपये ही जमा किए हैं।
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अमरोहा नगर के मोहल्ला कोर्ट में शरद कुमार शर्मा का परिवार रहता है। उनके घर पर करीब 50 वर्षों से दो किलोवाट का घरेलू कनेक्शन दिवंगत पिता महेंद्र कुमार शर्मा के नाम से है। साल 2009 में बिजली विभाग के अधिकारियों ने नया मीटर लगाया था जिसके बाद से शरद कुमार शर्मा हर महीने बिजली का बिल जमा कर रहे हैं। आरोप है कि झूठी शिकायत के आधार पर 1 फरवरी 2023, 25 जुलाई 2023 और 30 अक्तूबर 2023 को बिजली विभाग के अधिकारियों ने बेवजह घर पर चेकिंग की। इस दौरान चेकिंग रिपोर्ट सही पाई गई। इसके बाद 28 फरवरी 2024 को फिर बिजली विभाग के अधिकारी चेकिंग करने पहुंचे और इस दौरान भी सब कुछ सही पाया गया। आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने मीटर को केवल डस्टी बातकर उसके बदले नया मीटर लगा दिया। मीटर बदलते समय मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र पर कोई भी वर्तमान रीडिंग भी अंकित नहीं की गई। जबकि, पुराना मीटर बिल्कुल सही था और नया मीटर लगाने पहले कोई सूचना नहीं दी गई। बिजली विभाग के अधिकारियों ने सिर्फ छवि खराब करने के लिए टीम द्वारा चेकिंन की और बेवजह पुराने सही मीटर को बदल दिया गया। इस दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों ने मीटर का कोई परीक्षण भी नहीं किया। रूप से पुरानी मीटर में स्टोर रीडिंग दिखा दी गई। जबकि शरद कुमार शर्मा के द्वारा हर महीने की कभी जाम किया जाता था इसलिए मीटर में रीडिंग स्टोर होने का कोई औचित्य ही नहीं है। 21 अप्रैल 2024 को बिजली विभाग ने नई मीटर से 1694 का बिल दर्शाया जबकि अवैध रूप से 28223 की एरियर धनराशि जोड़ दी गई। इसके बाद शरद कुमार शर्मा ने 1694 के बिजली के बिल को जमा कर दिया और अवैध रूप से जोड़ी गई एरियर धनराशि को खत्म करने के लिए जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसका कोई निस्तारण नहीं किया गया। बावजूद इसके बिजली विभाग ने बकाया बिल को लेकर कनेक्शन काटने की धमकी दी। पीड़ित शरद कुमार शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई फिर भी कोई समाधान नहीं किया। लिहाजा उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की शरण ली। प्रकरण को गंभीरता से लेकर आयोग के अध्यक्ष रमाशंकर सिंह और महिला सदस्य अंजू रानी दीक्षित ने बिजली विभाग के अधिकारियों को तलब कर लिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने बिजली विभाग को गलत बिल जारी करने का दोषी पाया। साथ ही 30369 के बिल को रद्द कर दिया। इसके अलावा बिजली विभाग पर आर्थिक मानसिक पीड़ा के लिए 15 हजार और वाद व्यय के रूप में खर्च 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
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शरद कुमार शर्मा ने मीटर में किसी भी प्रकार की छेड़खानी नहीं की थी और किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि शरद कुमार शर्मा व उनके प्रतिद्वन्दी के बीच विवाद के दवाब में विद्युत विभाग ने उनपर मनगढंत कार्रवाई की है और शरद कुमार शर्मा द्वारा मीटर में बिना कोई त्रुटि किए जाने व जांच रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं पाए जाने के बाद भी गलत विद्युत बिल जारी किया गया है, जो निरस्त होने योग्य है। इसलिए शरद कुमार शर्मा के खिलाफ कथित जांच के आधार पर जारी किए विद्युत बिल 30369 रुपये निरस्त किया जाता है। यदि शरद कुमार शर्मा द्वारा उससे संबन्धित कोई धनराशि किसी न्यायालय के आदेश से या अन्य प्रकार से जमा की गयी हो तो विद्युत बिल के भविष्य के देयकों में उस धनराशि को समायोजित किया जाए।
मीटर परिसर के अंदर से बाहर लगाने के लिए संबन्धित विभागीय टीम ने पाया कि शरद कुमार शर्मा के मीटर अत्यधिक डस्टी हो गया था।जिसे बदलना आवश्यक हो गया था। क्योंकि, उसमें रीडिंग स्पष्ट नहीं दिखाई पड़ रही थी। मीटर बदलने की कार्रवाई शरद कुमार शर्मा के पुत्र के सामने ही की गई। 28 फरवरी 2024 को चेकिंग के दौरान सहायक अभियन्ता मीटर, विद्युत परीक्षण खण्ड अमरोहा द्वारा शरद कुमार शर्मा की सहमति पर मीटर बदला गया और मीटर सीलिंग पर उसके हस्ताक्षर भी कराए गए। मीटर पर रीडिंग स्पष्ट नहीं थी इसीलिए उस पर डस्टी अंकित किया गया। परीक्षणशाला में शरद कुमार शर्मा की उपस्थिति में मीटर की जांच की गई। जिसमें कुल 10607 यूनिट पाए गए। इसमें कुल 4141 यूनिट स्टोर पाए गए। स्टोर यूनिट के अनुसार मार्च 2024 में 29250 रुपये का बिल बनाया गया और माह अप्रैल 2024 में 30947 रुपये का बिल जारी किया गया। लेकिन शरद कुमार शर्मा ने मात्र 1695 रुपये ही जमा किए हैं।