{"_id":"68c6f29d43593d1ef7024b72","slug":"the-farmer-broke-the-government-system-and-duped-upda-auraiya-news-c-211-1-aur1006-131521-2025-09-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Auraiya News: किसान ने भेदा सरकारी सिस्टम, यूपीडा को ही ठग लिया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Auraiya News: किसान ने भेदा सरकारी सिस्टम, यूपीडा को ही ठग लिया
संवाद न्यूज एजेंसी, औरैया
Updated Sun, 14 Sep 2025 10:21 PM IST
विज्ञापन

विज्ञापन
औरैया। वैसे तो ठगी के मामले आपने खूब सुने होंगे लेकिन बिधूना तहसील क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको चौंका दिया है। यहां पर एक किसान ने सरकारी तंत्र में सेंधमारी कर दी। सरकारी मुआवजे की ठगी कर दी। खुद को ठगा महसूस होने के बाद अब सरकारी मशीनरी हरकत में आई है। ठगी करने वाले किसान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। साथ ही हड़पे गए मुआवजे की रिकवरी की तैयारी बनाई है। खास बात तो यह है कि जमीन अधिग्रहण से पहले सरकारी सिस्टम ने किसान के कागजों की तहकीकात नहीं की। आंख मूंदकर उस पर न सिर्फ भरोसा किया। बल्कि अधिग्रहित जमीन के एवज में उसे मुआवजा भी थमा दिया।
बिधूना तहसील क्षेत्र के गांव हरनागरपुर निवासी किसान अतर सिंह के खिलाफ बिधूना कोतवाली में क्षेत्रीय लेखपाल प्रमोद कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस रिपोर्ट के अनुसार हरनागरपुर निवासी सुखदेवी ने अपनी जमीन साल 2009 में मिथलेश कुमारी व अतर सिंह को बेची। पांच बीघा जमीन पाने के बाद अतर सिंह ने 19 दिसंबर 2009 को इस जमीन को शर्तिया बैनामा के तहत कमल सिंह को दे दी। पांच साल बाद इसी जमीन को अतर सिंह ने साल 2014 में यूपीडा को भी बिक्री कर दी। सरकार से मिला 12.5 लाख रुपये पार कर दिए जबकि जमीन अभी तक सुखदेवी के नाम ही चढ़ी रही।
यह सब तब हो गया जब यूपीडा के लिए जमीन अधिग्रहण का काम बड़े ही बारीकी के साथ होता है। जमीन अधिग्रहण में लगे सरकारी तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी। साल 2017 में तहसील प्रशासन को पहली बार इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। इस पर किसान को नोटिस भेजा गया। वहीं, यूपीडा ने साल 2020 में किसान को नोटिस भेजा। इसके बाद मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। अब इस मामले में लेखपाल की तहरीर पर अतर सिंह के खिलाफ बिधूना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सरकारी तंत्र में सेंधमारी कर किसान ने यूपीडा को ही ठग लिया है। एसडीएम अजीतमल गरिमा सोनकिया के मुताबिक किसान पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब हड़पे गए मुआवजे की रकम भी वसूली जाएगी। इसके लिए रिकवरी जारी की जा रही है।

Trending Videos
बिधूना तहसील क्षेत्र के गांव हरनागरपुर निवासी किसान अतर सिंह के खिलाफ बिधूना कोतवाली में क्षेत्रीय लेखपाल प्रमोद कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस रिपोर्ट के अनुसार हरनागरपुर निवासी सुखदेवी ने अपनी जमीन साल 2009 में मिथलेश कुमारी व अतर सिंह को बेची। पांच बीघा जमीन पाने के बाद अतर सिंह ने 19 दिसंबर 2009 को इस जमीन को शर्तिया बैनामा के तहत कमल सिंह को दे दी। पांच साल बाद इसी जमीन को अतर सिंह ने साल 2014 में यूपीडा को भी बिक्री कर दी। सरकार से मिला 12.5 लाख रुपये पार कर दिए जबकि जमीन अभी तक सुखदेवी के नाम ही चढ़ी रही।
विज्ञापन
विज्ञापन
यह सब तब हो गया जब यूपीडा के लिए जमीन अधिग्रहण का काम बड़े ही बारीकी के साथ होता है। जमीन अधिग्रहण में लगे सरकारी तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लगी। साल 2017 में तहसील प्रशासन को पहली बार इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। इस पर किसान को नोटिस भेजा गया। वहीं, यूपीडा ने साल 2020 में किसान को नोटिस भेजा। इसके बाद मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। अब इस मामले में लेखपाल की तहरीर पर अतर सिंह के खिलाफ बिधूना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सरकारी तंत्र में सेंधमारी कर किसान ने यूपीडा को ही ठग लिया है। एसडीएम अजीतमल गरिमा सोनकिया के मुताबिक किसान पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अब हड़पे गए मुआवजे की रकम भी वसूली जाएगी। इसके लिए रिकवरी जारी की जा रही है।