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Auraiya News: शासन को भेजा जाएगा सीएचसी की बदहाल सेवाओं का ब्योरा
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Wed, 29 Oct 2025 11:05 PM IST
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फोटो-10- सीएचसी में भर्ती मरीज से जानकारी लेते टीम के सदस्य। संवाद
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औरैया। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की राज्य स्तरीय टीम ने बुधवार को जिले की सात सीएचसी पर औचक निरीक्षण किया। यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत देखी गई। मौके पर मिले सीएचसी अधीक्षकों को इस दौरान दिशा-निर्देश दिए गए। वहीं शाम को टीम के सदस्यों ने सीएमओ संग बैठक की। सीएचसी स्तर पर मिली खामियों को बताया गया। टीम ने अयाना, अजीतमल, दिबियापुर, बिधूना, अछल्दा, एरवाकटरा, सहार की विधिवत रिपोर्ट जुटाई है। जिसे सीएमओ डॉ. सुरेंद्र कुमार को अवगत भी कराया गया है। अब यह टीम शासन में जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट सौंपेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की राज्य स्तरीय टीम ने बुधवार को बिधूना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना और बड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूरा का औचक निरीक्षण किया। टीम को निरीक्षण के दौरान अल्ट्रासांउड मशीन बंद होने पर खून की जांचों में लापरवाही को लेकर अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए।
टीम में डॉ. अजय कुमार, कौशल यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार और डीपीएम अनीस अहमद अंसारी शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान टीम ने इमरजेंसी, वैक्सीन कक्ष, दवा स्टोर, वितरण केंद्र, रजिस्ट्रार, आयुष्मान वार्ड और अन्य इकाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। मातृ शिशु अस्पताल में मरीज आरती ने बताया कि वह निजी वाहन से अस्पताल आई हैं। इस पर डॉ. अजय कुमार ने असंतोष जताते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए 102 और 108 एंबुलेंस सेवाएं हर समय उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि किसी मरीज को असुविधा न हो।
टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन के लंबे समय से बंद रहने पर नाराजगी जताई और अधीक्षक को निर्देश दिया कि मशीन को तत्काल ठीक कराया जाए, जिससे मरीजों को जांच के लिए बाहर न जाना पड़े। इसके अलावा बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली निष्क्रिय पाए जाने पर भी टीम ने आपत्ति जताई और कहा कि बायोमीट्रिक सिस्टम हर केंद्र पर अनिवार्य रूप से चालू रहना चाहिए जिससे स्टाफ की उपस्थिति और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बलगम जांच में लापरवाही और लैब टेक्नीशियन की अनुपस्थिति पर भी टीम ने कड़ी नाराजगी जताई। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि साफ-सफाई और सामान्य व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं लेकिन तकनीकी और प्रबंधन संबंधी खामियों को शीघ्र दूर किया जाना आवश्यक है। निरीक्षण के बाद टीम ने बड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूरा का भी दौरा किया, जहां अधिकांश व्यवस्थाएं ठीक पाई गईं। टीम ने निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार व जांच की सुविधा उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की राज्य स्तरीय टीम ने बुधवार को बिधूना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना और बड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूरा का औचक निरीक्षण किया। टीम को निरीक्षण के दौरान अल्ट्रासांउड मशीन बंद होने पर खून की जांचों में लापरवाही को लेकर अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए।
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टीम में डॉ. अजय कुमार, कौशल यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार और डीपीएम अनीस अहमद अंसारी शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान टीम ने इमरजेंसी, वैक्सीन कक्ष, दवा स्टोर, वितरण केंद्र, रजिस्ट्रार, आयुष्मान वार्ड और अन्य इकाइयों का बारीकी से निरीक्षण किया। मातृ शिशु अस्पताल में मरीज आरती ने बताया कि वह निजी वाहन से अस्पताल आई हैं। इस पर डॉ. अजय कुमार ने असंतोष जताते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं के लिए 102 और 108 एंबुलेंस सेवाएं हर समय उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि किसी मरीज को असुविधा न हो।
टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीन के लंबे समय से बंद रहने पर नाराजगी जताई और अधीक्षक को निर्देश दिया कि मशीन को तत्काल ठीक कराया जाए, जिससे मरीजों को जांच के लिए बाहर न जाना पड़े। इसके अलावा बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली निष्क्रिय पाए जाने पर भी टीम ने आपत्ति जताई और कहा कि बायोमीट्रिक सिस्टम हर केंद्र पर अनिवार्य रूप से चालू रहना चाहिए जिससे स्टाफ की उपस्थिति और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बलगम जांच में लापरवाही और लैब टेक्नीशियन की अनुपस्थिति पर भी टीम ने कड़ी नाराजगी जताई। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि साफ-सफाई और सामान्य व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं लेकिन तकनीकी और प्रबंधन संबंधी खामियों को शीघ्र दूर किया जाना आवश्यक है। निरीक्षण के बाद टीम ने बड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूरा का भी दौरा किया, जहां अधिकांश व्यवस्थाएं ठीक पाई गईं। टीम ने निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य इकाइयों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार व जांच की सुविधा उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।

फोटो-10- सीएचसी में भर्ती मरीज से जानकारी लेते टीम के सदस्य। संवाद