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सौर ऊर्जा की गति धीमी: बलिया में 10000 की जगह 277 सोलर पैनल लगे, आवेदकों की संख्या 2775; कागजात की चल रही जांच
अमर उजाला नेटवर्क, बलिया।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Fri, 09 May 2025 12:57 AM IST
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सार
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिलती है।

रेलवे स्टेशन में लगा सोलर पैनल।
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से संचालित सोलर पैनल योजना का जिले में धरातल पर चाल धीमी है। सरकार की तरफ से पीएम सूर्य योजना में 10000 सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी तक 277 स्थलों पर ही सोलन पैनल लग सका है।
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वहीं, नेडा कार्यालय के पास अभी तक 2775 आवेदन सोलर पैनल लगाने के लिए आए हैं। इन आवेदनकर्ताओं के कागजातों की जांच चल रही है। सरकार की तरफ से पीएम सूर्य योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है। गर्मी के दिनों में बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। ऐसे में लोग इसकी पूर्ति के लिए सोलर पैनल लगाने में रुचि दिखाने लगे हैं।
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दो किलो वाॅट पर 1.20 लाख खर्च आ रहा है। सरकार की तरफ से 90 हजार की सब्सिडी दी जा रही है। वहीं तीन किलो वाॅट पर 1.80 लाख खर्च आ रहा है। सरकार इस पर 1.08 लाख सब्सिडी दे रही है। विभाग जनता को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित करने में जुटा है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सके।
विभागीय अधिकारी की माने तो लोग आवेदन तो करते हैं लेकिन पैसा जमा करने में काफी विलंब कर देते हैं। इसके चलते योजना परवाना नहीं चढ़ पा रहा है। बताया कि सौर ऊर्जा, जीवाश्म ईंधन से ऊर्जा उत्पादन की तुलना में, प्रदूषण को कम करने में मदद करती है।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम की अधिक मांग
हाइब्रिड सोलर सिस्टम की मांग अधिक बढ़ गई है। यह एक ऊर्जा समाधान है, जो विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनलों, बैटरी स्टोरेज और ग्रिड बिजली को जोड़ता है। यह दिन के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करता है, रात के समय उपयोग या कटौती के लिए बैटरी में अतिरिक्त बिजली संग्रहीत करता है, और आवश्यकता पड़ने पर ग्रिड से बिजली खींचता है। इसमें प्रतिकिलो वाॅट 80 से 85 हजार खर्च आ रहा है। सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है।
इनकी भी सुनें
सोलर सिस्टम लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए आवेदन भी आ रहे है। सूर्य पीएम से लोगों का काफी लाभ मिल रहा है। सौर ऊर्जा से बिजली का कोई आंकड़ा अभी नहीं है। एक वर्ष होने पर बिजली विभाग आंकड़ा देता है। फिलहाल कितना बन रहा इसकी सटीक जानकारी नहीं है। -धन प्रसाद, पीओ नेडा।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम की मांग अधिक बढ़ गई है। यह एक ऊर्जा समाधान है, जो विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर पैनलों, बैटरी स्टोरेज और ग्रिड बिजली को जोड़ता है। यह दिन के दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग करता है, रात के समय उपयोग या कटौती के लिए बैटरी में अतिरिक्त बिजली संग्रहीत करता है, और आवश्यकता पड़ने पर ग्रिड से बिजली खींचता है। इसमें प्रतिकिलो वाॅट 80 से 85 हजार खर्च आ रहा है। सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जा रही है।
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सोलर सिस्टम लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए आवेदन भी आ रहे है। सूर्य पीएम से लोगों का काफी लाभ मिल रहा है। सौर ऊर्जा से बिजली का कोई आंकड़ा अभी नहीं है। एक वर्ष होने पर बिजली विभाग आंकड़ा देता है। फिलहाल कितना बन रहा इसकी सटीक जानकारी नहीं है। -धन प्रसाद, पीओ नेडा।
रेलवे स्टेशन पर 146 किलोवाट का लग रहा सोलर प्लांट, बिजली बिल होगा आधा
रेलवे बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बन रहा है। स्टेशन भवन पर 146 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल लगाया जा रहा है। जिससे प्रतिदिन 441 यूनिट बिजली पैदा होगी। स्टेशन पर अभी रोज 324 यूनिट बिजली की खपत है। गर्मी के मौसम में बिजली का बिल चार लाख रुपया प्रतिमाह आ रहा है। सोलर पैनल चालू होने के बाद करीब दो लाख रुपया प्रतिमाह की बचत होगी।
वाराणसी मंडल पर वित्त वर्ष 2025-26 में माह अप्रैल तक कुल 519 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिसमें बनारस स्टेशन पर 141 किलोवाट, मऊ स्टेशन पर 71 किलोवाट, वाराणसी सिटी कोचिंग डिपो में 60 किलोवाट, बलिया स्टेशन पर 146 किलोवाट, मसरख स्टेशन पर 40 किलोवाट, गोपालगंज स्टेशन पर 35 किलोवॉट एवं थावे स्टेशन पर 26 किलोवाट क्षमता (केडब्ल्यूपी) के रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी अशोक कुमार ने बताया कि बलिया स्टेशन के परिचालन कक्ष, यात्री विश्रामालय, टिकट घर, कंट्रोल रूम सहित अन्य भवनों पर पैनल लगाए गए हैं। अभी करीब 100 किलोवाट के प्लांट से प्रतिदिन तीन हजार रुपये की बचत हो रही है। आने वाले दिनों रोज चार हजार से अधिक की बचत होगी। प्रति माह करीब दो लाख रुपये बिजली के बिल में कटौती होगी। आने वाले दिनों में कर्मचारी आवासों व निर्माणाधीन कार्यालयों पर भी सोलर प्लांट लगाया जाएगा।
रेलवे बिजली को लेकर आत्मनिर्भर बन रहा है। स्टेशन भवन पर 146 किलोवाट का रूफटॉप सोलर पैनल लगाया जा रहा है। जिससे प्रतिदिन 441 यूनिट बिजली पैदा होगी। स्टेशन पर अभी रोज 324 यूनिट बिजली की खपत है। गर्मी के मौसम में बिजली का बिल चार लाख रुपया प्रतिमाह आ रहा है। सोलर पैनल चालू होने के बाद करीब दो लाख रुपया प्रतिमाह की बचत होगी।
वाराणसी मंडल पर वित्त वर्ष 2025-26 में माह अप्रैल तक कुल 519 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिसमें बनारस स्टेशन पर 141 किलोवाट, मऊ स्टेशन पर 71 किलोवाट, वाराणसी सिटी कोचिंग डिपो में 60 किलोवाट, बलिया स्टेशन पर 146 किलोवाट, मसरख स्टेशन पर 40 किलोवाट, गोपालगंज स्टेशन पर 35 किलोवॉट एवं थावे स्टेशन पर 26 किलोवाट क्षमता (केडब्ल्यूपी) के रूफटॉप सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, वाराणसी अशोक कुमार ने बताया कि बलिया स्टेशन के परिचालन कक्ष, यात्री विश्रामालय, टिकट घर, कंट्रोल रूम सहित अन्य भवनों पर पैनल लगाए गए हैं। अभी करीब 100 किलोवाट के प्लांट से प्रतिदिन तीन हजार रुपये की बचत हो रही है। आने वाले दिनों रोज चार हजार से अधिक की बचत होगी। प्रति माह करीब दो लाख रुपये बिजली के बिल में कटौती होगी। आने वाले दिनों में कर्मचारी आवासों व निर्माणाधीन कार्यालयों पर भी सोलर प्लांट लगाया जाएगा।