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Auraiya News: आरटीई छात्रों के ड्रॉप-आउट पर विद्यालय प्रबंधन को देना होगा जवाब
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Wed, 29 Oct 2025 11:05 PM IST
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औरैया। शिक्षा का अधिकार के तहत निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों का ड्रॉप-आउट अब सामान्य नहीं माना जाएगा। इस पर अब बेसिक शिक्षा निदेशालय की नजर रहेगी। स्कूलों के खराब रवैये के चलते अब छात्रों की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जाएगी। जिले के अधिकारी छात्र के स्कूल छोड़ने पर उसके परिजनों से बात करेंगे व स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जांच में यदि गलती स्कूल की पाई गई तो मान्यता तक खतरे में पड़ सकती है। स्कूल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि दाखिले के वक्त कागजों में कोई कमी है तो उसे स्कूल ही ठीक कराए। कागज पूर्ण न होने पर दाखिला न देना स्कूल की गलती मानी जाएगी।
आरटीई के तहत दुर्बल आय वर्ग के छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलता है। स्कूल में कुल सीटों की 25 प्रतिशत सीट पर आरटीई छात्रों को दाखिला मिल सकता है। इसके लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से छात्रों का चयन किया जाता है। आरोप लगते रहे हैं कि निजी स्कूल संचालक शुरू से ही इस व्यवस्था के विरोधी रहे हैं। स्कूल प्रशासन हर तरह से प्रयास करते हैं कि छात्र का दाखिला न हो पाए और सीट को खाली दिखाकर दूसरा एडमीशन कर लिया जाए।
तमाम विवादों के बाद सीडीओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो ऐसे विवादों को सुलझाती है। बावजूद इसके ऐसे विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसको देखते हुए स्कूल छोड़ने वाले आरटीई छात्रों की ऑनलाइन ट्रैकिंग कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्कूल संचालकों को ड्रॉप-आउट छात्रों का विवरण ऑनलाइन देने को कहा गया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इसकी जांच करेंगे कि छात्र ने स्कूल किस वजह से छोड़ा है। इसकी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी जाएगी। यदि गलती स्कूल की पाई जाती है तो मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी। शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों में सख्ती दिखाई जाए ताकि किसी दुर्बल आय वर्ग के छात्र के साथ अन्याय न हो सके।
रखी जा रही नजर
आरटीई से चयनित छात्रों के ड्रॉप-आउट पर नजर रखी जा रही है। ऑनलाइन विवरण से पता चलेगा कि किस छात्र ने स्कूल छोड़ा है। मामले की जांच की जाएगी। यदि स्कूल की गलती मिली तो छात्र का दोबारा दाखिला कराया जाएगा व स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई की जाएगी।
संजीव कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
आरटीई के तहत दुर्बल आय वर्ग के छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलता है। स्कूल में कुल सीटों की 25 प्रतिशत सीट पर आरटीई छात्रों को दाखिला मिल सकता है। इसके लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से छात्रों का चयन किया जाता है। आरोप लगते रहे हैं कि निजी स्कूल संचालक शुरू से ही इस व्यवस्था के विरोधी रहे हैं। स्कूल प्रशासन हर तरह से प्रयास करते हैं कि छात्र का दाखिला न हो पाए और सीट को खाली दिखाकर दूसरा एडमीशन कर लिया जाए।
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तमाम विवादों के बाद सीडीओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो ऐसे विवादों को सुलझाती है। बावजूद इसके ऐसे विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसको देखते हुए स्कूल छोड़ने वाले आरटीई छात्रों की ऑनलाइन ट्रैकिंग कराने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत स्कूल संचालकों को ड्रॉप-आउट छात्रों का विवरण ऑनलाइन देने को कहा गया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इसकी जांच करेंगे कि छात्र ने स्कूल किस वजह से छोड़ा है। इसकी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी जाएगी। यदि गलती स्कूल की पाई जाती है तो मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी। शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों में सख्ती दिखाई जाए ताकि किसी दुर्बल आय वर्ग के छात्र के साथ अन्याय न हो सके।
रखी जा रही नजर
आरटीई से चयनित छात्रों के ड्रॉप-आउट पर नजर रखी जा रही है। ऑनलाइन विवरण से पता चलेगा कि किस छात्र ने स्कूल छोड़ा है। मामले की जांच की जाएगी। यदि स्कूल की गलती मिली तो छात्र का दोबारा दाखिला कराया जाएगा व स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई की जाएगी।
संजीव कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी