{"_id":"6903c6747ab78752c90b1c70","slug":"only-55-out-of-549-have-uploaded-innovation-ideas-so-far-ballia-news-c-190-1-bal1001-151122-2025-10-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ballia News: 549 में से सिर्फ 55 ने नवाचार आइडिया अब तक अपलोड किए","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    Ballia News: 549 में से सिर्फ 55 ने नवाचार आइडिया अब तक अपलोड किए
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                पंदह। नवाचार और तकनीकी सोच को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई विकसित भारत बिल्डथॉन प्रतियोगिता में जिले का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है। जनपद के 549 पंजीकृत विद्यालयों में से मात्र 55 ने ही अपने नवाचार आइडिया पोर्टल पर अपलोड किए हैं। 
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
प्रशासन की बार-बार की चेतावनियों और शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद विद्यालयों की सुस्ती जस की तस बनी हुई है। परिणामस्वरूप, जिला नवाचार की इस दौड़ में प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल हो चुका है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
जिले के स्कूलों ने पंजीकरण में तो उत्साह दिखाया, लेकिन नवाचार प्रस्तुत करने में बेहद लापरवाही बरती। ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे विषयों पर आइडिया अपलोड करने की शासन की सख्त मंशा के बावजूद अधिकांश विद्यालयों ने कोई पहल नहीं की। रजिस्ट्रेशन के बाद आइडिया सबमिट न करने वाले विद्यालयों में राजकीय, अनुदानित और निजी विद्यालय शामिल हैं। यही नहीं कुछ ऐसे विद्यालयों से भी अपेक्षित सहायता नहीं मिल पा रही है जिनसे विभाग को काफी उम्मीदें थी।
शायद यही कारण है कि जिले की रैंकिंग भी प्रभावित हो रही है। साथ ही समीक्षा में लगातार जिले की फजीहत हो रही है, जिससे छवि धूमिल हो रही है। जबकि शासन का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों में समस्या-समाधान की क्षमता और तकनीकी कौशल विकसित करना है। विभाग ने संबंधित विद्यालयों से अपने नवाचार तत्काल प्रस्तुत करने की अपेक्षा की है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
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बच्चों में नई सोच और रचनात्मकता जगाने का यह सुनहरा मौका है लेकिन विद्यालयों की लापरवाही से भविष्य की संभावनाएं दब रही हैं। विद्यालयों को सख्त निर्देश दिए गए हैं ।अब कोई बहाना नहीं चलेगा। सभी विद्यालय तत्काल अपने नवाचार आइडिया पोर्टल पर अपलोड करें, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। - देवेंद्र कुमार गुप्ता, डीआईओएस (बलिया)
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
प्रशासन की बार-बार की चेतावनियों और शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद विद्यालयों की सुस्ती जस की तस बनी हुई है। परिणामस्वरूप, जिला नवाचार की इस दौड़ में प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल हो चुका है।
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            जिले के स्कूलों ने पंजीकरण में तो उत्साह दिखाया, लेकिन नवाचार प्रस्तुत करने में बेहद लापरवाही बरती। ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे विषयों पर आइडिया अपलोड करने की शासन की सख्त मंशा के बावजूद अधिकांश विद्यालयों ने कोई पहल नहीं की। रजिस्ट्रेशन के बाद आइडिया सबमिट न करने वाले विद्यालयों में राजकीय, अनुदानित और निजी विद्यालय शामिल हैं। यही नहीं कुछ ऐसे विद्यालयों से भी अपेक्षित सहायता नहीं मिल पा रही है जिनसे विभाग को काफी उम्मीदें थी।
शायद यही कारण है कि जिले की रैंकिंग भी प्रभावित हो रही है। साथ ही समीक्षा में लगातार जिले की फजीहत हो रही है, जिससे छवि धूमिल हो रही है। जबकि शासन का उद्देश्य नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों में समस्या-समाधान की क्षमता और तकनीकी कौशल विकसित करना है। विभाग ने संबंधित विद्यालयों से अपने नवाचार तत्काल प्रस्तुत करने की अपेक्षा की है।
बच्चों में नई सोच और रचनात्मकता जगाने का यह सुनहरा मौका है लेकिन विद्यालयों की लापरवाही से भविष्य की संभावनाएं दब रही हैं। विद्यालयों को सख्त निर्देश दिए गए हैं ।अब कोई बहाना नहीं चलेगा। सभी विद्यालय तत्काल अपने नवाचार आइडिया पोर्टल पर अपलोड करें, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। - देवेंद्र कुमार गुप्ता, डीआईओएस (बलिया)
