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Ayodhya News: फोर्टिफाइड चावल के लिए अतिरिक्त शुल्क देने का खुलासा
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अयोध्या। जिले के एक राइस मिलर की ओर से फोर्टिफाइड चावल के आपूर्तिकर्ताओं से 15 क्विंटल चावल अतिरिक्त शुल्क देकर लाए जाने का खुलासा हुआ है। इसके बाद जिला खाद्य विपणन अधिकारी धनंजय सिंह ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए खाद्य आयुक्त और प्रमुख सचिव सहित धान खरीद से जुड़े अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर फोर्टिफाइड चावल के आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद मंगलवार को विभाग में खलबली मची रही। इस पत्र में कहा गया है कि अभी तक जिले को सिर्फ 326.75 क्विंटल फोर्टिफाइड चावल मिला है। इसमें 65 क्विंटल की रैंडम सैंपलिंग, लैब डिलिशन व डिफेक्टेड रिपोर्ट के कारण अभी भी डिलीवरी नहीं हुई है। एफआरके चावल की आपूर्तिकर्ता फर्म दुर्गा एंड संस, फतेहपुर का 20 बैच पास है। उनकी ओर से अभी तक जिले को कोई आपूर्ति नहीं की गई है।
जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने पत्र में लिखा है कि फर्म के संचालक उनका और किसी मिलर का फोन भी नहीं उठाते हैं। इसके अलावा पूर्णिमा एग्रो की ओर से बिना डिप्टी आरएमओ की जानकारी के मनमाने तरीके से एक मिलर को 15 क्विंटल एफआरके चावल अतिरिक्त पैसा लेकर दिया गया और बात करने पर अशोभनीय व अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। विभाग की मजबूरी का लाभ उठाकर दुर्गा एंड संस और पूर्णिमा एग्रो की ओर से एफआरके 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल में ब्लैक में दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं दूसरे बैच की रैंडम सैंपलिंग के नाम पर 12,000 से 15,000 रुपये की अतिरिक्त डिमांड लैब के ब्रोकर मिलर से कर रहे हैं। पूरी अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने उच्च अधिकारियों को आगाह किया है की जल्द इन सब मामलों का समाधान नहीं निकाला गया तो सरकारी धान से उत्पादित चावल भी फंस जाएगा और धान खरीद फेल हो जाएगी।
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जिला खाद्य विपणन अधिकारी की ओर से पत्र लिखे जाने के बाद मंगलवार को विभाग में खलबली मची रही। इस पत्र में कहा गया है कि अभी तक जिले को सिर्फ 326.75 क्विंटल फोर्टिफाइड चावल मिला है। इसमें 65 क्विंटल की रैंडम सैंपलिंग, लैब डिलिशन व डिफेक्टेड रिपोर्ट के कारण अभी भी डिलीवरी नहीं हुई है। एफआरके चावल की आपूर्तिकर्ता फर्म दुर्गा एंड संस, फतेहपुर का 20 बैच पास है। उनकी ओर से अभी तक जिले को कोई आपूर्ति नहीं की गई है।
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जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने पत्र में लिखा है कि फर्म के संचालक उनका और किसी मिलर का फोन भी नहीं उठाते हैं। इसके अलावा पूर्णिमा एग्रो की ओर से बिना डिप्टी आरएमओ की जानकारी के मनमाने तरीके से एक मिलर को 15 क्विंटल एफआरके चावल अतिरिक्त पैसा लेकर दिया गया और बात करने पर अशोभनीय व अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। विभाग की मजबूरी का लाभ उठाकर दुर्गा एंड संस और पूर्णिमा एग्रो की ओर से एफआरके 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल में ब्लैक में दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं दूसरे बैच की रैंडम सैंपलिंग के नाम पर 12,000 से 15,000 रुपये की अतिरिक्त डिमांड लैब के ब्रोकर मिलर से कर रहे हैं। पूरी अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने उच्च अधिकारियों को आगाह किया है की जल्द इन सब मामलों का समाधान नहीं निकाला गया तो सरकारी धान से उत्पादित चावल भी फंस जाएगा और धान खरीद फेल हो जाएगी।
