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खेतों पर लटके तार हर वर्ष लील जाते हैं िकसानों की गाढ़ी मेहनत
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रबी पर खतरा बनकर लटक रहे जर्जर तार
--रबी की फसल पककर तैयार, किसानों जान हलक में अटकी
--हर साल अगलगी में हजारों बीघे फसल होती है स्वाहा
संवाद न्यूज एजेंसी
बलिया। रबी की फसल पककर तैयार है। ग्रामीण इलाकों में जर्जर तार अक्सर टूट कर गिरते रहते हैं। इससे फसलों में आग लग जाती है। हर साल अगलगी में हजारों बीघे फसल जल जाती है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसको लेकर विद्युत विभाग उदासीन बना रहता है और किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है।
जिले में हर वर्ष बड़े पैमाने अगलगी की घटनाएं होती हैं। इसमें रबी के दौरान हर वर्ष कहीं एचटी तो कहीं एलटी तारों के टूटने से खेतों में आग लग जाती है। इसके अलावा कई बार खलिहानों में भी विद्युत तारों के टूटने से घटनाएं होती हैं। खेतों में खासकर गेहूं की फसलें बर्बाद हो जाती हैं लेकिन किसानों की शिकायत के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से मामले में लीपापोती कर दी जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021-2022 में विद्युत विभाग के रिकार्ड में तारों के टूटने से मात्र एक घटना का ही उल्लेख है जिसकी जांच हुई और भुगतान किया गया। जबकि धरातल पर देखें तो वर्ष 2021-2022 में बैरिया, बांसडीह, सिकंदरपुर, रसड़ा, बलिया सदर व बेल्थरारोड तहसीलों में तीन से चार गांवों में तारों के टूटने से खेतों में अगलगी की घटनाएं हुईं लेकिन किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिल सका।
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906 के सापेक्ष 512 गांवों के बदले गए जर्जर तार
बलिया। जिले के अधिकांश गांवों के विद्युत तार जर्जर हो चुके हैँ और अक्सर टूट कर गिरते हैं। इसके चलते जहां अगलगी की घटनाएं होती हैं वहीं संबंधित क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है। विद्युत विभाग ने एक हजार से अधिक आबादी के 906 गांवों के 920 मजरे के पुराने तारों को हटाकर एबीसी केबल लगाने का काम शुरु किया है और करीब 512 गांवों में कार्य पूरा हो चुका है।
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विद्युत सुरक्षा विभाग ने 19 मामलों का किया निस्तारण
जिले में विद्युत से संबंधित होने वाली घटनाओं पर नजर व जांच को लेकर विद्युत सुरक्षा निदेशालय का कार्यालय स्थापित है। इस कार्यालय का मुख्य कार्य विद्युत से घटित दुर्घटनाओं की जांच करके आख्या उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन व डिस्काम आदि को मंतव्य एवं संतुति के साथ भेजना है। विद्युतीय अधिष्ठापनों का नियतकालिक निरीक्षण किया जाना। विद्युत संबंधी कार्य करने के लिए विद्युत ठेकेदारी लाइसेंस, सुपरवाइजर सक्षमता प्रमाणपत्र तथा वायरमैन परमिट प्रदान करना व उनका नवीकरण करना आदि है। विद्युत सुरक्षा कार्यालय के अनुसार वर्ष 2021-2022 में जिले में विद्युत से संबंधित कुल 19 घटनाएं हुई जिसमें खेत में अगलगी की घटना एक हुई थी। सभी मामलों का निस्तारण कर दिया गया है और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजा जा चुका है।
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ऐसे कर सकते हैँ शिकायत
विद्युत तारों से अगलगी की घटना होने पर संबंधित किसान को सबसे पहले संबंधित उपकेंद्र के एसडीओ को सूचित करना होगा। इसके बाद एसडीओ की ओर से इस मामले की ऑनलाइन फीडिंग कर विद्युत सुरक्षा विभाग के पोर्टल पर भेजा जाएगा। विद्युत सुरक्षा अधिकारी की ओर से जांच के लिए समय निर्धारित की जाएगी। निर्धारित समय पर विद्युत सुरक्षा विभाग के साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारी भी मौके की जांच करेंगे। विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट को वाराणसी स्थित उपनिदेशक विद्युत सुरक्षा को भेज दी जाती है। इसके बाद नियमानुसार भुगतान के लिए संबंधित विद्युत वितरण खंड को निर्देशित किया जाता है।
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विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पीड़ित को नियमानुसार भुगतान विभाग की ओर से किया जाता है। किसी भी पीड़ित का भुगतान बकाया नहीं है।
