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Balrampur News: दुधमुंहे का शिकार करने वाले जानवर की नहीं हो सकी पहचान
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-बलरामपुर के रेहारपुरवा गांव में लगाया गया पिंजड़ा ।-संवाद
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हरैया सतघरवा। सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग की ग्राम पंचायत नेवलगंज के मजरे रेहारपुरवा झौहना गांव में दुधमुंहे बच्चे को उठा ले जाने वाले जंगली जानवर की पहचान अभी नहीं हो सकी है। ग्रामीणों का दावा है कि जंगली जानवर तेंदुआ है, जो अक्सर गांव के आसपास नजर आता है। वहीं, बुधवार को गांव में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा गया है।
ग्रामवासी अलखराम, केशराम, कल्लू, शेषराम और सुरेश कुमार ने बताया कि गांव में पिंजरा लगाने के बाद उसमें कोई जानवर नहीं बांधा जा रहा, जिससे जंगली जानवर पकड़ा नहीं जा पा रहा है। गांव वालों के अनुसार बीती रात करीब दो बजे तेंदुआ फिर गांव में आया। उसकी आहट से मुर्गियां शोर मचाने लगीं। इससे ग्रामीणों की नजर उस पर पड़ी और शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार की रात गुरदासपुरवा निवासी चनावती अपने ननदोई भगवंत राम के घर आई थीं। रात दो बजे तेंदुआ उनके दुधमुंहे बच्चे रोहित को उठा ले गया था। नौनिहाल का क्षत-विक्षत शव घर से करीब 200 मीटर दूर गांव के पश्चिमी छोर पर मिला था।
रेंजर सत्रोहन लाल ने बताया कि गांव के पास पिंजरा लगाया गया है और जंगली जानवर की ड्रोन कैमरे से निगरानी कराई जा रही है। एसडीओ मनोज कुमार के अनुसार, गांव में लगाए गए पांच कैमरों की फुटेज जांची जा रही है। जैसे ही तेंदुए की स्पष्ट तस्वीर मिलती है, पिंजरे में चारा बांधकर उसे पकड़ा जाएगा।
जंगली जानवरों से बचाव के लिए निकाली जागरूकता रैली
पिपरहवा चौराहा/महराजगंज तराई। बरहवा रेंज अंतर्गत वन विभाग ने जंगली जानवरों से बचाव के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया। वन क्षेत्राधिकारी बृजेश सिंह परमार के नेतृत्व में ई रिक्शा द्वारा ग्राम महादेव, अहलादडीह, रेहरा और नेवासपुर सहित कई गांवों में जागरूकता संदेश प्रसारित किए गए। वन क्षेत्राधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे जंगल के किनारे कटीले तार न लगाएं और न ही वन क्षेत्र में ज्वलनशील सामग्री लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के संरक्षण और सुरक्षा में ग्रामीणों की बड़ी भूमिका होती है। ग्रामीणों को सलाह दी गई कि रात में अकेले खेत न जाएं, समूह में रहकर ही कृषि कार्य करें और बच्चों को अकेले खेत या जंगल की ओर न भेजें। कार्यक्रम में फॉरेस्टर कुशाग्र पाठक, गौरव मिश्रा सहित कई वनकर्मियों ने हिस्सा लिया।
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ग्रामवासी अलखराम, केशराम, कल्लू, शेषराम और सुरेश कुमार ने बताया कि गांव में पिंजरा लगाने के बाद उसमें कोई जानवर नहीं बांधा जा रहा, जिससे जंगली जानवर पकड़ा नहीं जा पा रहा है। गांव वालों के अनुसार बीती रात करीब दो बजे तेंदुआ फिर गांव में आया। उसकी आहट से मुर्गियां शोर मचाने लगीं। इससे ग्रामीणों की नजर उस पर पड़ी और शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
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उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार की रात गुरदासपुरवा निवासी चनावती अपने ननदोई भगवंत राम के घर आई थीं। रात दो बजे तेंदुआ उनके दुधमुंहे बच्चे रोहित को उठा ले गया था। नौनिहाल का क्षत-विक्षत शव घर से करीब 200 मीटर दूर गांव के पश्चिमी छोर पर मिला था।
रेंजर सत्रोहन लाल ने बताया कि गांव के पास पिंजरा लगाया गया है और जंगली जानवर की ड्रोन कैमरे से निगरानी कराई जा रही है। एसडीओ मनोज कुमार के अनुसार, गांव में लगाए गए पांच कैमरों की फुटेज जांची जा रही है। जैसे ही तेंदुए की स्पष्ट तस्वीर मिलती है, पिंजरे में चारा बांधकर उसे पकड़ा जाएगा।
जंगली जानवरों से बचाव के लिए निकाली जागरूकता रैली
पिपरहवा चौराहा/महराजगंज तराई। बरहवा रेंज अंतर्गत वन विभाग ने जंगली जानवरों से बचाव के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया। वन क्षेत्राधिकारी बृजेश सिंह परमार के नेतृत्व में ई रिक्शा द्वारा ग्राम महादेव, अहलादडीह, रेहरा और नेवासपुर सहित कई गांवों में जागरूकता संदेश प्रसारित किए गए। वन क्षेत्राधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की कि वे जंगल के किनारे कटीले तार न लगाएं और न ही वन क्षेत्र में ज्वलनशील सामग्री लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के संरक्षण और सुरक्षा में ग्रामीणों की बड़ी भूमिका होती है। ग्रामीणों को सलाह दी गई कि रात में अकेले खेत न जाएं, समूह में रहकर ही कृषि कार्य करें और बच्चों को अकेले खेत या जंगल की ओर न भेजें। कार्यक्रम में फॉरेस्टर कुशाग्र पाठक, गौरव मिश्रा सहित कई वनकर्मियों ने हिस्सा लिया।