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Banda News: दलाल को तीन हजार रुपये दो, घर पहुंच जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
संवाद न्यूज एजेंसी, बांदा
Updated Sat, 13 Sep 2025 12:51 AM IST
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फोटो- 04 बबेरू रोड स्थित आरटीओ कार्यालय के बाहर खड़े चौपहिया वाहन। संवाद
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बांदा। बबेरू रोड स्थित आरटीओ कार्यालय के बाहर कतार में बैठे बिचौलियों ने अपना चक्रव्यूह इस कदर फैला रखा है कि वहां आने वाले लोगों को फंसाकर उनका आर्थिक शोषण किया जाता है। विभागीय अधिकारी ज्यादातर सेवाएं ऑनलाइन होने का दावा करते हुए बिचौलियों के हस्तक्षेप से किनारा काट जाते हैं।
संभागीय परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन तमाम लोग वाहनों का फिटनेस कराने और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के साथ ही एनओसी दर्ज कराने या फिर अन्य कामों के लिए आते हैं। अगर व्यक्ति स्वयं आरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों से अपना काम कराने का प्रयास करता है तो उसमें तमाम कमियां निकालकर उन्हें चलता कर दिया जाता है। कार्यालय के बाहर मौजूद बिचौलियों की संबंधित व्यक्ति पर पैनी निगाह रहती है। उसके कार्यालय से बाहर निकलते ही बिचौलिये उसे अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और उसका काम कराने के नाम पर उसका आर्थिक शोषण करते हैं।
लाइसेंस बनवाने आए एक युवक ने नाम प्रकाशित न करने के आग्रह पर बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दो से तीन हजार रुपये की वसूली बिचौलियों के द्वारा की जाती है। इसके साथ ही वाहनों की फिटनेस कराने और एनओसी दर्ज कराने समेत अन्य कार्यों के लिए भी बिचौलियों ने दो से ढाई हजार रुपये शुल्क तय कर रखा है।
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बिचौलियों को कार्यालय में घुसने की इजाजत नहीं, हस्तक्षेप कैसे संभव
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्यामलाल ने कहा कि सड़क पर बैठे बिचौलियों को वह कैसे हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिचौलियों को कार्यालय में घुसने की इजाजत नहीं है, उनका हस्तक्षेप कैसे हो सकता है। विभाग की 58 सेवाओं में से 45 ऑनलाइन हैं। लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। किसी भी इंटरनेट कैफे या जनसेवा केंद्र में जाकर ऑनलाइन आवेदन करते हुए लर्निंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है। इसके लिए अधिकृत जनसेवा केंद्रों में विभाग की ओर से स्वीकृति (ऑटो एप्रूवल) मिलती है। एक माह बाद लर्निंग लाइसेंस को पूर्णतया वैध तौर पर कार्यालय से बनाया जाता है। इसके लिए टेस्ट भी होता है।
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लर्निंग में 350 और परमानेंट में लगता एक हजार रुपये का सरकारी शुल्क
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने बताया कि विभाग की ओर से ऑनलाइन की गई सेवाओं में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना आसान है। उन्होंने कहा कि जनसेवा केंद्रों में जाकर ऑनलाइन आवेदन करते हुए 350 रुपये के खर्च पर लर्निंग लाइसेंस प्राप्त किया जाता है। यही सरकारी शुल्क है। अधिकृत जनसेवा केंद्रों में शुल्क भी तय किया गया है। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एक हजार रुपये का सरकारी खर्च आता है। इसके अलावा किसी भी तरह से अगर कोई भी धनराशि मांगता है तो वह गलत है। इधर, आरटीओ कार्यालय के बाहर तंबू तानकर बैठे बिचौलिये ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों का आर्थिक शोषण करते हुए दो से तीन हजार रुपये की वसूली करते हैं।
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12 सेवाओं के लिए कार्यालय आना जरूरी
एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि 12 कार्यों के लिए वाहन स्वामियों का संभागीय परिवहन कार्यालय आना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जैसे की कोई व्यक्ति महानगरों से वाहन खरीदकर लाते हैं, इस पर एनओसी दर्ज कराने के लिए कार्यालय आना होगा। इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस को लर्निंग से परमानेंट कराने के लिए डिजिटल दस्तखत आदि जरूरी होता है।
