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Ram Mandir: 76 साल पहले विवादित परिसर में प्रकट हुए थे रामलला, आंदोलन का निर्णायक मोड़ साबित हुई थी ये घटना

नितिन मिश्र, अमर उजाला, अयोध्या Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 22 Dec 2025 07:48 AM IST
सार

76 साल पहले 22 दिसंबर की आधी रात को रामलला विवादित परिसर में प्रकट हुए थे। यह घटना राम मंदिर आंदोलन का सबसे निर्णायक मोड़ साबित हुई थी। हवलदार ने रामलला के प्रकट होने की कहानी का समर्थन किया था।

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Ramlala appeared 76 years ago, on the midnight of 22 December
Ram Mandir - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
आज से ठीक 76 वर्ष पूर्व, 22-23 दिसंबर 1949 की आधी रात अयोध्या के तत्कालीन विवादित परिसर में भगवान रामलला का प्राकट्य हुआ था। यह घटना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक-राजनीतिक और ऐतिहासिक रूप से भी राम मंदिर आंदोलन का सबसे निर्णायक मोड़ सिद्ध हुई।


राम जन्म भूमि सेवा समिति उसी वर्ष से लगातार रामलला का प्राकट्य उत्सव मनाती आ रही है। संयोग है कि इस बार 77वां प्राकट्योत्सव 23 दिसंबर को ही मनेगा, इसलिए 1949 की घटना को याद करना मौजू हो उठता है।
 
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Ramlala appeared 76 years ago, on the midnight of 22 December
राम लला - फोटो : Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra
22 दिसंबर 1949 को पूस की रात थी। अयोध्या में सरयू के पानी में सर्द हवाएं सिहरन पैदा कर रही थी। इसी बीच लक्ष्मण किला घाट के पास पांच साधुओं ने सरयू में डुबकी लगाई और जब बाहर निकले तो देश की तारीख के नए अध्याय का सूत्रपात हो गया। सरयू स्नान करने वाले एक साधु के सिर पर बांस की टोकरी थी।
 
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रामलला - फोटो : राम मंदिर
टोकरी में भगवान राम के बाल्यावस्था की अष्टघातु की मूर्ति थी। साधुओं की टोली विवादित परिसर पहुंची। चांदी के छोटे से सिंहासन पर रामलला की मंत्रोच्चार के साथ स्थापना हुई। उस दिन विवादित परिसर में हवलदार अब्दुल बरकत की ड्यूटी रात 12 बजे से थी। बरकत रात 12 बजे के बजाय करीब डेढ़ बजे पहुंचे।

 
Ramlala appeared 76 years ago, on the midnight of 22 December
राम मंदिर में लहराता ध्वज - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उसके पहुंचने से पहले साधुओं ने विवादित परिसर में मूर्तियां स्थापित कर दी थी। ड्यूटी में लापरवाही पर अब्दुल बरकत ने जो दलील दी, वो अयोध्या आंदोलन के लिए बहुत अहम साबित हुई। बरकत ने रामलला के प्रकट होने की कहानी का समर्थन किया।
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हजारों की संख्या में राम मंदिर पहुंचे लोग - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
बरकत ने एफआईआर में बताया कि रात 12 बजे अलौकिक रोशनी हुई। रोशनी कम होने पर उसने जो देखा उस पर भरोसा नहीं हुआ। बरकत ने बताया कि वहां भगवान की मूर्ति विराजमान थी। अब्दुल बरकत का बयान चमत्कार का प्रमाण साबित हुआ।
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