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Azamgarh News: कार्रवाई के लिए पीड़ित से रुपये मांगने पर पुलिसकर्मी निलंबित
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आजमगढ़। मारपीट के मामले में आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट लगाने के लिए पीड़ित से पांच हजार रुपये मांगने के आरोप में उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को जांच में दोषी पाया गया है। क्षेत्राधिकारी लालगंज की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया। देवगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।
एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी आकाश चौहान ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति और साथियों ने पुरानी रंजिश में उनके साथ मारपीट की थी। इसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। मामले में देवगांव थाने पर तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। विवेचना उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को सौंपी गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उप निरीक्षक ने आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट लगाने व मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। एसपी डाॅ. अनिल कुमार ने आरोप की जांच के लिए क्षेत्राधिकारी लालगंज को निर्देशित किया। जांच में उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप निरीक्षक लालबहादुर प्रसाद के विरुद्ध देवगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। पुलिस विभाग की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि भ्रष्टाचार, धन उगाही या अनैतिक मांग स्वीकार्य नहीं है।
जून 2024 से अब तक पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
आजमगढ़। विभाग की छवि को धूमिल करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। जून 2024 से अब तक पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
जून 2024 में आजमगढ़ के तत्कालीन एसएसपी एवं वर्तमान में बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने 21 जून 2024 को डरा–धमकाकर जबरन 6000 रुपये वसूली के आरोप में दो पुलिसकर्मियों आरक्षी अजीत कुमार यादव और आरक्षी सत्यदेव पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमीन का विवाद निपटाने के नाम पर अवैध वसूली करने के मामले में दोनों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।
इसके बाद अक्तूबर 2025 में एसपी डॉ. अनिल कुमार ने पुलिसकर्मियों की लापरवाही, अपराधियों से सांठगांठ और पैसों की मांग के मामलों में कार्रवाई की। एक मामला निजामाबाद थाना क्षेत्र का है। इसमें आरक्षी सुमित सिंह को दायित्वों के प्रति उदासीनता, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता व अपराधियों से सांठगांठ के आरोप में निलंबित किया गया था। एक अन्य मामला शहर कोतवाली का है। इसमें कांस्टेबल पिंटू कुमार पर पासपोर्ट सत्यापन कराने के बदले रुपये मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार, अवैध वसूली एवं विभाग की साख को नुकसान पहुंचाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी आकाश चौहान ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम प्रधान सोनू प्रजापति और साथियों ने पुरानी रंजिश में उनके साथ मारपीट की थी। इसमें उन्हें गंभीर चोटें आई थीं। मामले में देवगांव थाने पर तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। विवेचना उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को सौंपी गई। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उप निरीक्षक ने आरोपियों को जेल भेजने, चार्जशीट लगाने व मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। एसपी डाॅ. अनिल कुमार ने आरोप की जांच के लिए क्षेत्राधिकारी लालगंज को निर्देशित किया। जांच में उपनिरीक्षक लालबहादुर प्रसाद को प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर उप निरीक्षक लालबहादुर प्रसाद के विरुद्ध देवगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। पुलिस विभाग की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि भ्रष्टाचार, धन उगाही या अनैतिक मांग स्वीकार्य नहीं है।
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जून 2024 से अब तक पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
आजमगढ़। विभाग की छवि को धूमिल करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पुलिस प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। जून 2024 से अब तक पांच पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
जून 2024 में आजमगढ़ के तत्कालीन एसएसपी एवं वर्तमान में बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने 21 जून 2024 को डरा–धमकाकर जबरन 6000 रुपये वसूली के आरोप में दो पुलिसकर्मियों आरक्षी अजीत कुमार यादव और आरक्षी सत्यदेव पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जमीन का विवाद निपटाने के नाम पर अवैध वसूली करने के मामले में दोनों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।
इसके बाद अक्तूबर 2025 में एसपी डॉ. अनिल कुमार ने पुलिसकर्मियों की लापरवाही, अपराधियों से सांठगांठ और पैसों की मांग के मामलों में कार्रवाई की। एक मामला निजामाबाद थाना क्षेत्र का है। इसमें आरक्षी सुमित सिंह को दायित्वों के प्रति उदासीनता, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता व अपराधियों से सांठगांठ के आरोप में निलंबित किया गया था। एक अन्य मामला शहर कोतवाली का है। इसमें कांस्टेबल पिंटू कुमार पर पासपोर्ट सत्यापन कराने के बदले रुपये मांगने का आरोप लगा था। इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई। एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार, अवैध वसूली एवं विभाग की साख को नुकसान पहुंचाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।