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22 वाहनों की हुई फिटनेस और 28 ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए
एआरटीओ ने बताया कि गुरुवार को 22 वाहनों की फिटनेस की गई। इसके साथ ही 28 दोपहिया और चार पहिया समेत तीन पहिया वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 20 से 25 लाइसेंस बनाए जाते हैं और वाहनों की फिटनेस की जाती है।

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संभागीय परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन तमाम लोग वाहनों का फिटनेस कराने और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के साथ ही एनओसी दर्ज कराने या फिर अन्य कामों के लिए आते हैं। अगर व्यक्ति स्वयं आरटीओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों से अपना काम कराने का प्रयास करता है तो उसमें तमाम कमियां निकालकर उन्हें चलता कर दिया जाता है। कार्यालय के बाहर मौजूद बिचौलियों की संबंधित व्यक्ति पर पैनी निगाह रहती है। उसके कार्यालय से बाहर निकलते ही बिचौलिये उसे अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और उसका काम कराने के नाम पर उसका आर्थिक शोषण करते हैं।
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लाइसेंस बनवाने आए एक युवक ने नाम प्रकाशित न करने के आग्रह पर बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दो से तीन हजार रुपये की वसूली बिचौलियों के द्वारा की जाती है। इसके साथ ही वाहनों की फिटनेस कराने और एनओसी दर्ज कराने समेत अन्य कार्यों के लिए भी बिचौलियों ने दो से ढाई हजार रुपये शुल्क तय कर रखा है।
बिचौलियों को कार्यालय में घुसने की इजाजत नहीं, हस्तक्षेप कैसे संभव
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्यामलाल ने कहा कि सड़क पर बैठे बिचौलियों को वह कैसे हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिचौलियों को कार्यालय में घुसने की इजाजत नहीं है, उनका हस्तक्षेप कैसे हो सकता है। विभाग की 58 सेवाओं में से 45 ऑनलाइन हैं। लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। किसी भी इंटरनेट कैफे या जनसेवा केंद्र में जाकर ऑनलाइन आवेदन करते हुए लर्निंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है। इसके लिए अधिकृत जनसेवा केंद्रों में विभाग की ओर से स्वीकृति (ऑटो एप्रूवल) मिलती है। एक माह बाद लर्निंग लाइसेंस को पूर्णतया वैध तौर पर कार्यालय से बनाया जाता है। इसके लिए टेस्ट भी होता है।
लर्निंग में 350 और परमानेंट में लगता एक हजार रुपये का सरकारी शुल्क
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन ने बताया कि विभाग की ओर से ऑनलाइन की गई सेवाओं में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना आसान है। उन्होंने कहा कि जनसेवा केंद्रों में जाकर ऑनलाइन आवेदन करते हुए 350 रुपये के खर्च पर लर्निंग लाइसेंस प्राप्त किया जाता है। यही सरकारी शुल्क है। अधिकृत जनसेवा केंद्रों में शुल्क भी तय किया गया है। परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एक हजार रुपये का सरकारी खर्च आता है। इसके अलावा किसी भी तरह से अगर कोई भी धनराशि मांगता है तो वह गलत है। इधर, आरटीओ कार्यालय के बाहर तंबू तानकर बैठे बिचौलिये ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों का आर्थिक शोषण करते हुए दो से तीन हजार रुपये की वसूली करते हैं।
12 सेवाओं के लिए कार्यालय आना जरूरी
एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि 12 कार्यों के लिए वाहन स्वामियों का संभागीय परिवहन कार्यालय आना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जैसे की कोई व्यक्ति महानगरों से वाहन खरीदकर लाते हैं, इस पर एनओसी दर्ज कराने के लिए कार्यालय आना होगा। इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस को लर्निंग से परमानेंट कराने के लिए डिजिटल दस्तखत आदि जरूरी होता है।
22 वाहनों की हुई फिटनेस और 28 ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए
एआरटीओ ने बताया कि गुरुवार को 22 वाहनों की फिटनेस की गई। इसके साथ ही 28 दोपहिया और चार पहिया समेत तीन पहिया वाहन चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 20 से 25 लाइसेंस बनाए जाते हैं और वाहनों की फिटनेस की जाती है।
फोटो- 04 बबेरू रोड स्थित आरटीओ कार्यालय के बाहर खड़े चौपहिया वाहन। संवाद