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Ballia News: काम कम भुगतान ज्यादा, 3 ब्लॉक में मजदूरी और सामग्री में घपला

Varanasi Bureau वाराणसी ब्यूरो
Updated Tue, 04 Nov 2025 01:53 AM IST
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Less work, more payment, fraud in wages and materials in 3 blocks
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बलिया। जिले के सीयर, रसड़ा और सोहांव ब्लॉक में मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री आपूर्ति में वित्तीय अनियमितता सामने आई है।
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सीयर ब्लॉक में तुर्तीपार, शाहपुर अफगा और रछौली पंचायतों में मजदूरी और भुगतान के आंकड़े मेल नहीं खाते। तुर्तीपार पंचायत में 1.36 करोड़ रुपये मजदूरी और 42 लाख रुपये सामग्री पर खर्च दिखाया गया है, जबकि सिर्फ 6669 मानव दिवस सृजित हुए। निर्धारित दर के अनुसार मजदूरी 84.73 लाख रुपये होनी चाहिए थी, मगर भुगतान एक करोड़ से ज्यादा का किया गया। शाहपुर अफगा पंचायत में भी यही स्थिति रही। यहां 88 लाख रुपये मजदूरी भुगतान दर्शाया गया, जबकि 6669 मानव दिवसों पर कुल मजदूरी मात्र 15.80 लाख रुपये ही बनती है। उधर रछौली पंचायत में 15348 मानव दिवसों के लिए मजदूरी 36.37 लाख रुपये दर्शायी गई पर भुगतान इसका डेढ़ गुना किया गया है। यानी मजदूरी और सामग्री के नाम पर खजाना खाली कर दिया।
अमहर उत्तर पट्टी में मजदूरी हुई 51.86 लाख, भुगतान हुआ 76 लाख : रसड़ा ब्लॉक अंतर्गत अमहर उत्तर पट्टी में बीते वित्तीय वर्ष में कुल 21885 मानव दिवस सृजित हुए। जिनकी मजदूरी 51.86 लाख रुपये बनती है पर भुगतान 76 लाख रुपये किया गया। वहीं अमहर दक्षिण पट्टी में 24.88 लाख मजदूरी के स्थान पर 30 लाख रुपये का भुगतान दिखाया जा रहा है। उधर, अथीलापुर पंचायत में तो हद कर दी गई। यहां 4201 मानव दिवसों के लिए मजदूरी मात्र 9.95 लाख रुपये बनती है, लेकिन रिकॉर्ड में 1 करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिखाया गया। छितौनी पंचायत में भी 30 लाख की मजदूरी के बदले 53 लाख रुपये का भुगतान कराने का मामला सामने आया है। यानि फर्जी मस्टररोल के जरिए लाखों रुपये का वारा न्यारा किया गया।
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ईटही में 25.49 लाख की जगह 35 लाख भुगतान : सोहांव ब्लॉक की पंचायतें भी इससे अछूती नहीं हैं। ईटही में 25.49 लाख की जगह 35 लाख, दुलारपुर में 35.70 लाख के स्थान पर तकरीबन 55 लाख और चौरा में 53 लाख की जगह 55 लाख रुपये का भुगतान किया गया। सूत्रों का कहना है कि भुगतान राशि में गड़बड़ी ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधानों की मिलीभगत से की गई, जबकि विभागीय अधिकारी आंख मूंदे बैठे रहे।
डीसी मनरेगा रिचा सिंह ने कहा कि मनरेगा से ग्राम पंचायतों में हुए कार्यों की समय-समय पर जांच की जाती है। उसकी सोशल ऑडिट भी होती है। शिकायत मिलने पर दोबारा जांच कराकर कमियां मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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