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वसूली के लिए परिजनों ने किया प्रदर्शन : डॉ. बनौधा
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Sun, 21 Dec 2025 09:01 PM IST
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31-सिविल लाइन स्थित होटल में पत्रकारों से वार्ता करते आईएमए के पदाधिकारी व अन्य।-संवाद
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अयोध्या। इंजेक्शन की ओवरडोज से महिला की मौत मामले में रविवार को आईएमए के साथ अस्पताल प्रबंधन ने अपना पक्ष रखा है। प्रेसवार्ता में निर्मला हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. रंजू बनौधा ने कहा कि वसूली के उद्देश्य से मृत शरीर का प्रदर्शन व हंगामा किया गया है। अस्पताल को जलाने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज को ओवरडोज नहीं दिया गया था। मरीज की हालत पहले से गंभीर थी। उसी की वजह से ही मरीज की मौत हुई है। उन्हें पहले ही रेफर किया जा रहा था, लेकिन परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे। यदि किसी के मां की मौत होगी तो वह शोक मनाएगा, न कि मां के मृत शरीर का प्रदर्शन करेगा।
आरोप लगाया कि उनके अस्पताल की एक महिला कर्मचारी मृतका के परिजनों की रिश्तेदार है, जिनसे उन्होंने फोन पर इंजेक्शन के ओवरडोज की बात कहलवाकर रिकॉर्ड किया। बाद में ईएमओ से जबरदस्ती लिखवा लिया। डॉ. आरके बनौधा ने कहा कि मोटी रकम वसूलने के लिए इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है।
उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इसकी तहरीर उन्होंने उसी दिन कोतवाली अयोध्या पुलिस को दी है। जिस इंजेक्शन से मरीज की मौत का दावा किया जा रहा है, वह इंजेक्शन सुबह दिया गया था। मरीज की मौत रात में हुई है। इंजेक्शन का रिएक्शन इतना देर में नहीं होता है। इस मौके पर आईएमए अध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव, पूर्व सीएमओ डॉ. नानक सरन, सचिव डाॅ. निशांत सक्सेना, डॉ. शशांक वर्मा, डॉ. एसके पाठक, डॉ. सईदा रिजवी आदि मौजूद रहे।
यह है मामला
अयोध्या धाम के कनीगंज निवासी सरोज कौशल (50) को निर्मला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 दिसंबर को उनकी हालत बिगड़ने पर परिजन लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान 15/16 दिसंबर की रात 12:08 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनोंं ने इंजेक्शन की ओवरडोज से उनकी मौत का आरोप लगाया था। मृतका के परिजन सुशील कौशल ने डॉक्टर की बयानबाजी पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की लापरवाही से उनके मां की मौत हुई है। यह लड़ाई सिर्फ न्याय की है, ताकि किसी के परिवार के साथ इस तरह घटना न घटित हो।
मौत से पहले ही जारी हो गया मृत्यु प्रमाण पत्र
रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. आरके बनौधा ने लखनऊ के एक निजी अस्पताल से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र सार्वजनिक किया। इसके अनुसार उन्होंने बीमारी से मौत का दावा किया। यह प्रमाण पत्र लेकिन मीडिया में चर्चा का विषय रहा। इसमें मौत की तिथि तो 16 दिसंबर 12:08 एएम दर्ज है, लेकिन जारी तिथि 14 दिसंबर अंकित है।
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उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज को ओवरडोज नहीं दिया गया था। मरीज की हालत पहले से गंभीर थी। उसी की वजह से ही मरीज की मौत हुई है। उन्हें पहले ही रेफर किया जा रहा था, लेकिन परिजन ले जाने को तैयार नहीं थे। यदि किसी के मां की मौत होगी तो वह शोक मनाएगा, न कि मां के मृत शरीर का प्रदर्शन करेगा।
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आरोप लगाया कि उनके अस्पताल की एक महिला कर्मचारी मृतका के परिजनों की रिश्तेदार है, जिनसे उन्होंने फोन पर इंजेक्शन के ओवरडोज की बात कहलवाकर रिकॉर्ड किया। बाद में ईएमओ से जबरदस्ती लिखवा लिया। डॉ. आरके बनौधा ने कहा कि मोटी रकम वसूलने के लिए इस तरह का दबाव बनाया जा रहा है।
उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इसकी तहरीर उन्होंने उसी दिन कोतवाली अयोध्या पुलिस को दी है। जिस इंजेक्शन से मरीज की मौत का दावा किया जा रहा है, वह इंजेक्शन सुबह दिया गया था। मरीज की मौत रात में हुई है। इंजेक्शन का रिएक्शन इतना देर में नहीं होता है। इस मौके पर आईएमए अध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव, पूर्व सीएमओ डॉ. नानक सरन, सचिव डाॅ. निशांत सक्सेना, डॉ. शशांक वर्मा, डॉ. एसके पाठक, डॉ. सईदा रिजवी आदि मौजूद रहे।
यह है मामला
अयोध्या धाम के कनीगंज निवासी सरोज कौशल (50) को निर्मला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 दिसंबर को उनकी हालत बिगड़ने पर परिजन लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान 15/16 दिसंबर की रात 12:08 बजे उनकी मौत हो गई। परिजनोंं ने इंजेक्शन की ओवरडोज से उनकी मौत का आरोप लगाया था। मृतका के परिजन सुशील कौशल ने डॉक्टर की बयानबाजी पर आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की लापरवाही से उनके मां की मौत हुई है। यह लड़ाई सिर्फ न्याय की है, ताकि किसी के परिवार के साथ इस तरह घटना न घटित हो।
मौत से पहले ही जारी हो गया मृत्यु प्रमाण पत्र
रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान डॉ. आरके बनौधा ने लखनऊ के एक निजी अस्पताल से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र सार्वजनिक किया। इसके अनुसार उन्होंने बीमारी से मौत का दावा किया। यह प्रमाण पत्र लेकिन मीडिया में चर्चा का विषय रहा। इसमें मौत की तिथि तो 16 दिसंबर 12:08 एएम दर्ज है, लेकिन जारी तिथि 14 दिसंबर अंकित है।
