मॉकड्रिल: बाढ़ और आपदा से बचना है तो पढ़ लें ये खबर, एनडीआरएफ ने दिए टिप्स; रिहर्सल देखने जुटे लोग
Flood in UP: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बाढ़ग्रस्त इलाकों का एनडीआरएफ ने दाैरा किया। यहां ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव को लेकर कई जानकारियां दी गईं। इसके साथ ही सीपीआर के बारे में भी बताया गया।

विस्तार
Ballia News: गंगा नदी के उजियार घाट पर गुरुवार को बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के मॉक ड्रिल (मूक अभ्यास) किया। इसमें बाढ से दौरान किसी के डूबने पर बचाव कार्य तथा पानी से घिरे गांवों से लोगों को निकालने का अभ्यास किया गया। इसके अलावा वहां आयोजित गोष्ठी में बाढ़ प्रभावित इलाकों में दवा वितरण या कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने से लेकर लोगों के स्वास्थ्य व पशुओं का भी ख्याल रखने के तरीकों के बारे में बताया गया।

जिला आपदा विशेषज्ञ पीयूष कुमार सिंह ने बाढ़ के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसके बारे में लोगों को विस्तार से बताया। रेड क्रॉस सोसाइटी बलिया एवं नरही के अधीक्षक डॉ. पंकज ने प्राथमिक उपचार व सर्पदंश के बारे में भी अभ्यास कराया। मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ टीम के निरीक्षक राम यज्ञ शुक्ला के निर्देश में उपस्थित लोगों को सीपीआर प्रशिक्षण के साथ मॉक ड्रिल में डूबते व्यक्ति को बचाने का भी अभ्यास कर लोगों को दिखाया गया।
इस दौरान आपदा मित्र धर्मेंद्र कुमार ने नदी के बीच लगभग आधे घंटे तक सोये रहने का करतब दिखाया। मॉक ड्रिल में बाढ़ में डूबे लोगों को सुरक्षित निकाल कर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया। इस दौरान सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन, पशुपालन विभाग से डॉ एसके मिश्र, शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, कपिल देव, सिटी मजिस्ट्रेट आशा राम वर्मा आदि रहे।
ग्रामीणों को आपदा से बचाव का दिया टिप्स
गोपालपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत गंगा नदी के तट पर कन्हई ब्रह्म बाबा स्थान के पास गुरुवार को जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल कर ग्रामीणों को आपदा के समय बचाव के लिए टिप्स दिए। उपजिलाधिकारी बैरिया आलोक प्रताप सिंह के नेतृत्व में विभिन्न विभागों की टीम गोपालपुर कन्हई ब्रह्म बाबा के स्थान पर तटवर्ती गांव गोपालपुर, दुबेछपरा, उदई छपरा सहित आसपास के गांव के ग्रामीण तथा ग्राम प्रधान को बाढ़ से बचाव का तरीका बताया गया।
20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ से आई 17 सदस्य टीम अपना बोट लेकर नदी में उतरे और नाव के डूबने तथा उसमें सवार लोगों के बचाव, डूबते हुए लोगों को बचाव आदि की जानकारी ग्रामीणों को दी। डॉ. बी सिंह ने लोगों को बाढ़ के समय में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी।
नाविकों ने एसडीएम को सुनाई पीड़ा
माॅक ड्रिल में आए उपजिलाधिकारी बैरिया से पिछले साल बाढ़ में काम करने वाले नाविकों ने अपनी व्यथा सुनाई। नाविकों ने कहा कि बाढ़ में काम करने के बाद आज तक हम लोगों का मेहनताना नहीं मिला। ऐसी स्थिति में हम लोग अपनी नाव नहीं लगाएंगे। जिस पर उपजिलाधिकारी बैरिया ने प्रार्थना पत्र के साथ तहसीलदार बैरिया से संपर्क करने को कहा। एसडीएम ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि 15 दिन के नाविकों के मजदूरी का भुगतान करा दिया जाए।
ऐ साहब चली तनी होनियो देख लीं...
ऐ साहब चली तनी होनियो देख लीं, लागता बा कि ऐहू साले गउंवा-घरवा ना बाची... मार्क ड्रिल में आए उपजिलाधिकारी बैरिया आलोक प्रताप सिंह व अधिशासी अभियंता एसके प्रियदर्शी से गोपालपुर गांव के लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई। डीहबाबा स्थान के पास नीचे से गंगा नदी कोल्ही बना चुकी है। दो हाथ भी पानी बढ़ गया तो उस कोल्ही के से ग्राम सभा के दो गड्ढा धाराशाई हो जाएंगे। ग्राम सभा दो भागों में विभाजित हो कर कटान की भेंट चढ़ जाएगा।

मॉकड्रिल के माध्यम से बाढ़ बचाव के लिए किया जागरुक
सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के कठौड़ा गांव स्थित सरयू नदी के तट पर बृहस्पतिवार को बाढ़ आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित हुआ। मॉक ड्रिल में बाढ़ से पहले प्रशासनिक तैयारी की जांच और आमजन को राहत व बचाव की जानकारी दी गई। मॉकड्रिल में चिकित्सा शिविर, कानूनगो, लेखपाल, पशुपालन विभाग, बाढ़ विभाग, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी आदि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बाढ़ आने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, राहत शिविर स्थापित करने, प्राथमिक चिकित्सा देने, नाव और रेस्क्यू उपकरणों के संचालन की लाइव डेमोंस्ट्रेशन की गई।
उपजिलाधिकारी सुनील कुमार, तहसीलदार प्रवीण सिंह, नायब तहसीलदार सीपी यादव, राजेश भारती, जिला पंचायत सदस्य सुरेन्द्र यादव, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि छोटक चौधरी और सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र यादव आदि रहे।