- एके चौधरी, अधिशासी अभियंता, विद्युत, बलिया।

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बलिया। रबी की फसल पककर तैयार है। ग्रामीण इलाकों में जर्जर तार अक्सर टूट कर गिरते रहते हैं। इससे फसलों में आग लग जाती है। हर साल अगलगी में हजारों बीघे फसल जल जाती है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसको लेकर विद्युत विभाग उदासीन बना रहता है और किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है।
जिले में हर वर्ष बड़े पैमाने अगलगी की घटनाएं होती हैं। इसमें रबी के दौरान हर वर्ष कहीं एचटी तो कहीं एलटी तारों के टूटने से खेतों में आग लग जाती है। इसके अलावा कई बार खलिहानों में भी विद्युत तारों के टूटने से घटनाएं होती हैं। खेतों में खासकर गेहूं की फसलें बर्बाद हो जाती हैं लेकिन किसानों की शिकायत के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से मामले में लीपापोती कर दी जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021-2022 में विद्युत विभाग के रिकार्ड में तारों के टूटने से मात्र एक घटना का ही उल्लेख है जिसकी जांच हुई और भुगतान किया गया। जबकि धरातल पर देखें तो वर्ष 2021-2022 में बैरिया, बांसडीह, सिकंदरपुर, रसड़ा, बलिया सदर व बेल्थरारोड तहसीलों में तीन से चार गांवों में तारों के टूटने से खेतों में अगलगी की घटनाएं हुईं लेकिन किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिल सका।
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906 के सापेक्ष 512 गांवों के बदले गए जर्जर तार
बलिया। जिले के अधिकांश गांवों के विद्युत तार जर्जर हो चुके हैँ और अक्सर टूट कर गिरते हैं। इसके चलते जहां अगलगी की घटनाएं होती हैं वहीं संबंधित क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति भी बाधित होती है। विद्युत विभाग ने एक हजार से अधिक आबादी के 906 गांवों के 920 मजरे के पुराने तारों को हटाकर एबीसी केबल लगाने का काम शुरु किया है और करीब 512 गांवों में कार्य पूरा हो चुका है।
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विद्युत सुरक्षा विभाग ने 19 मामलों का किया निस्तारण
जिले में विद्युत से संबंधित होने वाली घटनाओं पर नजर व जांच को लेकर विद्युत सुरक्षा निदेशालय का कार्यालय स्थापित है। इस कार्यालय का मुख्य कार्य विद्युत से घटित दुर्घटनाओं की जांच करके आख्या उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन व डिस्काम आदि को मंतव्य एवं संतुति के साथ भेजना है। विद्युतीय अधिष्ठापनों का नियतकालिक निरीक्षण किया जाना। विद्युत संबंधी कार्य करने के लिए विद्युत ठेकेदारी लाइसेंस, सुपरवाइजर सक्षमता प्रमाणपत्र तथा वायरमैन परमिट प्रदान करना व उनका नवीकरण करना आदि है। विद्युत सुरक्षा कार्यालय के अनुसार वर्ष 2021-2022 में जिले में विद्युत से संबंधित कुल 19 घटनाएं हुई जिसमें खेत में अगलगी की घटना एक हुई थी। सभी मामलों का निस्तारण कर दिया गया है और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजा जा चुका है।
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ऐसे कर सकते हैँ शिकायत
विद्युत तारों से अगलगी की घटना होने पर संबंधित किसान को सबसे पहले संबंधित उपकेंद्र के एसडीओ को सूचित करना होगा। इसके बाद एसडीओ की ओर से इस मामले की ऑनलाइन फीडिंग कर विद्युत सुरक्षा विभाग के पोर्टल पर भेजा जाएगा। विद्युत सुरक्षा अधिकारी की ओर से जांच के लिए समय निर्धारित की जाएगी। निर्धारित समय पर विद्युत सुरक्षा विभाग के साथ ही विद्युत विभाग के अधिकारी भी मौके की जांच करेंगे। विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट को वाराणसी स्थित उपनिदेशक विद्युत सुरक्षा को भेज दी जाती है। इसके बाद नियमानुसार भुगतान के लिए संबंधित विद्युत वितरण खंड को निर्देशित किया जाता है।
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विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पीड़ित को नियमानुसार भुगतान विभाग की ओर से किया जाता है। किसी भी पीड़ित का भुगतान बकाया नहीं है।
- एके चौधरी, अधिशासी अभियंता, विद्युत, बलिया।