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सेवा भाव से बड़ा धर्म नहीं है कोई : नयन
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फोटो संख्या 3
संवाद न्यूज एजेंसी
बड़ौत। नगर के अतिथि भवन में रविवार को धर्म सभा में जैन संत नयन सागर महाराज ने कहा कि सेवा भाव से बड़ा कोई धर्म नहीं है। मनुष्य के जीवन में परोपकार का एक ऐसा सूत्र है, जो बहुत अच्छी तरह से निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि जीवों की रक्षा करना ही सेवा है। अपने बेटे की परवरिश मां अच्छी कर सकती है, नौकरानी नहीं। कुदरत का नियम है कि जैसी करनी उसका वैसा ही फल मिलेगा। सेवा, दया, करुणा के खत्म होने के कारण ही पाप बढ़ता जा रहा है, जो हित अपने बच्चों का मां कर सकती है वह कोई और नहीं कर सकता। किसी जीव का कल्याण हो तो समझ लेना आपने सुखों का स्वाद चख लिया है। इसलिए हमेशा दूसरों के कल्याण की सोचनी चाहिए, इसका फल इंसान एक दिन जरूर मिलता है।

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संवाद न्यूज एजेंसी
बड़ौत। नगर के अतिथि भवन में रविवार को धर्म सभा में जैन संत नयन सागर महाराज ने कहा कि सेवा भाव से बड़ा कोई धर्म नहीं है। मनुष्य के जीवन में परोपकार का एक ऐसा सूत्र है, जो बहुत अच्छी तरह से निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि जीवों की रक्षा करना ही सेवा है। अपने बेटे की परवरिश मां अच्छी कर सकती है, नौकरानी नहीं। कुदरत का नियम है कि जैसी करनी उसका वैसा ही फल मिलेगा। सेवा, दया, करुणा के खत्म होने के कारण ही पाप बढ़ता जा रहा है, जो हित अपने बच्चों का मां कर सकती है वह कोई और नहीं कर सकता। किसी जीव का कल्याण हो तो समझ लेना आपने सुखों का स्वाद चख लिया है। इसलिए हमेशा दूसरों के कल्याण की सोचनी चाहिए, इसका फल इंसान एक दिन जरूर मिलता है।
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